Amit Shah's Security Breach: गृह मंत्री अमित शाह की सुरक्षा में चूक, TRS नेता ने काफिले के आगे लगाई कार
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Amit Shah's Security Breach: गृह मंत्री अमित शाह की सुरक्षा में चूक, TRS नेता ने काफिले के आगे लगाई कार

Amit Shah's Security Lapse: हैदराबाद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की सुरक्षा में चूक हो गई है. टीआरएस नेता श्रीनिवास ने शाह के काफिले के आगे कार लगा दी.

अमित शाह के काफिले के आगे श्रीनिवास ने रोकी कार.

Amit Shah's Hyderabad Visit: गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की सुरक्षा में तेलंगाना (Telangana) के हैदराबाद (Hyderabad) में चूक हो गई है. TRS नेता श्रीनिवास ने अमित शाह के काफिले के आगे अपनी कार रोक दी. सुरक्षाकर्मियों ने जबरन TRS नेता श्रीनिवास (Srinivas) की कार को हटाया. हालांकि, अब TRS नेता श्रीनिवास का कहना है कि वो टेंशन में थे. कार काफिले के आगे रुक गई थी. पुलिसकर्मियों ने टीआरएस नेता श्रीनिवास को हिरासत में ले लिया है.

अमित शाह के काफिले के सामने खड़ी कर दी कार

बताया जा रहा है कि टीआरएस नेता श्रीनिवास ने हैदराबाद में गृह मंत्री अमित शाह के काफिले के सामने अपनी कार खड़ी की. हालांकि, बाद में सुरक्षाकर्मियों ने उनको और उनकी कार को जबरन गृह मंत्री अमित शाह के काफिले के रास्ते से हटा दिया.

TRS नेता ने बताई ये वजह

TRS नेता श्रीनिवास ने कहा कि कार यूं ही रुक गई. मैं तनाव में था. मैं पुलिस अधिकारी बात करूंगा. उन्होंने कार में तोड़फोड़ की. मैं जाऊंगा, यह अनावश्यक तनाव है.

‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ पर शाह ने क्या कहा?

बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हैदराबाद दौरे पर हैं. यहां अमित शाह ने ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि अगर सरदार पटेल नहीं होते, तो हैदराबाद को मुक्त कराने में कई और साल लग जाते. उन्होंने कहा कि सरदार पटेल जानते थे कि जब तक निजाम के रजाकारों को हरा नहीं दिया जाता, तब तक अखंड भारत का सपना साकार नहीं होगा.

अमित शाह ने कहा कि इतने साल बाद, इस भूमि के लोगों की इच्छा थी कि ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ को सरकार की भागीदारी से मनाया जाना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि 75 साल बाद भी यहां शासन करने वाले वोट बैंक की राजनीति के कारण ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ मनाने का साहस नहीं जुटा पाए. कई लोगों ने चुनावों और विरोध प्रदर्शनों के दौरान मुक्ति दिवस मनाने का वादा किया, लेकिन जब वे सत्ता में आए, तो रजाकारों के भय से अपने वादों से मुकर गए.

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