45 की उम्र में जिस कार्डियक अरेस्ट से हुआ इपीगेमिया के को-फाउंडर रोहन मीरचंदानी का निधन, जानिए उस बीमारी के बारे में
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45 की उम्र में जिस कार्डियक अरेस्ट से हुआ इपीगेमिया के को-फाउंडर रोहन मीरचंदानी का निधन, जानिए उस बीमारी के बारे में

कार्डियक अरेस्ट एक खतरनाक हेल्थ कंडीशन हैं जो आजकल युवाओं को अपना शुकार बना रही है, लेकिन क्या आप इसके अहम कारणों और बचने के उपायों के बारे में जानते हैं? 

45 की उम्र में जिस कार्डियक अरेस्ट से हुआ इपीगेमिया के को-फाउंडर रोहन मीरचंदानी का निधन, जानिए उस बीमारी के बारे में

Rohan Mirchandani Death Due To Cardiac Arrest: एपिगेमिया कंपनी के को-फाउंडर रोहन मीरचंदानी का अचनाक निधन से हर कोई सकते में है, उनकी उम्र महज 42 साल भी लेकिन वो कार्डियक अरेस्ट की वजह से दुनिया को अलविदा कह गए. ये एक ऐसी बीमारी है जो पहले के जमाने में बुजुर्गों के लिए खतरा थी, लेकिन आजकल यंग और मिडिल एज ग्रुप के लिए भी बड़ा रिस्क फैक्टर बन चुकी है. आइए जानते हैं कार्डियक अरेस्ट किसे कहते हैं और इसके बड़े फैक्टर्स कौन-कौन से हैं.  

कार्डियक अरेस्ट किसे कहते हैं?

कार्डियक अरेस्ट एक अचानक और जिंदगी के लिए खतरा पैदा करने वाला मेडिकल कंडीशन है जिसमें दिल असरदार तरीके से धड़कना बंद कर देता है, जिससे ब्रेन और दूसरे अहम अंगों में ब्लड फ्लो में रुकावट पैदा हो जाती है. ये तब होता है जब हार्ट के इलेक्ट्रिक सिस्टम में खराबी आ जाती है, अक्सर वेंट्रिकुलर फाइब्रिलेशन जैसी एरिथमिया के कारण. इसके लक्षणों में अचानक गिरना, बेहोशी और पल्स या सांस की गैरमौजूदगी शामिल हैं.  कार्डियक अरेस्ट हार्ट अटैक से अलग हैं, जिसमें दिल में ब्लड फ्लो ब्लॉक हो जाता है.

यंग एज ग्रुप में बढ़ते मामलों की वजह
युवाओं में भले ही कार्डियक अरेस्ट के मामले बुजुर्गों से कम हैं, लेकिन ये पिछले कुछ सालों में बढ़ते जा रहे हैं, जो चिंता का कारण है. इसके मेजर फैक्टर हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी, एक जेनेटिक डिसऑर्डर है जिसमें हार्ट का मसल मोटा हो जाता है जिसे इलेक्ट्रिकल इनस्टेबिलिटी होती है. लॉन्ग क्यूटी सिंड्रोम या ब्रुगाडा सिंड्रोम जैसे दूसरे इनहैरिटेड एरिथमिया भी युवाओं को अचानक दिल से जुड़ी परेशानियों को दावत देते हैं. इन कंडीशन का तब तक पता नहीं चलता जब तक कार्डियक अरेस्ट नहीं आता.

लाइफस्टाइल और एनवायरनमेंट ट्रिगर भी कार्डियक अरेस्ट का अहम फैक्टर है, मिसाल के तौर पर कंपिटिटिव स्पोर्ट, किसी ड्रग का सेवन, शराब पीना. इसके अलावा हद से ज्यादा स्ट्रेस लेना, नींद की कमी, अनहेल्दी डाइट लेना दिल की इस बीमारी को काफी ज्यादा बढ़ा देता है.

कार्डियक अरेस्ट से कैसे बचें?

कार्डियक अरेस्ट को लेकर लोगों में अवेरनेस फैलानी जरूरी है, खासकर यंग एज के लोग इस बात को लेकर बेफिक्र न हो जाएं कि उनको ये बीमारी नहीं हो सकती. सेहतमंद रहने के लिए हेल्दी डाइट लेते रहें और रेगुलर एक्सराइज पर भी ध्यान दें. हमेशा खुश रहें और बेवजह के स्ट्रेस  से दूर रहें. इसके अलावा डॉक्टर के पास जाकर रेगुलर चेकअप कराना भी जरूरी है, ताकि दिल की बीमारी का पहले ही पता लग जाए.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मक़सद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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