Muslim League : मुस्लिम लीग का एक धड़ा भारत में बैन, दूसरा पाकिस्तान में आतंकियों को लड़ाएगा चुनाव; क्या है पूरा मामला
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Muslim League : मुस्लिम लीग का एक धड़ा भारत में बैन, दूसरा पाकिस्तान में आतंकियों को लड़ाएगा चुनाव; क्या है पूरा मामला

Terrorists Activities: आतंकी हरकतों का समर्थन करने को लेकर मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट) या एमएलजेके-एमए को केंद्र सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत एक 'गैरकानूनी संगठन' घोषित करने के साथ बैन कर दिया है. दूसरी ओर, पाकिस्तान आम चुनाव में मुस्लिम लीग का एक धड़ा आतंकवादियों को उम्मीदवार बना रहा है.

Muslim League : मुस्लिम लीग का एक धड़ा भारत में बैन, दूसरा पाकिस्तान में आतंकियों को लड़ाएगा चुनाव; क्या है पूरा मामला

Muslim League Jammu Kashmir: केंद्र सरकार ने बुधवार को मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट) यानी एमएलजेके-एमए को यूएपीए के तहत एक ‘गैरकानूनी संगठन’ घोषित कर दिया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट कर ये जानकारी दी. उन्होंने लिखा है कि एमएलजेके-एमए संगठन और इसके मेंबर जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी हरकतों में शामिल है, आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करता है और जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन कायम करने के लिए भोले-भाले लोगों को भड़काता है.

गृह मंत्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का स्पष्ट संदेश है कि हमारे राष्ट्र की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति या संगठन को बख्शा नहीं जाएगा. उसे कानून के पूरे प्रकोप का सामना करना पड़ेगा. मुस्लिम लीग के मसरत आलम धड़े को देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के चलते यूएपीए कानून लगाकर प्रतिबंधित किया गया है.

भारत और पाकिस्तान में मुस्लिम लीग के इन दो धड़ों का आतंकी कनेक्शन

सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट में अमित शाह ने साफ कर दिया कि देश की एकता और अखंडता के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ बेहद कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट) देश विरोधी गतिविधियों में शामिल था. यह संगठन आतंकी समूहों का समर्थन करता था. इसकी वजह से गृह मंत्रालय ने इस पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया.

दूसरी ओर पाकिस्तान में मुस्लिम लीग का एक धड़ा आम चुनाव में आतंकियों को उम्मीदवार बना रहा है. आइए, जानते हैं कि भारत में बैन होने वाला मुस्लिम लीग फैक्शन क्या है और पाकिस्तान में चुनाव लड़ने वाला मुस्लिम लीग का धड़ा कौन सा है? इसके अलावा आतंकवाद कैसे इन दोनों को आपस में जोड़ता है.

मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर क्या है? कौन है तिहाड़ जेल में बंद मसरत आलम भट्ट

सबसे पहले बात जम्मू कश्मीर में सक्रिय मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट) या एमएलजेके-एमए की बात करते हैं. इस संगठन की स्थापना करने वाला करीब 50 साल का मसरत आलम भट्ट साल 2019 से दिल्ली की तिहाड़ सेंट्रल जेल में बंद है. साल 2021 में उसे कश्मीरी कट्टरपंथी समूह ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (APHC) के अध्यक्ष पद पर भी नियुक्त किया गया था.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकी फंडिंग मामले में मसरत आलम के खिलाफ केस दर्ज किया था. साल 2010 में कश्मीर घाटी में हुए बड़े पैमाने पर सार्वजनिक विरोध प्रदर्शनों में संदिग्ध भूमिका के कारण मसरत आलम की गिरफ्तारी की गई थी. मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर का राष्ट्र-विरोधी और आतंकी गतिविधियों के समर्थन के साथ ही अलगाववादी हरकतों को हवा देने में भी शामिल होने की बात सामने आई है.

पाकिस्तान में आतंकियों को आम चुनाव लड़ा रहा मुस्लिम लीग का ये धड़ा

अब बात पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में एक्टिव मुस्लिम लीग के दूसरे फैक्शन की, जो आम चुनाव में कई आतंकियों को उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतार रहा है. पाकिस्तान में फरवरी 2024 में आम चुनाव होने के आसार हैं. इस चुनाव में लश्कर-ए-तैयबा चीफ हाफिज सईद की पार्टी पाकिस्तान मरकजी मस्लिम लीग भी अपने उम्मीदवारों को खड़ा कर रही है. इसके लिए लश्कर-ए-तैयबा और जमात उद दावा की राजनीतिक पहचान स्थापित करने के लिए साल 2018 में बनाई गई मिल्ली मुस्लिम लीग का नाम बदलकर पाकिस्तान मरकजी मस्लिम लीग बनाई गई है.

