Engineer Atul Subhash Suicide Case: दहेज विरोधी कानून का शिकार हुए इंजीनियर अतुल सुभाष! क्या मरने के बाद मिल पाएगा इंसाफ?
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Engineer Atul Subhash Suicide Case: दहेज विरोधी कानून का शिकार हुए इंजीनियर अतुल सुभाष! क्या मरने के बाद मिल पाएगा इंसाफ?

Bihar Politics: अतुल सुभाष के वकील दिनेश मिश्रा ने इस घटना के दुख जताया और कहा कि उन्हें यह कदम उठाने से पहले अपने परिवार को बताना चाहिए था.

अतुल सुभाष

Bihar Politics: बिहार के AI इंजीनियर अतुल सुभाष की सुसाइड की घटना ने नौकरीपेशा युवाओं को झकझोर दिया है. अब लोग अतुल सुभाष के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं. बेंगलुरू में इंजीनियर के सुसाइड और दहेज विरोधी कानून के दुरुपयोग से जुड़े मसले पर बार कॉउन्सिल के चैयरमैन और राज्यसभा सदस्य मनन कुमार मिश्रा ने ज़ी न्यूज़ से बातचीत में बताया कि सुप्रीम कोर्ट खुद इस कानून के दुरुपयोग को लेकर सजग है. सुप्रीम कोर्ट कई बार इसको लेकर टिप्पणी कर चुका है. मनन कुमार ने बताया कि ऐसे केस में पति के रिश्तेदारों को जमानत देने को लेकर कोर्ट का रुख उदार रहा है. उन्होंने कहा कि मैं संसद में इस बात को रखूंगा. संसद को पहल करने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि सबसे बढ़िया तरीका मध्यस्थता का है. शुरुआती जांच के बाद FIR दर्ज होनी चाहिए. सिर्फ शिकायत के आधार पर तुरंत FIR नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस केस में अतुल सुभाष ने फैमिली कोर्ट की जज पर जो आरोप लगाए है, वो बेहद संजीदा है. हाई कोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए. अगर जज की करप्ट प्रैक्टिश में कोई भूमिका नजर आती है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

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वहीं अतुल सुभाष के वकील दिनेश मिश्रा ने दुख जताया और कहा कि उन्हें यह कदम उठाने से पहले अपने परिवार को बताना चाहिए था. वकील ने कहा कि यदि कोर्ट द्वारा निर्धारित 40,000 रुपये के मासिक भरण-पोषण राशि की अधिकता का मुद्दा उठाया जाता, तो उसे चुनौती दी जा सकती थी. उन्होंने यह भी कहा कि यदि परिवार को पहले सूचित किया गया होता तो शायद यह दुखद घटना नहीं घटती.

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