आर्टिफिशियल हार्ट वालों के लिए राहत की खबर, फेलियर के बाद भी दिल के मसल्स हो सकते हैं रिजनरेट
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आर्टिफिशियल हार्ट वालों के लिए राहत की खबर, फेलियर के बाद भी दिल के मसल्स हो सकते हैं रिजनरेट

भारत समेत दुनियाभर में कई ऐसे लोग हैं जिनकी जिंदगी आर्टिफिशियल हार्ट के सहारे चल रही है, उनको लेकर एक अहम स्टडी सामने आई है जिससे बारे में जरूर जानना चाहिए. 

आर्टिफिशियल हार्ट वालों के लिए राहत की खबर, फेलियर के बाद भी दिल के मसल्स हो सकते हैं रिजनरेट

Heart Muscle Can Regenerate After Failure: एक इंटरनेशनल रिसर्च टीम ने अपनी स्टडी में पाया कि आर्टिफिशियल हार्ट वाले कुछ लोगों में दिल की मांसपेशियां फेल होने के बाद भी काम कर सकती है. अमेरिका (USA) में यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना कॉलेज ऑफ मेडिसिन टक्सन (University of Arizona College of Medicine, Tucson) के सरवर हार्ट सेंटर (Sarver Heart Center) के एक फिजिशियन साइंटिस्ट के सह-नेतृत्व वाली टीम ने पाया कि आर्टिफिशियल हार्ट के मरीजों का एक उपसमूह हार्ट मसल को दोबारा एक्टिव कर सका. 

नए रास्ते खुलेंगे
ये रिसर्च इलाज के नए तरीकों के दरवाजे खोल सकता है और शायद किसी दिन हार्ट फेलियर को भी ठीक कर सकता है. हार्ट फेलियर का कोई इलाज नहीं है, हालांकि दवाइयों से इसके प्रोगेस को स्लो किया जा सकता है. ट्रांसप्लांट के अलावा हार्ट फेलियर के लिए इकलौता ट्रीटमेंट आर्टिफिशियल हार्ट है, जो दिल को ब्लड पंप करने में मदद कर सकता है.

बोन मसल्स हो सकते हैं रिजनरेट
यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना कॉलेज ऑफ मेडिसिन टक्सन के मेडिसिन डिपार्टमेंट में कार्डियोलॉजी डिविजन के चीफ हेशाम सादेक (Hesham Sadek) ने कहा, "हड्डियों की मांसपेशियों में चोट लगने के बाद रिजनरेट होने की अहम क्षमता होती है. अगर आप फुटबॉल खेल रहे हैं और आपकी कोई मांसपेशी फट जाती है तो आपको उसे आराम देने की जरूरत होती है और वो ठीक हो जाती है.''

हार्ट मसल्स को लेकर क्या कहा?

जब दिल की मांसपेशी घायल हो जाती है, तो वो वापस ठीक नहीं होती. जर्नल सर्कुलेशन में छपे एक रिसर्च में सादेक ने कहा कि हार्ट मसल के लॉस को ठीक करने के लिए हमारे पास कुछ भी नहीं है.  सादेक ने हृदय की मांसपेशियों के रिजनरेट होने की जांच करने के लिए इंटरनेशनल एक्सपर्ट के बीच सहयोग का नेतृत्व किया. 

यह प्रोजेक्ट यूनिवर्सिटी ऑफ यूटा हेल्थ एंड स्कूल ऑफ मेडिसिन (University of Utah Health and School of Medicine) के सहयोगियों द्वारा प्रदान किए गए आर्टिफिशियल हार्ट  पेशेंट के टिश्यू से शुरू हुआ, जिसका नेतृत्व लेफ्ट वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस मिडिएटेड रिकवरी में पायनियर स्टावरोस ड्रेकोस (Stavros Drakos) ने किया. 

जांचकर्ताओं ने पाया कि आर्टिफिशियल हार्ट वाले मरीजों ने हेल्दी हार्ट की तुलना में 6 गुना ज्यादा दर से मसल सेल्स को रिजनरेट किया.  सादेक ने कहा, "ये अब तक का सबसे मजबूत सबूत है, कि इंसानी दिल की मांसपेशी वाले सेल्स वास्तव में रिजनरेट हो सकती हैं, जो वास्तव में रोमांचक है, क्योंकि ये इस बात की पुष्टि करता है कि मानव हृदय में पुनर्जीवित होने की एक अंतर्निहित क्षमता है.''

(इनपुट-आईएएनएस)

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मक़सद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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