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West Bengal cabinet reshuffle: पश्चिम बंगाल में टीएमसी के सत्ता में आने के बाद से ममता कैबिनेट में सबसे बड़ा फेरबदल हुआ है. इस फेरबदल के बाद ममता कैबिनेट में 9 नए मंत्री शामिल हुए हैं. इन नए मंत्रियों में सबसे बड़ा नाम बाबुल सुप्रियो का है. उन्हें मंत्री पद मिलना भाजपा से बगावत के गिफ्ट के तौर पर देखा जा रहा है. कथित धन शोधन मामले में मुख्यमंत्री के सबसे करीबी सहयोगी पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद आज बुधवार की दोपहर नए मंत्रियों ने शपथ ली.
West Bengal cabinet reshuffle | Nine ministers take oath in Kolkata - Babul Supriyo, Snehasis Chakraborty, Partha Bhowmick, Udayan Guha, Pradip Mazumder, Tajmul Hossain, Satyajit Barman. Birbaha Hansda & Biplab Roy Chowdhury are sworn in as Ministers with independent charges. pic.twitter.com/H4e4So7D8B
— ANI (@ANI) August 3, 2022
टीएमसी में बाबुल सुप्रियो का कद बढ़ा
नए मंत्रियों में सबसे बड़ा नाम बाबुल सुप्रियो का है. बाबुल सुप्रियो भाजपा के पूर्व केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. उन्होंने पिछले साल भाजपा से इस्तीफा देकर राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में जगह बनाई थी. टीएमसी के सत्ता में लगातार तीसरी बार जीतने के तुरंत बाद बाबुल ने पार्टी का दामन थाम लिया था.
इन नेताओं ने भी ली मंत्री पद की शपथ
कैबिनेट में बाबुल सुप्रियो के साथ स्नेहाशीष चक्रवर्ती, पार्थ भौमिक, उदयन गुहा और प्रदीप मजूमदार को सीटें दी गई हैं. चार कनिष्ठ मंत्री बीरबाहा हांसदा, बिप्लब रॉय चौधरी, ताजमुल हुसैन और सत्यजीत बर्मन होंगे. गिरफ्तारी के बाद मंत्री पद से मुक्त पार्थ चटर्जी उद्योग, वाणिज्य और उद्यम और संसदीय मामलों सहित पांच प्रमुख विभागों के प्रभारी थे.
कैबिनेट विस्तार से पहले सीएम ममता ने कही थी ये बात
कैबिनेट विस्तार से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि राज्य में जिलों की संख्या भी 23 से बढ़कर 30 हो गई है, जिससे काम का बोझ बढ़ गया है. उन्होंने कहा था कि हमने मंत्री सुब्रत मुखर्जी, साधन पांडे को खो दिया. पार्थ जेल में हैं इसलिए उनका सारा काम करना है. मेरे लिए अकेले संभालना संभव नहीं है.
टीएमसी नेता ने दिए थे ये संकेत
पश्चिम बंगाल में कैबिनेट विस्तार से पहले एक वरिष्ठ तृणमूल नेता ने कहा था कि पिछले 11 सालों में मंत्रिमंडल में फेरबदल कम ही हुए हैं और जो हुए, वे मामूली थे. इस बार स्थिति अलग है. उन्होंने कहा था कि पहले कभी भी चार-पांच नये चेहरों को शामिल करने और इतने ही मंत्रिमंडल से बाहर करने की योजना नहीं रही. इसलिए, पार्टी के सत्ता में आने के बाद से यह सबसे बड़े फेरबदलों में एक होने की संभावना है.
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