Badrinath temple: 'बदरीनाथ मंदिर बौद्ध मठ', इस सपा नेता के बयान पर बिफरे सीएम धामी, कह दी ये बात
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Badrinath temple: 'बदरीनाथ मंदिर बौद्ध मठ', इस सपा नेता के बयान पर बिफरे सीएम धामी, कह दी ये बात

Swami Prasad Maurya: बदरीनाथ मंदिर को बौद्ध मठ बताने वाले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की कड़ी आलोचना करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र पर इस तरह की टिप्पणी ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ है. 

Badrinath temple: 'बदरीनाथ मंदिर बौद्ध मठ', इस सपा नेता के बयान पर बिफरे सीएम धामी, कह दी ये बात

Swami Prasad Maurya: बदरीनाथ मंदिर को बौद्ध मठ बताने वाले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की कड़ी आलोचना करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र पर इस तरह की टिप्पणी ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ है. मुख्यमंत्री धामी ने अपने ट्वीट में कहा कि करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र भू-बैकुंठ श्री बदरीनाथ धाम पर मौर्य की टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण है.

उन्होंने कहा, 'महागठबंधन के सदस्य के रूप में समाजवादी पार्टी (सपा) के एक नेता द्वारा दिया गया यह बयान कांग्रेस और उसके सहयोगियों की देश व धर्म विरोधी सोच को दर्शाता है. यह विचार इन दलों के अंदर सिमी और पीएफआई की विचारधारा के वर्चस्व को भी प्रकट करता है.'

प्रदेश के धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि मौर्य को सनातन धर्म की जानकारी नहीं है और वह इस तरह की बयानबाजी कर केवल खबरों में बने रहना चाहते हैं. महाराज ने कहा कि बदरीनाथ धाम में नर-नारायण ने तपस्या की थी. उन्होंने कहा, ‘‘उस वक्त महात्मा बुद्ध का जन्म भी नहीं हुआ था. इसलिए बदरीनाथ धाम को बौद्ध मठ बताना सरासर गलत है.’’

उन्होंने कहा कि मौर्य को यह भी पता होना चाहिए कि जब पहले नीति घाटी के जरिए उत्तराखंड में व्यापार होता था तो उस समय भगवान बदरीनाथ के लिए तिब्बत के मठों से भी चढ़ावा आता था. उन्होंने कहा कि बौद्ध मठों ने भी भगवान बदरी-विशाल की महिमा को माना है.

मौर्य ने बृहस्पतिवार को लखनऊ में ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर पत्रकारों द्वारा प्रतिक्रिया मांगे जाने पर कहा था कि बदरीनाथ मंदिर आठवीं सदी तक बौद्ध मठ था जिसे आदि शंकराचार्य ने हिंदू मंदिर में परिवर्तित किया था. अपने बयान पर राजनीतिक नेताओं से लेकर सोशल मीडिया उपयोक्ताओं की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद मौर्य ने शुक्रवार को एक ट्वीट कर कहा कि अब उन्हें अपनी आस्था याद आ रही है तो क्या औरों की आस्था, आस्था नहीं है.

मौर्य ने कहा, ‘‘आखिर मिर्ची लगी न, अब आस्था याद आ रही है. क्या औरों की आस्था, आस्था नहीं है?’’ सपा नेता ने कहा कि किसी की आस्था को चोट न पहुँचे, इसलिए उन्होंने कहा था कि 15 अगस्त, 1947 के दिन जिस भी धार्मिक स्थल की जो स्थिति थी, उसे यथास्थिति मानकर किसी भी विवाद से बचा जा सकता है. उन्होंने कहा, 'अन्यथा, ऐतिहासिक सच स्वीकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए. आठवीं शताब्दी तक बदरीनाथ बौद्ध मठ था, उसके बाद बदरीनाथ धाम हिन्दू तीर्थस्थल बनाया गया, यही सच है.'

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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