Baba Siddiqui Murder Case: यूपी एसटीएफ और मुंबई क्राम ब्रांच को बाबा सिद्दीकी मामला में बड़ी कामयाबी मिली है. संयुक्त ऑपरेशन में शूटर शिव कुमार और उसके 4 साथियों को बहराइच से गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तारी के बाद शूटर ने बताया कि किस तरह बाबा सिद्दीकी को मारने का प्लान बनाया गया था.
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Baba Siddiqui Murder Case: बाबा सिद्दीकी हत्या कांड मामले में रविवार को पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. यूपी एसटीएफ और मुंबई पुलिस ब्राइंच की संयुक्त टीम ने वांछित शूटर शिवकुमार और चार अन्य को बहराइच जिले के नानपारा से गिरफ्तार कर लिया है. एक सीनियर पुलिस अफसर ने रविवार को यह जानकारी दी.
उप्र पुलिस के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था व एसटीएफ) अमिताभ यश ने बताया कि आरोपी शिवकुमार नेपाल भागने की फिराक में था. एडीजी ने बताया कि मुंबई के चर्चित बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के मुख्य शूटर शिवकुमार उर्फ शिवा को उसके चार अन्य साथियों के साथ बहराइच से गिरफ्तार करने में सफलता मिली है. एडीजी यश ने बताया कि शिवकुमार को पनाह देने व नेपाल भागने में मदद करने के आरोप में अनुराग कश्यप, ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी, आकाश श्रीवास्तव व अखिलेंद्र प्रताप सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है.
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार सभी आरोपी बहराइच जिले के कैसरगंज थाना इलाके के गंडारा गांव के निवासी हैं. एडीजी ने बताया कि बाबा सिद्दीकी हत्याकांड का अभियोग थाना निर्मल नगर, ठाणे, मुम्बई में रजिस्टर्ड हुआ था और दो शूटर धर्मराज कश्यप (बहराइच) व गुरमेल सिंह को घटना के फौरन बाद गिरफ्तार कर लिया गया था. हालांकि शिवकुमार फरार हो गया था.
कैसरगंज के पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) अनिल कुमार सिंह ने बताया था कि शिवकुमार उर्फ शिवा कुछ साल पहले मजदूरी करने महाराष्ट्र गया था और इस साल अप्रैल में उसने अपने पड़ोसी धर्मराज को भी साथ में काम करने के लिए बुला लिया था. शिवा के पिता बालकृष्ण यहां दिहाड़ी पर राजमिस्त्री का काम करते हैं. एसटीएफ ने इस बीच एक बयान जारी कर दावा किया गिरफ्तार आरोपी शिवकुमार ने पूछताछ में बताया,'मैं और धर्मराज कश्यप एक ही गांव के रहने वाले हैं. पूना में मैं कबाड़ का काम करता था. मेरी व शुभम लोनकर की कबाड़ की दुकान अगल-बगल थी.'
उसने कहा,'शुभम लोनकर लॉरेंस विश्नोई के लिए काम करता है. उसने मेरी बात लॉरेंस के भाई अनमोल बिश्नोई से कई बार स्नैप चैट से कराई थी.' शिवकुमार ने कहा,'मुझे बताया गया था कि बाबा सिद्दीकी की हत्या के बदले में मुझे यह बताया गया था कि हत्या के बाद दस लाख रुपये तुम्हें मिलेंगे और हर महीने तुम्हें कुछ न कुछ मिलता ही रहेगा.' बयान के अनुसार,'शिवा ने यह भी कहा कि हत्या के लिए हथियार व कारतूस, सिम व मोबाइल फोन शुभम लोनकर व मोहम्मद यासीन अख्तर ने हम लोगों को दिया था. हत्या से पहले आपस में बात करने के लिए तीनों शूटरों को नये सिम व मोबाइल फोन दिये गये थे.'
शिवा ने एसटीएफ को यह भी बताया,'हम लोग मुम्बई में बाबा सिद्दीकी की कई दिन से रैकी कर रहे थे और 12 अक्टूबर की रात को सही समय मिलने पर हम लोगों ने बाबा सिद्दीकी की हत्या कर दी.' उसने पूछताछ में कहा,'उस दिन त्योहार होने की वजह से पुलिस व भीड़-भाड़ भी थी, जिसके कारण दो लोग मौके पर पकड़ लिये गये थे और मैं फरार हो गया था. मैंने फोन रास्ते में फेंक दिया था और मुंबई से पूना चला गया था. पूना से झांसी व लखनऊ के रास्ते बहराइच पहुंचा था. बीच-बीच में मैं अपने साथियों व हैंडलर्स से किसी का भी फोन मांग कर बात करता रहा.'
इनपुट: भाषा