प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 2015 में मंगोलिया की यात्रा का स्मरण करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नरेन्द्र मोदी मंगोलिया का दौरा करने वाले भारत के अब तक के पहले प्रधानमंत्री हैं और पवित्र अवशेषों को ले जाना हमारे प्रधानमंत्री के उन देशों के साथ हमारे संबंधों को पुनर्जीवित करने के विजन का विस्तार है.
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गयाः मंगोलिया के लोगों के प्रति एक विशेष भावना प्रदर्शित करते हुए, भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को 14 जून को पड़ने वाले मंगोलियाई बुद्ध पूर्णिमा के समारोह के हिस्से के रूप में 11 दिवसीय प्रदर्शनी के लिए भारत से मंगोलिया ले जाया जाएगा. कानून एवं विधि मंत्री किरेन रिजिजू के नेतृत्व में पवित्र अवशेषों के साथ एक 25 सदस्यीय शिष्टमंडल 12 जून को मंगोलिया के लिए रवाना होगा.
भागवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों का प्रदर्शन गंदन मठ के परिसर में बटसागान मंदिर में किया जाएगा. बुद्ध के पवित्र अवशेष वर्तमान में राष्ट्रीय संग्रहालय में रखे गए हैं जिन्हें 'कपिलवस्तु अवशेष' के नाम से जाना जाता है. क्योंकि वह पहली बार बिहार में खोजे गए एक स्थल से हैं जिसे कपिलवस्तु का प्राचीन शहर माना जाता है.
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आज नई दिल्ली में इस दौरे के बारे में पत्रकारों को जानकारी देते हुए किरेन रिजिजू ने बताया कि यह भारत-मंगोलिया के संबंधों में एक और मील का पत्थर साबित होगा तथा यह दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और अध्यात्मिक संबंधों को और प्रगाढ़ करेगा.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 2015 में मंगोलिया की यात्रा का स्मरण करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नरेन्द्र मोदी मंगोलिया का दौरा करने वाले भारत के अब तक के पहले प्रधानमंत्री हैं और पवित्र अवशेषों को ले जाना हमारे प्रधानमंत्री के उन देशों के साथ हमारे संबंधों को पुनर्जीवित करने के विजन का विस्तार है. जिनके साथ हमारे सदियों पहले से सांस्कृतिक तथा अध्यात्मिक संबंध रहे हैं.
रिजिजू ने बताया कि मंगोलिया और भारत एक दूसरे को अध्यात्मिक तथा सांस्कृतिक पड़ोसी देशों के रूप में देखते हैं और इस समानता के कारण मंगोलिया को हमारा 'तीसरा पड़ोसी' भी कहा जा सकता है भले ही हमारी समान भौगोलिक सीमाएं नहीं हैं.
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि भगवान बुद्ध के उपदेश आज के समय में भी प्रासंगिक हैं और ये मानवता को और अधिक शांति, सद्भाव तथा समृद्धि की ओर ले जाएंगे. रिजिजू ने यह भी कहा कि भारत शांति और सद्भाव में विश्वास रखता है तथा भगवान बुद्ध के उपदेशों, जो दुनिया को भारत का सांस्कृतिक उपहार है के माध्यम से इस संदेश को विश्व भर में फैलाना चाहता है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये पवित्र अवशेष मंगोलिया के लोगों के लिए जिनका इस पवित्र अवशेष के प्रति उनके हृदय में बहुत विशिष्ट सम्मान है, एक विशेष उपहार के रूप में 11 दिनों की प्रदर्शनी के लिए ले जाये जा रहे हैं.
मीडिया को वर्चुअल तरीके से संबोधित करते हुए, केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि भगवान बुद्ध न केवल भारत में बल्कि विश्वभर में पूजनीय हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2015 में मंगोलिया का दौरा करने वाले भारत के अब तक के पहले प्रधानमंत्री हैं और इन अवशेषों का प्रदर्शन उसी मठ में किया जाएगा जहां प्रधानमंत्री ने दौरा किया था.
वहां मंगोलिया में उपलब्ध भगवान बुद्ध के अवशेषों को भी भारत से आए अवशेषों के साथ प्रदर्शित किया जाएगा. दोनों ही अवशेषों के लिए भारतीय शिष्टमंडल द्वारा दो बुलेट प्रूफ केसिंग तथा दो औपचारिक कास्केट ले जाये जा रहे हैं. आखिरी बार इन अवशेषों को 2012 में देश से बाहर ले जाया गया था जब श्रीलंका में उनकी प्रदर्शनी आयोजित की गई थी और श्रीलंका के कई स्थानों पर उन्हें प्रदर्शित किया गया था.