Maharashtra Politics: अजित पवार ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक के साथ रविवार को मुंबई में मंच साझा किया. कहा जा रहा है कि इस घटनाक्रम से भारतीय जनता पार्टी नाराज हो सकती है
Trending Photos
Maharashtra Assembly Election 2024: अजित पवार को लेकर लोकसभा चुनाव के बाद से ही बीजेपी-आरएसएस के एक तबके में नाराजगी के सुर उठ रहे हैं. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बस अब तीन महीने रह गए हैं. इस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा एनसीपी नेता अजित पवार के रुख को लेकर ही हो रही है. कोई कह रहा है कि वो सीएम एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ महायुति का हिस्सा बने रहेंगे. वहीं कुछ लोग ये दावा कर रहे हैं कि वो चुनाव तक फिर चाचा शरद पवार के साथ जा सकते हैं. पिछले दिनों उन्होंने बारामती लोकसभा सीट से बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ पत्नी सुनेत्रा पवार को खड़ा करने के फैसले को गलत माना था. उसके बाद से ही उनके आगामी रुख को लेकर कुछ ज्यादा ही चर्चा हो रही है.
अब उससे एक कदम आगे बढ़ते हुए अजित पवार ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक के साथ रविवार को मुंबई में मंच साझा किया. कहा जा रहा है कि इस घटनाक्रम से भारतीय जनता पार्टी नाराज हो सकती है क्योंकि उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस नहीं चाहते हैं कि सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में मलिक को शामिल किया जाए. दरअसल नवाब मलिक, एनसीपी संस्थापक शरद पवार के हैं और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी हैं. वह इस समय मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत पर हैं. मुंबई में नवाब मलिक के विधानसभा क्षेत्र अणुशक्ति नगर में ‘जन सम्मान’ यात्रा का आयोजन किया गया जिसमें अजित पवार ने मलिक की बेटी सना नवाब मलिक को अपनी पार्टी का प्रवक्ता नियुक्त किया.
महायुति में 'फूट'!
इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) ने सोमवार को दावा किया कि सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन शिवसेना, भाजपा और अजित पवार नीत एनसीपी के बीच आंतरिक फूट के कारण महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले टूट जाएगा. एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के मुख्य प्रवक्ता महेश तपासे ने शिवसेना नेता रामदास कदम द्वारा लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री एवं भाजपा नेता रवींद्र चव्हाण की आलोचना और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के काफिले को भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा काले झंडे दिखाये जाने का संदर्भ दिया.
कदम ने मुंबई-गोवा राजमार्ग की खराब स्थिति को लेकर चव्हाण को एक ‘‘बेकार मंत्री’’ करार दिया है. तपासे ने कदम की टिप्पणी को महायुति गठबंधन के अंदर बिगड़ते संबंधों का संकेत बताया.
उन्होंने रविवार को जन सम्मान यात्रा के दौरान जुन्नार में अजित पवार के काफिले को काले झंडे दिखाने वाले भाजपा समर्थकों के विरोध प्रदर्शन का भी उल्लेख किया. तपासे ने एक बयान में आरोप लगाया, ‘‘महायुति के घटक दलों के बीच कोई समन्वय नहीं है, एक-दूसरे के प्रति कोई सम्मान नहीं है और महाराष्ट्र के लोगों के कल्याण के लिए कोई वास्तविक चिंता नहीं है.’’ उन्होंने दावा किया कि नकदी हस्तांतरित करने के सरकार के एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘लाडकी बहिन योजना’ को हड़पने की अजित पवार की कोशिशों से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस नाराज हैं.
तपासे के अनुसार, शनिवार को इस योजना की औपचारिक शुरूआत किये जाने के अवसर पर विपक्षी नेताओं, विधायकों और सांसदों को जानबूझकर आमंत्रित नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि सत्तारूढ़ गठबंधन जनता की सेवा करने से अधिक राजनीति करने में दिलचस्पी रखता है. उन्होंने कहा, ‘‘महायुति गठबंधन केवल सत्ता में बने रहने और अपने सदस्यों को कानूनी जांच से बचाने के लिए है.’’