Hemant Soren: पूरा जोर लगाने पर भी झारखंड क्यों नहीं जीत पाई भाजपा? आज हेमंत सोरेन के शपथ की तस्वीर खूब चुभेगी
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Hemant Soren: पूरा जोर लगाने पर भी झारखंड क्यों नहीं जीत पाई भाजपा? आज हेमंत सोरेन के शपथ की तस्वीर खूब चुभेगी

Hemant Soren Oath Ceremony: हेमंत सोरेन 28 नवंबर को रांची में झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. उनके शपथ लेने की तस्वीर बीजेपी को नश्तर की तरह चुभेगी.

Hemant Soren: पूरा जोर लगाने पर भी झारखंड क्यों नहीं जीत पाई भाजपा? आज हेमंत सोरेन के शपथ की तस्वीर खूब चुभेगी

Jharkhand News in Hindi: झारखंड के मनोनीत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गुरुवार को रांची में शपथ ग्रहण करेंगे. समारोह से पहले, सोरेन ने कहा कि 28 नवंबर से झारखंड में 'अबुआ सरकार' (हमारी सरकार) की नई पारी शुरू होगी. झारखंड के 14वें सीएम के रूप में शपथ लेने से पहले, सोरेन ने X पर एक पोस्ट में लिखा, 'आज का यह दिन राजनीतिक जीत के बारे में नहीं है, आज का यह दिन हमारी सामाजिक न्याय के प्रति संघर्ष, सामाजिक एकता को प्रखर करने की हर रोज़ लड़ी जानी वाली लड़ाई को दोहराने का दिन है.'

हेमंत सोरेन के झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) नीत INDIA गठबंधन ने झारखंड विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया है. गठबंधन ने 81 में से 56 सीट जीतकर सत्ता बरकरार रखी. जबकि बीजेपी नीत एनडीए को पूरा जोर लगाने के बावजूद सिर्फ 24 सीटें ही मिल पाईं. बीजेपी को सीधी लड़ाई में हराने के बाद INDIA गठबंधन गुरुवार को सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में शक्ति प्रदर्शन करेगा.

अकेले ही शपथ लेंगे हेमंत सोरेन!

JMM के नेता नेता हेमंत सोरेन (49) चौथी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बनेंगे. कांग्रेस महासचिव एवं झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने कहा कि सोरेन के अकेले ही शपथ लेने की उम्मीद है. विधानसभा में विश्वास मत के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा. शपथ ग्रहण समारोह रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित होगा. यहां करीब 50 हजार लोगों के जुटने की संभावना जताई जा रही है. समारोह के लिए रांची को पोस्टर्स से पाट दिया गया है. गुरुवार को स्कूल भी बंद रहेंगे.

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रांची में INDIA का शक्ति प्रदर्शन

गुरुवार को रांची में विपक्षी गठबंधन के बड़े नेताओं का जमावड़ा लगेगा. शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP-SP) के प्रमुख शरद पवार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के शामिल होने की संभावना है.

कार्यक्रम में आम आदमी पार्टी (AAP) नेता अरविंद केजरीवाल, शिवसेना (UBT) नेता उद्धव ठाकरे, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) नेता महबूबा मुफ्ती, तमिलनाडु से उदयनिधि स्टालिन, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार और बिहार के विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और भाकपा (माले) लिबरेशन महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य के भी शामिल होने की उम्मीद है.

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झारखंड में क्यों नहीं चला बीजेपी का जोर?

INDIA गठबंधन में शामिल JMM ने 2024 के विधानसभा चुनावों में अब तक की सबसे बड़ी जीत हासिल की थी. JMM ने 43 सीट पर चुनाव लड़ा था जिसमें से 34 पर जीत हासिल की. वहींकांग्रेस ने 16, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने चार और भाकपा (माले) लिबरेशन ने दो सीट जीतीं. JMM ने दावा किया है कि राज्य में अगर बैलेट पेपर के जरिए चुनाव होते को इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार 81 में से कम से कम 75 सीटों पर जीत दर्ज करते. पार्टी ने X पर ऐसा पोस्ट किया जिसे हेमंत सोरेन ने भी अपने हैंडल पर शेयर किया.

हाल ही में संपन्न हुए चुनावों में बीजेपी नीत एनडीए को सिर्फ 24 सीटें मिलीं. लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी के लिए यह लगातार दूसरा झटका था, जब उसे राज्य की कुल 14 संसदीय सीटों में से सभी पांच आदिवासी सीटों पर करारी हार का सामना करना पड़ा था. बीजेपी का चुनाव अभियान 'बांग्लादेशी घुसपैठ', भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर केंद्रित था. इसके बावजूद, हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना के आक्रामक चुनाव प्रचार ने भगवा पार्टी के मंसूबों पर पानी फेर दिया.

JMM ने झारखंड की 32 जनजातियों, जिनमें आठ विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह शामिल हैं, में यह भरोसा जगाया कि वही उनका कल्याण करेगी. JMM सरकार की 'झारखंड मुख्यमंत्री मैया सम्मान योजना' ने भी महिलाओं के बीच पार्टी के वोट बैंक को मजबूत किया. इस योजना के तहत 18-50 साल की महिलाओं को 1,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है. JMM ने सत्ता में आने पर इसे बढ़ाकर 2,500 रुपये करने का वादा किया था.

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सोरेन ने 1.75 लाख से ज्यादा किसानों तक पहुंच बनाने के लिए 2 लाख रुपए तक के कृषि ऋण माफ किए. उनकी सरकार ने बकाया बिजली बिल माफ किए और 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की योजना शुरू की. यूनिवर्सल पेंशन जैसी कल्याणकारी योजनाएं शुरू करने से भी JMM के पक्ष में माहौल बना. सोरेन और कल्पना ने आदिवासी वोटर्स के बीच सहानुभूति की लहर पैदा की और बीजेपी एंटी-इनकंबेंसी को भुना नहीं सकी. चंपई सोरेन को अपनी तरफ करने के बावजूद, बीजेपी उनके लिए भूमिका तय नहीं कर पाई. पार्टी का चुनावी मैनेजमेंट भी डगमगा गया और अंदरूनी भितरघात ने विधानसभा चुनाव में लुटिया डुबो दी.

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