39 साल पुराने इस संगठन पर गृह मंत्रालय ने फिर लगाया बैन, जानिए क्या है SIMI जिससे है देश को खतरा?
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39 साल पुराने इस संगठन पर गृह मंत्रालय ने फिर लगाया बैन, जानिए क्या है SIMI जिससे है देश को खतरा?

Facts About SIMI: मोदी सरकार ने सोमवार को स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) को यूएपीए के तहत पांच साल के लिए 'गैरकानूनी संगठन' घोषित कर दिया है. जानें कब सिमी को प्रतिबंधित संगठनों में शामिल किया था...

39 साल पुराने इस संगठन पर गृह मंत्रालय ने फिर लगाया बैन, जानिए क्या है SIMI जिससे है देश को खतरा?

Indian Govt Extends Ban on SIMI: स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) को 'गैरकानूनी संगठन' घोषित किया गया है. सिमी को भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता को खतरे में डालने के लिए आतंकवाद को बढ़ावा देने, शांति और सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने में शामिल पाया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत आतंकी संगठन सिमी को यूएपीए (UAPA) के तहत अगले पांच वर्षों के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है. इस संगठन की स्थापना कब और किसने की थी. इस संगठन को स्थापित करने का आखिर क्या मकसद है? ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब और इस आंतकी संगठन से जुड़ी बातें यहां जानिए...

सिमी का उद्देश्य
संगठन के लेकर केंद्र सरकार का कहना है कि सिमी हमारे देश में इस्लामी व्यवस्था की स्थापना जैसे उद्देश्यों की बात करता है, जिसे भारत के लोकतांत्रिक संप्रभु ढांचे के साथ सीधे संघर्ष के रूप में देखा जाना चाहिए और हमारे धर्मनिरपेक्ष समाज में इसकी मंजूरी नहीं दी जानी चाहिए. 

गृह मंत्रालय के कार्यालय ने सोशल प्लेटफॉर्म पर शेयर करते हुए लिखा है, "आतंकवाद के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के जीरो टॉलरेंस के दृष्टिकोण को मजबूत करते हुए स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) को यूएपीए के तहत पांच साल की अवधि के लिए एक ‘गैरकानूनी संघ’ घोषित किया गया है. 

गृह मंत्रालय के अनुसार, "आंध्र प्रदेश, गुजरात, झारखंड, केरल, महाराष्ट्र, एमपी, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और यूपी की राज्य सरकारों ने सिमी को यूएपीए के तहत एक गैरकानूनी संगठन घोषित करने की सिफारिश की है."

सबसे पहली बार कब किया था इसे बैन
भारत सरकार ने सबसे पहली बार साल 2001 में  आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने और आतंकी संगठनों के साथ संबंध होने के कारण सिमी को बैन किया था. हालांकि, साल 2008 में एक विशेष न्यायाधिकरण के तहत सिमी पर से प्रतिबंध हटा दिया गया था, लेकिन यह कुछ दिन के लिए ही था, क्योंकि इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती मिली और कुछ दिन बाद ही यह प्रतिबंध फिर से लागू कर दिया गया.

नेशनल सिक्योरिटी के चलते सिमी को इसी साल फिर से बैन कर दिया गया. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो सिमी पर तभी से प्रतिबंधित है, लेकिन बावजूद इसके वह अंदरग्राउंड होकर अपने नापाक इरादों को अंजाम दे रहा है.

आतंकी संगठन सिमी के बारे में जानिए ये बड़ी बातें
जमात-ए-इस्लामी 

स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) का गठन अप्रैल 1977 में किया गया था, जिसका फाउंडर प्रेसिडेंट मोहम्मद अहमदुल्ला सिद्दीकी था. ऐसा माना जाता है कि यह संगठन इससे पहले से ही एक्टिव था. रिपोर्ट्स की माने तो साल 1956 में बने प्रतिबंधित किए गए संगठन जमात-ए-इस्लामी को ही सिमी के नाम से चलाया गया.

बैन के बावजूद ऐसे दिया मूवमेंट को अंजाम
प्रतिबंध लगने के बाद 2002 में सिमी फिर एक नए संगठन'इंडियन मुजाहिदीन'के जरिए अपने मूवमेंट को अंजाम देने के लिए तैयार था. कहा जाता है कि यह संगठन स्लीपिंग मॉड्यूल की तरह काम करता है.  इंडियन मुजाहिदीन पर भी देश में कई जगह विस्फोट कराने के आरोप हैं. 

MP से पकड़े सिमी के कई सदस्य
जानकारी के मुताबिक पिछले कुछ वर्षों में देश के कई राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश में आतंकी संगठन सिमी के कई सदस्यों को पकड़ा गया. 2008 में इंदौर में एक जगह दबिश के दौरान संगठन के तत्कालीन प्रमुख सफदर नागौरी को गिरफ्तार किया गया था, जो उज्जैन का रहने वाला था. 

एमपी से गहरा नाता
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सिमी और मध्य प्रदेश का गहरा कनेक्शन रहा है. देशभर से गिरफ्तार किए गए सिमी के सदस्यों में सबसे ज्यादा एमपी से ही है. सत्ता में आने के बाद साल 2015 में मोदी सरकार ने अनिश्चितकालीन समय के लिए  प्रतिबंध बढ़ाकर सिमी के खिलाफ कार्रवाई सख्त कर दी. 

मैच के बहाने सिमी जॉइन करने के लिए इंडिया में एंट्री 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लगभग एक दशक पहले आतंकवाद के घर कहे जाने वाले पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से कुछ लोग टूरिस्ट वीजा लेकर क्रिकेट मैच देखने आए थे, जिनके वापस जाने की कोई जानकारी नहीं है. इस तरह सुनियोजित तरीके से भारत आकर सिमी जॉइन करने वाले पाकिस्तानी नागरिकों की संख्या 400 के आसपास बताई जाती है. 

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