AIDS ने ली थी इस महान खिलाड़ी की जान, जानिए कैसे फैलती है ये खतरनाक बीमारी, इस तरह कर सकते हैं बचाव
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AIDS ने ली थी इस महान खिलाड़ी की जान, जानिए कैसे फैलती है ये खतरनाक बीमारी, इस तरह कर सकते हैं बचाव

Symptoms of AIDS disease:एड्स कैसे फैलता है और यह कितना खतरनाक हो सकता है, इसको लेकर हमने ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा हॉस्टिपटल में पदस्थ एमबीबीएस और इंटरनल मेडिसिन स्पेशलिस्ट डॉक्टर भुमेश त्यागी से खास बातचीत की है.

Symptoms of AIDS disease

Symptoms of AIDS disease: एड्स एक ऐसी बीमारी है, जिस पर खुलकर बात नहीं की जाती. इस बीमारी के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस (World Aids Day) मनाया जाता है. यह बीमारी महिला-पुरुष दोनों को हो सकती है. अमेरिका के महान टेनिस खिलाड़ी आर्थर ऐश को भी एड्स हुआ था. साल 1988 में उन्हें एचआईवी पॉजिटिव होने का पता चला. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पांच साल पहले दिल की सर्जरी के दौरान एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाने की वजह से उन्हें ये बीमारी हुई थी. 

साल 1992 में आर्थर ऐश ने बीमारी का खुलासा कर सबको चौंका दिया. साल 1993 में एड्स की वजह से उन्हें निमोनिया हो गया और 6 फरवरी को न्यूयार्क अस्पताल में उनकी मौत हो गई. एड्स एक एक जानलेवा बीमारी है. पूरी दुनिया के डॉक्टर इसके कारगर इलाज की तलाश में हैं और लगातार रिसर्च कर रहे हैं. इसलिए इस रोग से दूर रहने के लिए बचाव करना ही सबसे बेहतरीन इलाज है.

चौंकाने वाले हैं आंकड़े

राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) का अनुमान है कि 2017 में भारत में 2.14 मिलियन लोग एचआईवी/एड्स के साथ जी रहे थे. आखिर एड्स क्या है और यह कैसे फैलता है? इस तरह के जरूरी सवालों को लेकर हमने ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा हॉस्टिपटल में पदस्थ एमबीबीएस और इंटरनल मेडिसिन स्पेशलिस्ट डॉक्टर भुमेश त्यागी से खास बातचीत की है.

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क्या है एचआईवी (HIV)
एचआईवी (HIV) का मतलब है ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस (Human Immunodeficiency Virus) यह वायरस एड्स (AIDS) का कारण बनता है, जो शरीर के अंदर जाकर आपके इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है और उसके खून को सफेद पानी में बदल देता है.

क्या है  (AIDS)
एड्स (AIDS) का मतलब अक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम (Acquired Immunodeficiency Syndrome) है. जब एचआईवी का इलाज नहीं किया जाता है, तो इससे एड्स हो सकता है, एड्स, एचआईवी का तीसरा और सबसे खतरनाक चरण है, एक व्यक्ति जिसका एचआईवी का इलाज नहीं किया गया है, उसे एड्स विकसित होने की संभावना ज्यादा रहती है. एड्स होने से पहले एक व्यक्ति लगभग 10 से 15 साल तक एचआईवी वायरस के साथ रह सकता है.

इन तरीकों से फैल सकता है एड्स

  • 1. बिना प्रोटेक्शन लिए किसी के साथ संभोग करने की स्थिति में एड्स फैलने की संभावना बढ़ जाती है.
  • 2. एक ही सिरिंज और सुई का इस्तेमाल बार-बार किए जाने पर भी संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है.
  • 3. एचआईवी संक्रमित रक्त से दूषित चिकित्सक उपकरणों का उपयोग किसी दूसरे पर करने से भी यह फैल सकता है.
  • 4. संक्रमित योनि स्राव, वीर्य और खुले घावों के संपर्क में आने से भी यह बीमारी फैल सकती है.
  • 5. जो भी महिला इस बीमारी से संक्रमित है, अगर वह शिशु को स्तनपान कराती है तो भी यह संक्रमण फैल सकता है.

हमें कैसे पता चलेगा कि एड्स के शिकार हो चुके हैं ?
डॉक्टर भुमेश त्यागी कहते हैं कि एड्स के शुरुआती दौर में यह पहचान पाना बेहद मुश्किल होता है कि एच.आई.वी. शरीर में प्रवेश कर चुका हैं या नहीं, क्योंकि इसके लक्षण 5 से 10 वर्ष के बाद भी उभर सकते हैं. अगर मुंह में सफेद चकत्तेदार धब्बे उभरना, शरीर से अधिक पसीना निकलना, बार-बार थकान की शिकायत होना, अचानक वजन कम होने लगना, तेज बुखार रहना, बार-बार दस्त लगना, जांघों और बगलों की लसिका ग्रंथियों की सूजन से गांठें पड़ना, सारे शरीर में खुजली और जलन होना, निमोनिया, टीबी, स्किन कैंसर जैसी तकलीफें होने लगे, तो एड्स का टेस्ट करवाने में देर नहीं करनी चाहिए.

एड्स से बचने के उपाय

  1. एड्स से पीड़ित व्यक्ति को संभोग से दूर रहना चाहिए.
  2. असुरक्षित सेक्स संबंध, समलैंगिक सेक्स संबंध और वेश्याओं से सेक्स करने से बचें.
  3. संभोग के बाद मूत्र त्याग करके अपने गुप्तांगों को साफ पानी से अच्छी तरह धोएं.
  4. सैलूनों में शेविंग करवाते समय नई ब्लेड का उपयोग करने को कहें.
  5. होठों पर घाव, खून का रिसाव हो तो चुम्बन से बचें, क्योंकि इस बीमारी के वायरस लार के माध्यम से आपके खून में पहुंचकर आपको इस रोग से पीड़ित कर सकते हैं.
  6. ब्लड को शरीर में लेने के पहले उसकी एच.आई.वी. मुक्त होने की जांच अवश्य करवा लें.
  7. इंजेक्शन लगवाते समय डिस्पोजेबल सिरिंज और निडिल का ही प्रयोग करें.
  8. यदि किसी अविवाहित पुरुष या स्त्री एड्स से संक्रमित हो जाए तो उन्हें विवाह नहीं करना चाहिए, क्योंकि एड्स उनके जीवनसाथी और बच्चों को संक्रमित करके उनका जीवन बर्बाद कर देगा.

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यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.

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