खराब नींद-खर्राटे दिमाग की नसों को कर सकते हैं कमजोर, एम्स की स्टडी में हुए चौंकाने वाले खुलासे
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खराब नींद-खर्राटे दिमाग की नसों को कर सकते हैं कमजोर, एम्स की स्टडी में हुए चौंकाने वाले खुलासे

Relation Between Brain And Sleep: नींद की कमी शरीर में कई तरह के समस्याओं का कारण बन सकती है. इसका असर दिमाग पर सबसे पहले होता है. एम्स की स्टडी में यह पाया गया है कि नींद से जुड़ी समस्याएं व्यक्ति के समझने की शक्ति को प्रभावित कर सकती है.

खराब नींद-खर्राटे दिमाग की नसों को कर सकते हैं कमजोर, एम्स की स्टडी में हुए चौंकाने वाले खुलासे

रात की नींद सेहत के लिए बहुत ही जरूरी है. इसके महत्व को नजरअंदाज करने की गलती आपको कई गंभीर बीमारियों के चेपट में ला सकती है. हाल ही में एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) के लक्षण नींद की खराब क्वालिटी ब्रेन पर गलत प्रभाव डालती है.

स्टडी में 50 वर्ष और उससे अधिक आयु की 49 प्रतिशत महिलाओं सहित 6795 व्यक्ति के डेटा के विश्लेषण से पता चला कि ओएसए ब्रेन के उस हिस्से की कोशिकाओं को कमजोर करने का काम करता है जहां मेमोरी स्टोर होती है, इंफॉर्मेशन प्रोसेस होता है. इसका असर 50-60 उम्र के लोगों में घटती समझने की शक्ति के रूप में रिकॉर्ड किया गया है.

क्या है ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया

जॉन्स हॉपकिन्स मेडिसिन के अनुसार, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया तब होता है जब नींद के दौरान आपको सांस लेने में पूरी नींद की अवधि के दौरान प्रति घंटे कम से कम 5 बार (औसतन) 10 सेकंड से अधिक समय तक रुकावट का अनुभव होता है. यह एक जेनेटिक समस्या है. इसके अलावा इसका जोखिम उन लोगों में ज्यादा होता है जो क्रोनिक नाक बंद, थायराइड विकार, मेनोपॉज, मोटापे, सिर और गर्दन को सहारा देने वाले ऊतकों में खराबी, डाउन सिंड्रोम से पीड़ित और धूम्रपान करते हैं.

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के लक्षण

कुछ लोगों को बिना किसी लक्षण के ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया होता है. जबकि कई लोगों में यह समस्या खर्राटे, सुबह का सिरदर्द, दिन में बार-बार नींद आना, आसानी से चिढ़ जाना, अवसाद, चीजों को याद रखने में कठिनाई जैसे लक्षणों के रूप में नजर आता है.

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कम हो सकता है ब्रेन पर ओएसए का असर

इन्वेस्टिगेट करने वाले डॉ. कामेश्वर प्रसाद, न्यूरोलॉजी के एमेरिटस प्रोफेसर, एम्स, और अब न्यूरोलॉजी के प्रमुख, फोर्टिस अस्पताल, वसंत कुंज ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि जिन व्यक्तियों की नींद की गुणवत्ता खराब है या ओएसए का कोई संकेत है, उन्हें स्मृति पर किसी भी प्रतिकूल प्रभाव से बचने के लिए उपचार का लाभ उठाना चाहिए.

अच्छी नींद के लिए ध्यान रखें ये बातें

अच्छी नींद पाने के टिप्स देते हुए, एक अन्य अध्ययन सदस्य और एम्स के न्यूरोलॉजी के प्रमुख डॉ. मंजरी त्रिपाठी ने बताया कि एक व्यक्ति को हर दिन एक ही समय पर सोना और जागना चाहिए. इसके साथ ही शराब, कैफीन, निकोटीन और अन्य उत्तेजक पदार्थों का सेवन कम करना चाहिए. विशेष रूप से दोपहर 2 बजे के बाद. शाम या रात में मेडिटेशन करें या दिमाग को आराम देने वाले व्यायाम करें. सोने से कम से कम 3 घंटे पहले खाना खाएं. ध्यान रखें कि रात का खाना ज्यादा मसालेदार ना हो. 

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