कहीं आपकी ईटिंग हैबिट्स ऐसी तो नहीं ? समस्या से पहले करें समाधान
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कहीं आपकी ईटिंग हैबिट्स ऐसी तो नहीं ? समस्या से पहले करें समाधान

Eating Habits: ईटिंग हैबिट्स से व्यक्ति की सेहत का पता चलता है. व्यक्ति को ईटिंग डिसऑर्डर तब होता है जब वह या तो जरूरत से ज्यादा खाता है या फिर बहुत कम. ये एक तरह का मेंटल डिसऑर्डर भी हो सकता है. 

कहीं आपकी ईटिंग हैबिट्स ऐसी तो नहीं ? समस्या से पहले करें समाधान

Eating Habits: हर किसी का खाना खाने का अलग तरीका होता है. कुछ लोग डाइटिंग के चलते सिलेक्टेड फूड या कम ही खाते हैं तो कुछ लोग सब कुछ खाना पसंद करते हैं. किसी को भूख कम लगती है तो किसी को अधिक भूख लगने की वजह से दिन भर खाते रहते हैं. ये सब कुछ निर्भर करता है आपकी खाने की आदत कैसी है. सेहत का राज भी इसी में कहीं छुपा है. स्वस्थ रहने के लिए जरूर है कि खाना खाने का तरीका सही हो. इसे दूसरे शब्दों में ईटिंग डिसऑर्डर या हैबिट कहते हैं. कई बार खाने के गलत तरीके से बीमारियां घेर लेती हैं. आज जानेंगे इसी ईटिंग डिसऑर्डर यानी ईटिंग हैबिट्स के बारे में. 

किसे कहते हैं ईटिंग हैबिट्स या डिसऑर्डर

अनहेल्‍दी ईटिंग हैबिट के कारण व्यक्ति को ईटिंग डिसऑर्डर हो जाता है जो कि एक साइकोलॉजिकल कंडीशन है. जब कोई डाइटिंग करता है, अधिक खाता है या बहुत कम खाता है तब ईटिंग डिसऑर्डर की शुरूआत होती है. इस तरह से खाने आपको सीरियस हेल्थ प्रॉब्लम हो सकती है. ये मानसिक रोगों की वजह से भी हो सकता है. ऐसे में व्यक्ति या तो अधिक खाता है या फिर दिनभर में एक ही टाइम खाता है. खाने की ये समस्या महिलाओं में अधिक देखने को मिलती है. कई बार कम खाना खाने से बॉडी फैट इतना कम हो जाता है कि खतरनाक बीमारी का सामना भी करना पड़ सकता है. वहीं खाना खाने का तरीका यानी अगर आप तेज भूख लगने पर जल्दी-जल्दी खाते हैं तो भी कई दिक्कतें हो सकती हैं. 

इस तरह करें बचाव

1. हर दिन टीइमली खाना खाने की आदत डालें. इसके साथ ही आप खाने को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में ही खाएं.

2. कुछ लोग पेट भरा होने के बावजूद भी खाते रहते हैं. इसलिए जबरदस्ती न खाएं. अगर आप हर समय खाते रहेंगे तो इससे फायदे कम नुकसान ज्यादा होगा. जब भूख लगे तब ही खाएं. 

3. लंबे समय तक भूखे न रहें. सही समय पर भोजन करें. इस रुटीन को फॉलो करने से आपकी सेहत अच्छी होगी. 

4. एक दिन में तीन टाइम यानी ब्रेकफस्ट, लंच और डिनर की मील जरूर लें. इससे ईटिंग डिसऑर्डर से बचना आसान होगा. वहीं तीनों टाइम पौष्टिक आहार खाने की कोशिश करें. 

5. अपनी कम खाने की आदत को सुधारें. इसके लिए धीरे-धीरे खाना खाने की मात्रा को बढ़ाएं. हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ दही, फ्रूट्स और छाछ आहार में शामिल करें. सुबह के नाश्ते में दूध ब्रेड खा सकते हैं.  

Disclaimer: इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है. हालांकि इसकी नैतिक जिम्मेदारी ज़ी न्यूज़ हिन्दी की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.

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