पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अनूठी पहल, आंवले का पौधा देकर दिया बेटी की शादी का निमंत्रण
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पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अनूठी पहल, आंवले का पौधा देकर दिया बेटी की शादी का निमंत्रण

बिहार के पश्चिम चंपारण जिला के बगहा में एक मां ने बेटी की शादी के पूर्व निमंत्रण देने का अनोखा तरीका अपनाया है. जिसकी चर्चा इलाके में खूब हो रही है.

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अनूठी पहल, आंवले का पौधा देकर दिया बेटी की शादी का निमंत्रण

बगहाः बिहार के पश्चिम चंपारण जिला के बगहा में एक मां ने बेटी की शादी के पूर्व निमंत्रण देने का अनोखा तरीका अपनाया है. जिसकी चर्चा इलाके में खूब हो रही है. दरअसल, विवाह निमंत्रण पत्र में कार्ड की जगह आंवले के पौधे अपने सगे संबंधियों और अतिथियों को भेजा जा रहा है. क्योंकि स्मिता चौरसिया का मानना है कि कार्ड में प्लास्टिक और स्याही पर्यावरण के लिए नुकसानदेह हैं. वहीं देवी देवताओं के प्रतीक चिन्ह का भी दुरुपयोग होता है. लिहाजा उन्होंने बिटिया की शादी में तकरीबन 2000 मेहमानों और आगंतुकों को बतौर आमंत्रण पत्र आंवले के पौधे भेज दिए हैं.

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अनूठी पहल
बताया जा रहा है कि रामनगर स्थित खटौरी पंचायत में खटौरी निवासी कृषि वैज्ञानिक तृप्ति विजय की शादी शुभम कुमार से आगामी 8 दिसंबर को होनी है. वैवाहिक समारोह में करीब दो हजार मित्र, शुभचिन्तक, अतिथि और रिश्तेदार शामिल होंगे. इसके लिए दुल्हन की मां स्मिता चौरसिया निमंत्रण कार्ड की जगह आंवले के पौधे दे रही हैं. पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उनकी यह अनूठी पहल इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है. स्मिता चौरसिया इस पंचायत की नवनिर्वाचित मुखिया भी हैं, जो आमंत्रित किए जाने वाले व्यक्तियों के घर जाकर आवले की पौधे और प्रकृति को हरा भरा रखने के लिए पेड़ लगाए, जल जीवन हरियाली का संचय करें, प्लास्टिक का उपयोग न करें, अन्न का दुरुपयोग न करें, स्वच्छता बनाए रखें स्लोगन वाला आग्रह पत्र देकर न्यौता दे रहीं हैं.

दुल्हन ने की है एग्रीकल्चर में पढ़ाई
बता दें कि दुल्हन तृप्ति विजय ने विश्व भारती विश्वविद्यालय शांतिनिकेतन से एमएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई की है. इस पहल को लेकर विजय भी काफी खुश दिखाई दे रही हैं. वहीं लड़की की मां स्मिता चौरसिया का कहना है कि लोग कार्ड को कचरे के डिब्बे और आग पर फेंक देते हैं. आजकल कई तरह के प्लास्टिक कोटेड कार्ड आ रहे हैं, जो पर्यावरण के लिए काफी नुकसानदेह हैं. इसे देखते हुए पर्यावरण को बचाने के लिए यह एक अच्छी पहल है. हालांकि शुरू में कुछ लोग इसको पसंद नहीं करेंगे, लेकिन हर कोई इस तरह की पहल करने लगे, तो निश्चित ही यह एक परंपरा बन जाएगी.

वर और वधू शादी के पहले कुछ फलदार पौधे लगाएंगे. यह पौधे जहां बारात रहने की व्यवस्था होगी, वहां पर लगाए जाएंगे. इसके बाद वैवाहिक कार्यक्रम का शुभारंभ होगा. बगहा पुलिस जिला में इस तरह की यह पहली और अनोखी पहल है, जिसकी लोग काफी सराहना कर रहे हैं.

इनपुट-इमरान अजीज

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