वायरल बुखार से सावधान, कहीं ये कोरोना का नया वेरिएंट तो नहीं? इस तरह करें पहचान
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वायरल बुखार से सावधान, कहीं ये कोरोना का नया वेरिएंट तो नहीं? इस तरह करें पहचान

कोरोना का वायरस एक बार फिर म्यूटेट होकर एक नए वेरिएंट के रुप में आ गया है. इस वेरिएंट का नाम है JN.1. ये वेरिएंट BA.2.86 का ही एक प्रकार है.

वायरल बुखार से सावधान, कहीं ये कोरोना का नया वेरिएंट तो नहीं? इस तरह करें पहचान

वायरल बीमारियों के साथ सबसे बड़ी परेशानी यही है कि वो कभी खत्म नहीं होतीं, बल्कि म्यूटेट होकर यानी नई नई शक्ल में वापस आती रहती हैं. जिसे साइंस की भाषा में म्यूटेशन कहा जाता है. कोरोना का वायरस एक बार फिर म्यूटेट होकर एक नए वेरिएंट के रुप में आ गया है. इस वेरिएंट का नाम है JN.1. ये वेरिएंट BA.2.86 का ही एक प्रकार है.

सरकार के रूटिन एक्सरसाइज में बीते 8 दिसंबर को केरल के त्रिवेंद्रम में कोरोना के इस नए वेरिएंट का केस मिला. 79 साल की एक महिला में इस वेरिएंट की पुष्टि हुई है. इस महिला का सैंपल 18 नवंबर को लिया गया था, जिसमें कोविद का JN.1. वेरिएंट मिला है. इससे पहले भारत में सिंगापुर में एक भारतीय यात्री में कोरोना के जेएन.1 संक्रमण का पता चला था. उसने 25 अक्टूबर को सिंगापुर की यात्रा की थी. सरकार के सूत्रों के मुताबिक केरल और तमिलनाडु में इस वेरिएंट के कुछ केस मौजूद हैं, हालांकि फिलहाल घबराने की कोई बात नहीं है.

WHO ने किया सावधान
WHO ने इस वेरिएंट को लेकर सावधान किया था. इस वॉर्निंग की दो वजहे हैं, पहली वजह ये है कि इस वेरिएंट में अब तक 40 से ज्यादा म्यूटेशन्स हो चुके हैं, इतनी तेजी से शक्ल बदलने वाला ये कोविड का पहला वेरिएंट कहा जा सकता है. वहीं, दूसरी वजह ये है कि इस पर वैक्सीन से मिली इम्युनिटी काम नहीं कर रही है. ये वेरिएंट सबसे पहले लक्जमबर्ग में मिला जो उत्तर पश्चिमी यूरोप का एक छोटा सा देश है. लेकिन अब इसके शिकार हुए मरीज इंग्लैंड, फ्रांस, आइसलैंड और अमेरिका में भी मिल चुके है. एक्सपर्टस के मुताबिक ये तेजी से फैला है इसलिए सावधान रहना बेहद जरुरी है.

एक्सपर्ट की राय
नोएडा स्थित फेलिक्स अस्पताल के डॉक्टर जेबा खान ने बताया कि वायरल बुखार की मार झेल रहे भारत में नए म्यूटेशन को पकड़ना आसान नहीं होगा. इसलिए सर्दियों की आहट को समझते हुए किसी भी तरह के वायरल बुखार से खुद को बचा कर रखें.

वायरल बुखार और कोरोना के बीच अंतर
वायरल बुखार के लक्षण आमतौर पर धीरे-धीरे विकसित होते हैं, जबकि कोरोना के लक्षण अचानक से हो सकते हैं.
वायरल बुखार के लक्षण आमतौर पर 3-7 दिनों तक रहते हैं, जबकि कोरोना के लक्षण 2-14 दिनों तक रह सकते हैं.
वायरल बुखार के मरीजों में स्वाद या गंध का नुकसान या त्वचा पर चकत्ते आमतौर पर नहीं होते हैं, जबकि कोरोना के मरीजों में ये लक्षण आमतौर पर होते हैं.

वायरल बुखार और कोरोना की पहचान कैसे करें?
यदि आपको वायरल बुखार के लक्षण हैं, तो सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि आपने किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में नहीं आए हैं जिसे हाल ही में कोरोना हुआ हो. यदि आपने किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं, तो अपने डॉक्टर से सलाह लें. यदि आपके पास वायरल बुखार के लक्षण हैं, लेकिन आपने किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में नहीं आए हैं, तो भी अपने डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है. डॉक्टर आपके लक्षणों की जांच करेंगे और यह निर्धारित करेंगे कि आपको क्या उपचार की आवश्यकता है.

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