पाकिस्तान मरकजी मस्लिम लीग में 10 से ज्यादा कुख्यात आतंकी उम्मीदवार

पाकिस्तान मरकजी मस्लिम लीग (PMML) में 10 से ज्यादा कुख्यात आतंकी शामिल हैं. इनमें 26/11 मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद का बेटा तल्हा सईद और दामाद खालिद नाइक, सैफुल्ला खालिद, अहमद नदीम अवान, हाफिज अब्दुल रऊफ , कारी मुहम्मद याकूब शेख, मुहम्मद हारिस डार, मुजम्मिल इकबाल हाशिमी, फय्याज अहमद , खालिद मसूद संधू अन्य शामिल हैं. इस पार्टी का चुनाव चिन्ह कुर्सी रखा गया है. पीएमएमएल के अध्यक्ष खालिद मसूद सिंधु ने कहा कि उसकी पार्टी ज्यादातर राष्ट्रीय और प्रांतीय विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है. 

पूर्व पीएम इमरान खान के खिलाफ चुनाव लड़ेगा हाफिज सईद का बेटा

पीएमएमएल साल 2019 से कई नेताओं के साथ जेल में बंद आतंकी हाफिज सईद को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनाने की तैयारी कर रही है. चुनावी मैदान में हाफिज सईद की पार्टी से कई घोषित आतंकियों ने अपना नामांकन भी दाखिल कर लिया है. हाफिज सईद का बेटा तल्हा सईद इस चुनाव में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ चुनाव लड़ने वाला है. हाफिज सईद के जेल जाने से पहले पूरे पाकिस्तान में पाकिस्तान का मतलब क्या कश्मीर बनेगा पाकिस्तान और कश्मीरियों से रिश्ता क्या? ला इलाहा इ लल्लाह? के नारे गूंज रहे थे. हालांकि हाफिज सईद के जेल जाते ही इन सभी नारों ने दम तोड़ दिया था. अब चुनावी मैदान में हाफिज सईद का बेटा तल्हा सईद इन नारों को दोहराने की तैयारियों में जुट गया है. 

पाकिस्तान में मई, 2023 से एक्टिव है हाफिज सईद की नई पार्टी 

पाकिस्तान में हाफिज सईद की यह पार्टी मई, 2023 से एक्टिव है. पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग की पहली सभा 8 मई को इत्तिहास कांफ्रेंस के नाम से हुई थी. हाफिज सईद के गुर्गों ने भले ही नई राजनीतिक पार्टी बनाई है, लेकिन सबको पता है कि हाफिज सईद की पुरानी पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग का ही नाम बदलकर लोगों के सामने लाया गया है. हालांकि, आतंकियों ने बहुत ही अच्छे तरीके से अपनी पुरानी पार्टी की पहचान छिपाने की कोशिश की. महंगाई के विरोध में इस पार्टी की शुरुआत की गई और बाद में पाकिस्तान की राजनीति में सत्ता की लड़ाई में शामिल होने लगी. नौ महीने पहले ही कराची शहर में इस पार्टी के बैनर और पोस्टर लगाने शुरू कर दिए गए थे. 

क्या है मिल्ली मुस्लिम लीग, कब बना और क्यों बैन किया गया

हाफिज सईद की सदारत वाली जमात उद दावा ने पाकिस्तान में 7 अगस्त 2017 को नई राजनीतिक पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग की घोषणा की थी. पाकिस्तान को एक वास्तविक इस्लामी और कल्याणकारी राज्य बनाना इस पार्टी को बनाने का मकसद बताया गया था. पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने साल 2017 में मिल्ली मुस्लिम लीग को मान्यता देने से इनकार कर दिया. साथ ही चुनावों के दौरान पार्टी का नाम इस्तेमाल करने पर भी रोक लगा दी थी. इसके बावजूद पार्टी के कुछ उम्मीदवारों ने अलग-अलग पार्टी के जरिए चुनाव लड़ा, लेकिन कोई कामयाबी हासिल नहीं कर पाया.

आतंकवादी हाफिज सईद पर 10 मिलियन यूएस डॉलर का इनाम 

हाफिज सईद की जमात उद दावा भी साल 2008 में मुंबई पर आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार लश्कर-ए-तैयबा का ही पुछल्ला संगठन है. अमेरिका ने आतंकवादी हाफिज सईद पर 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर का इनाम रखा हुआ है. अमेरिकी विदेश विभाग ने 2 अप्रैल 2018 को हाफिज सईद की पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग को आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक धड़े के रूप में शिनाख्त करते हुए आतंकी संगठनों की लिस्ट में शामिल कर दिया. इस पार्टी पर प्रतिबंध लगते ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक से मिल्ली मुस्लिम लीग के पेज को भी रिमूव कर दिया. इसके बाद हाफिज सईद के करीबियों मे पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग बनाई.  

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