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Patna: BPSC Paper Leak: बीपीएससी प्रश्न पत्र लीक मामले को आज 3 सप्ताह से भी ज्यादा का समय हो चुका है. इस दौरान 10 से भी ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. हालांकि अभी तक कौन मुख्य सूत्रधार है और कौन-कौन लोग इसमें शामिल थे इसका पता नहीं लग पाया है. वहीं, EOU की जांच की रफ्तार अब धीमी पड़ने लगी है जिसकी वजह से बीपीएससी के अभ्यर्थी बेहद निराश और हताश होने लगे हैं.
सी सेट का पेपर हुआ था लीक
8 मई रविवार के दिन बीपीएससी की 67वीं परीक्षा होनी थी. परीक्षा 12:00 बजे से शुरू होने वाली थी, लेकिन परीक्षा शुरू होने से पहले खबर सामने आई कि बीपीएससी प्रश्न पत्र लीक हो गया है. पहले इसे अफवाह माना जा रहा था, लेकिन बीपीएससी अधिकारियों के पास प्रश्न पत्र पहुंचने पर सभी हैरान रह जाते है. उसके बाद आनन-फानन में एक अधिकारी को गर्दनीबाग के क्षेत्र परीक्षा केंद्र पर जांच के लिए भेजा जाता है. जहां पर अधिकारी 12:03 पर प्रश्न पत्र की कॉपी को मैच करने पर पाता है कि सी सेट में वही प्रश्न है जो कि लीक होने के बाद वायरल हो रहा है.
परीक्षा रद्द करने का लिया था फैसला
जिसके बाद बीपीएससी की तरफ से एक जांच कमेटी का गठन किया गया था. उसके बाद परीक्षा को रद्द करने की घोषणा की जाती है. बीपीएससी पूरे मामले की जांच करने के लिए डीजीपी से अग्रह करती है, और डीजीपी एक द्वारा एक टीम गठन किया जाता है. EOU की टीम को इस मामले में जांच की जिम्मेदारी दी गई है. EOU के एडीजी नैयर हसनैन खान को पूरे जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है. डीजीपी का कहना है कि रिकॉर्ड समय में पूरे मामले की जांच की जाएगी. साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. हालांकि 3 सप्ताह से भी ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी दोषियों का पता नहीं लग पाया है.
4 लोगों को लिया हिरासत में
आर्थिक अपराध इकाई और साइबर सेल अलावा एसआईटी की जांच बेहद तेजी से आगे बढ़ी थी. जिसमें पहले 4 लोगों को हिरासत में लिया गया था. पूछताछ के बाद चारों अपराधयों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. वहीं, इसमें सबसे पहली गिरफ्तारी आरा के बड़हरा के बीडिओ जयवर्धन गुप्ता की होती है. उसके बाद आरा के वीर कुंवर सिंह कॉलेज के प्रिंसिपल और दो प्रोफेसर को भी गिरफ्तार किया गया है. यहां तक की इस मामले में बिहार के चर्चित आइएएस अधिकारी से भी पूछताछ की गई है.
सॉल्वर गैंग के मुख्य अपराधी का पता लगा
इसके कुछ समय बाद EOU की टीम के द्वारा 4 लोगों की गिरफ्तार किया. इन 4 लोगों में कृष्ण मोहन सिंह को गिरफ्तार किया जाता है, जो कि पेशे से शिक्षक हैं. कृष्ण मोहन सिंह उसी आईएएस अधिकारी के मित्र हैं जिन्हें आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने पूछताछ के लिए अपने कार्यालय में बुलाया था. बीपीएससी प्रश्नपत्र लीक मामले में सॉल्वर गैंग भी शामिल बताई जा रही है. राजधानी पटना के लोहानीपुर इलाके में सॉल्वर गैंग के सदस्यों ने एक कंट्रोल रूम भी बनाया था जिसके माध्यम से प्रश्न पत्रों को सॉल्व किया जाता था. जांच के दौरान सॉल्वर अमित को गिरफ्तार किया गया था. अमित से पूछताछ में कई बातें सामने आती है. उसने बताया कि एक कैंडिडेट के लिए कितने रुपए लिए गए हैं और सॉल्वर गैंग के जो सॉल्व करने वाले सदस्य हैं उन्हें कितना पैसा दिया गया है. साथ ही बताया कि इसमें कौन-कौन लोग शामिल हैं. पूछताछ में इस पूरे मामले का मुख्य आरोपी आनंद गौरव है जो एक समय एनआईटी का स्टूडेंट रह चुका है.वह बीपीएससी प्रश्न पत्र लीक होने के बाद से ही फरार चल रहा था. जिसके लिए लगातार छापेमारी भी की जा रही है.
राजस्व विभाग के अधिकारी को किया गिरफ्तार
इस बीच कई कोचिंग संचालकों स्टूडेंट्स और कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई लेकिन इससे कोई ठोस कामयाबी नहीं मिल सकी. इस मामले में राजस्व विभाग के अधिकारी राहुल कुमार को गिरफ्तार किया गया है जो कि भरगामा में बतौर राजस्व पदाधिकारी कार्यरत है. इओयू की टीम ने पूछताछ में जानकारी हासिल होती है कि वह इस मामले के मुख्य आरोपी सॉल्वर गैंग के आनंद गौरव के साथ संपर्क में थे. सारी जानकारी के बाद उसे जेल भेज दिया गया है.
अभ्यर्थी परेशान और हताश
सॉल्वर गैंग के बाद इस मामले में हथियार तस्करों के पास इओयू की टीम जांच के लिए पहुंचती है. जिसमें से लखीसराय के दो नामी कुख्यात अपराधियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जाती है. बताया जा रहा है कि पूछताछ के दौरान ईओयू की टीम को कुछ अहम सुराग भी हासिल हुए. हालांकि पेपर लीक के बाद अभ्यार्थी बेहद परेशान हैं. बीपीएससी प्रश्नपत्र लीक मामले की जांच चल रही है कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है और कई लोगों को रडार पर रख कर पूछताछ जारी है. संबंधित जांच एजेंसी कह रही है कि जल्द से जल्द दोषियों को पकड़ लिया जाएगा. हालांकि तीन सप्ताह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी पूरी तरह से सभी दोषी सामने नहीं आ पाए हैं.