भारत में Mpox के Clade 1b का पहला मामला सामने आया है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किए गए स्ट्रेन से जुड़ा हुआ है.
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भारत में Mpox के Clade 1b का पहला मामला सामने आया है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किए गए स्ट्रेन से जुड़ा हुआ है. यह मामला केरल के मलप्पुरम जिले में पाया गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह संक्रमित मरीज 38 वर्षीय एक पुरुष है, जो हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से लौटा था. फिलहाल मरीज की स्थिति स्थिर बताई जा रही है.
एमपॉक्स एक वायरल जूनोटिक रोग है, जो संक्रमित त्वचा घावों या संक्रमित वस्त्रों और बिस्तरों के संपर्क में आने से फैलता है. यह बीमारी जानवरों से इंसानों में और इंसानों के बीच सीधे संपर्क से फैलती है. WHO ने इसे पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी (PHEIC) के रूप में दो बार घोषित किया है- पहली बार जुलाई 2022 में और फिर अगस्त 2024 में, जब विश्वभर में मामलों की संख्या बढ़ने लगी थी.
भारत में इस वायरस का Clade 1b स्ट्रेन पहली बार केरल में पाया गया है, जिससे यह चिंता का विषय बन गया है. इससे पहले, दिल्ली में Clade 2 स्ट्रेन का मामला सामने आया था, जो WHO की आपातकालीन चेतावनी के अंतर्गत नहीं आता था.
लक्षण क्या हैं?
एमपॉक्स के लक्षणों की शुरुआत संक्रमण के 14 दिनों के भीतर हो सकती है. प्रारंभिक लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, थकान और गर्दन या बगल के लिंफ नोड्स की सूजन शामिल हैं. ये शुरुआती लक्षण आमतौर पर एक से चार दिनों तक रहते हैं, जिसके बाद त्वचा पर दाने और घाव विकसित होते हैं. त्वचा पर होने वाले घावों को अक्सर चिकनपॉक्स के साथ भ्रमित किया जा सकता है, लेकिन एमपॉक्स में ये घाव अक्सर चेहरे, हाथों, पैरों और छाती पर दिखाई देते हैं. खास बात यह है कि मंकीपॉक्स के घाव हाथों और पैरों की हथेलियों और तलवों पर भी हो सकते हैं, जबकि चिकनपॉक्स में ऐसा कम होता है. गंभीर मामलों में, ये घाव जननांगों के आसपास भी हो सकते हैं, साथ ही कमर के लिंफ नोड्स में दर्दनाक सूजन हो सकती है. इसके अलावा, मुंह के अल्सर और आंखों में सूजन के दुर्लभ मामले भी हो सकते हैं.
रोकथाम कैसे करें?
एमपॉक्स के ग्लोबल प्रसार के कारण, हेल्थ एक्सपर्ट ने इस बीमारी की रोकथाम के लिए सतर्कता बरतने की सलाह दी है. यह वायरस मुख्य रूप से त्वचा से त्वचा के संपर्क के माध्यम से फैलता है. इसलिए, किसी भी ऐसे व्यक्ति से करीबी या यौन संपर्क से बचना चाहिए, जो एमपॉक्स के लक्षण दिखा रहा हो. इसके अलावा, मरीजों के पर्सनल उपयोग की चीजों जैसे कपड़े, बिस्तर या अन्य चीजों के संपर्क से बचने की सलाह दी जाती है. हेल्थ एक्सपर्ट यह भी सलाह देते हैं कि संक्रमित व्यक्ति को अलग रखा जाए और जितनी जल्दी हो सके उनका इलाज किया जाए. संक्रमित व्यक्ति के आस-पास रहने वाले लोगों को भी संक्रमण से बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए. मास्क पहनना और हाथों को साबुन या सैनिटाइजर से नियमित रूप से साफ करना संक्रमण की रोकथाम के महत्वपूर्ण उपाय हैं.
भारत में तैयारी और स्थिति
हाल ही में बढ़ते मामलों को देखते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सावधानी बरतने और संभावित एमपॉक्स मामलों की जांच और परीक्षण को तेज करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही, अस्पतालों में आवश्यक संसाधनों की तैयारी और डॉक्टरों को सतर्क किया गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके.