मौजूदा दौर में लोगों की जिम्मेदारियां इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि स्ट्रेस और डिप्रेशन आम बात हो चुकी है, लेकिन ये अवसाद इंफ्लेमेशन का काऱण बन सकते हैं.
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Link Between Depression And Inflammation: साइंटिस्ट ने डिप्रेशन और इंफ्लेमेशन के बीच गहरे रिश्ते का पता लगाया है, जिससे अवसाद को समझने का नजरिया बदल सकता है. हिब्रू यूनिवर्सिटी ऑफ जेरूसलम (Hebrew University of Jerusalem) के न्यूरोसाइंटिस्ट प्रोफेसर रज यिर्मिया (Professor Raz Yirmiya) की रिसर्च सिर्फ लेबोरेटरी तक सीमित नहीं है.
दोनों का आपस में रिश्ता
उनकी खोज ने ये दिखाया है कि माइक्रोग्लिया सेल्स (Microglia cells) और इंटरल्यूकिन-1 (Interleukin-1) कैसे स्ट्रेस से पैदा हुए डिप्रेशन में रोल अदा करते हैं. इससे ये सवाल उठता है कि क्या इंफ्लेमेशन के प्रॉसेस को समझकर डिप्रेशन के इलाज को बेहतर बनाया जा सकता है? और क्या अलग-अलग तरह की इम्यून रिस्पॉन्सेस डिप्रेशन के कई रूपों पर असर डालती हैं?
डिप्रेस्ड मरीजों को हो सकता है इंफ्लेमेशन
प्रोफेसर यिर्मिया ने ब्रेन मेडिसिन (Brain Medicine) जर्नल में छपे एक इंटरव्यू में बताया, "ज्यादातर डिप्रेस्ड मरीजों को कोई साफ इंफ्लेमेशन से जुड़ी बीमारी नहीं होती, लेकिन हमने और दूसरे वैज्ञानिकों ने पाया कि तनाव, जो डिप्रेशन का सबसे बड़ा कारण है, दिमाग में इंफ्लेमेशन के प्रॉसेस को एक्टिवेट करता है."
यिर्मिया की टीम ने आधुनिक तकनीकों और बिहेवियरल स्टडीज के जरिए कई संभावित उपचार लक्ष्य पहचाने. उनका काम माइक्रोग्लियल चेकपॉइंट सिस्टम और तनाव सहनशीलता पर केंद्रित है, जो ये समझने के नए रास्ते खोलता है कि इम्यून सिस्टम मेंटल हेल्थ को कैसे प्रभावित करता है.
कैसे होगा इलाज?
उनकी रिसर्च ये संकेत देती है कि इंफ्लेमेशन को कंट्रोल करने के आधार पर व्यक्तिगत इलाज विकसित किए जा सकते हैं. यिर्मिया कहते हैं, "मेरी मुख्य कोशिश है कि अपने और अन्य वैज्ञानिकों के रिसर्च का इस्तेमाल करके ऐसे नए एंटीडिप्रेसेंट विकसित किए जाएं जो इंफ्लेमेशन प्रॉसेस को टारगेट करें." उनके नतीजे बताते हैं कि इम्यून सिस्टम को सक्रिय या दबाव से डिप्रेशन के लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। इसलिए हर मरीज के लिए व्यक्तिगत इलाज की जरूरत है.
यिर्मिया का यह इंटरव्यू एक ऐसी सीरीज का हिस्सा है, जो विज्ञान की नई सोच के पीछे के लोगों को उजागर करती है. इस सीरीज के लेखक बताते हैं कि हर इंटरव्यू में वैज्ञानिकों के रिसर्च और उनके निजी विचारों का अनूठा मिश्रण प्रस्तुत किया गया है.
(इनपुट-आईएएनएस)