कैसे रखेंगे बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल? जानें क्या करें और क्या नहीं!!
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कैसे रखेंगे बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल? जानें क्या करें और क्या नहीं!!

आज की इस भागती दौड़ती लाइफ में क्या आप अपने बच्चे की मेंटल हेल्थ पर ध्यान देते हैैं. अगर नहीं तो आप उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. यहां पढ़िए बच्चों की मानसिक परेशानियों को दूर करने के कुछ आसान स्टेप्स 

कैसे रखेंगे बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल? जानें क्या करें और क्या नहीं!!

Child Mental Health: बदलते समय के साथ न सिर्फ बड़े बल्कि बच्चे भी मानसिक परेशानियों का सामना कर रहे हैं. वे भी कई कारणों से चिंतित, तनावग्रस्त, असहज और उदास महसूस करते हैं. इसके पीछे सबसे अहम कारण है जो किसी बच्चे को  तनावग्रस्त महसूस कराता है, वो है पारिवारिक वातावरण, यानि घर का माहौल. ऐसे में बच्चों को मानसिक रूप से स्वस्थ और मजबूत रखने के लिए सही पेरेंटिंग स्टाइल और पॉजिटिव पारिवारिक माहौल बेहद जरूरी है. तो अगर आप भी अपने बच्चे की खुशी सुनिश्चित करना चाहते हैं, तो इन आसान स्टेप्स का पालन करें..

क्या करें- 

उनसे खुलकर बात करें

बच्चे ईमानदार होते हैं और खुलकर बात करने पर आसानी से अपनी बात कह देते हैं. उनके साथ बातचीत शुरू करें और उनसे उनके दिन के बारे में पूछें. उनसे पूछें कि क्या कोई चीज उन्हें परेशान कर रही है और फिर उन चीजों को सुधारने की कोशिश करें जो वे हाइलाइट करते हैं.

न्यूज और मोबाइल गेम के लिए उनके एक्सपोजर को कंट्रोल करें
मोबाइल गेम और नकारात्मक खबरें आपके बच्चे के दिमाग पर गलत असर करती हैं और अनजाने में उन्हें मानसिक रूप से कमजोर बना देती हैं. उनका दिमाग और मन नेगेटिव चीजों को आकर्षित करता है और उन्हें केवल उन सभी चीजों के बारे में सोचने पर मजबूर करता है. इसलिए आपको सकारात्मक चीजों की तलाश करना होगी और जब आप अपने बच्चों के सामने हों तो सकारात्मक बात करनी चाहिए.

उनके साथ खेलें

आपके बच्चे को आपकी सबसे ज्यादा जरूरत है. आपको अपने प्रोफेशनल जीवन से कुछ समय निकालना चाहिए और अपने बच्चे के साथ क्वालिटी टाइम बिताना चाहिए. यह उन्हें सुरक्षित महसूस कराने और उनके साथ आपके संबंध बनाने में मदद करेगा. उनके साथ उनके पसंदीदा खेल खेलें और सुनें कि वे क्या कहते हैं.

ये ना करें 

अपने साथी के साथ लड़ना

बच्चे माता-पिता के बीच बहस को आसानी से पकड़ लेते हैं. वे अपने माता-पिता से डर जाते हैं और अपने तेज शोर और मतभेद के कारण उनसे दूरी बना लेते हैं. यदि आप अपने बच्चों की भलाई चाहते हैं तो आपको अपने साथी के साथ अपने बच्चों के सामने नहीं लड़ना चाहिए.

उनपर ना चीखें

बच्चे कई सवाल पूछते हैं और माता-पिता कई बार तनावग्रस्त होने के कारण उनके सवालों से चिढ़ सकते हैं. उन पर चिल्लाना समाधान नहीं है. अपने बच्चे के साथ कभी भी आक्रामक व्यवहार न करें क्योंकि यह उन पर लंबे समय तक चलने वाला प्रभाव पैदा कर सकता है.

उन्हें अकेला छोड़ना

एक अडल्ट के रूप में आपकी प्राथमिकताएँ निर्धारित हो सकती हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आपको अपने बच्चे की उपेक्षा करनी चाहिए. अपने बच्चे को उनके दादा-दादी या देखभाल करने वालों के साथ कभी-कभी छोड़ना ठीक है, लेकिन उन्हें बार-बार अकेला छोड़ना उन्हें आपसे दूर कर 

 

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