Constitution Club: जेडीयू ही नहीं, इतिहास रचने वाली कई बैठकों की गवाही, जानिए कॉन्स्टिट्यूशन क्लब दिल्ली की कहानी
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Constitution Club: जेडीयू ही नहीं, इतिहास रचने वाली कई बैठकों की गवाही, जानिए कॉन्स्टिट्यूशन क्लब दिल्ली की कहानी

Constitution Club Delhi: लुटियन जोन दिल्ली स्थित कॉन्स्टिट्यूशन क्लब लगातार चर्चाओं में शामिल रहता है. इन दिनों जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को लेकर सुर्खियों में है. आइए, जानते हैं कि कॉन्स्टिट्यूशन क्लब, दिल्ली और इसकी पूरी कहानी क्या है.

 Constitution Club: जेडीयू ही नहीं, इतिहास रचने वाली कई बैठकों की गवाही, जानिए कॉन्स्टिट्यूशन क्लब दिल्ली की कहानी

JDU National Executive Meeting: बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन और देश में विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन के प्रमुख सहयोगी दल जनता जल यूनाइटेड राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को लेकर कॉन्स्टिट्यूशन क्लब, दिल्ली (Constitution Club Of India, Delhi) पर सबकी निगाहें जमी रहीं. इस बैठक में शुक्रवार को जेडीयू अध्यक्ष पद से राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह की रवानगी और नीतीश कुमार की दोबारा ताजपोशी की गई. कॉन्स्टिट्यूशन क्लब इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम का गवाह बना है. देश के भविष्य से जुड़े ऐसी कई प्रमुख बैठकें इस भव्य इमारत में होती रहती हैं. आइए, कॉन्स्टिट्यूशन क्लब, दिल्ली से जुड़ी पूरी कहानी जानने की कोशिश करते हैं.

क्यों और कब बनाया गया था कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया

भारत का संविधान क्लब या कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया भारतीय संविधान सभा के सदस्यों के लिए सामाजिक संपर्कों को बढ़ावा देने और क्लब जीवन की सामान्य सुविधाएं मुहैया कराने के मकसद के साथ शुरू किया गया एक क्लब है. मौजूदा समय में कॉन्स्टिट्यूशन क्लब पूर्व और वर्तमान संसद सदस्यों के बीच बातचीत के लिए एक मंच के रूप में काम करता है. लुटियन जोन में विट्ठल भाई पटेल हाउस, रफी मार्ग के बगल में स्थित यह क्लब सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत रजिस्टर्ड है. फरवरी 1947 में दिल्ली के कर्जन रोड पर एक अनौपचारिक समूह के रूप में कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया की स्थापना की गई थी. दार्शनिक और शिक्षाविद राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने फरवरी 1965 में नई जगह पर इसका औपचारिक उद्घाटन किया था.

कॉन्स्टिट्यूशन क्लब पहुंचना बेहद आसान, इन आधुनिक सुविधाओं से है लैस

आजादी के बाद के वर्षों में कॉन्स्टिट्यूशन क्लब प्रदर्शनियों, महत्वपूर्ण बैठकों, कार्यक्रमों, प्रेस कॉन्फ्रेंस, विशिष्ट पार्टियों और वर्तमान और पूर्व संसद सदस्यों के बीच सामाजिक मेलजोल के लिए एक मंच के रूप में उभरा है. कांफ्रेंस हॉल, कॉफी शॉप, बिलियर्ड्स हॉल, जिम, यूनिसेक्स सैलून, स्विमिंग पूल, बैडमिंटन हॉल, आरामदायक लाउंज और गार्डन जैसी शानदार सुविधाओं से लैस कॉन्स्टिट्यूशन क्लब पहुंचने के लिहाज से भी मेट्रो स्टेशन और सड़क से काफी नजदीक है. क्लब के कैंपस में गाड़ियों की पार्किंग के लिए भी काफी खुली जगह है. क्लब में किसी भी समय कम से कम 700 लोगों के समारोह को आयोजित करने की क्षमता है. 

राज्य या केंद्र सरकार के मालिकाना या उससे वित्त पोषित या नियंत्रित नहीं है CCI

कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया (CCI) राज्य या केंद्र सरकार के स्वामित्व वाला या उसके द्वारा वित्त पोषित या नियंत्रित नहीं है. यह संसद के तहत गठित कोई निकाय भी नहीं है. कॉन्स्टिट्यूशन क्लब  ‘सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट’ के तहत रजिस्टर्ड एक सोसाइटी है. यह एनजीओ या सोसायटी या क्लब मौजूदा और भूतपूर्व सांसदों द्वारा ही संचालित किया जाता है. सूचना का अधिकार (RTI) पर आधारित वरिष्ठ पत्रकार श्यामलाल यादव की पुस्तक ‘‘आरटीआई से पत्रकारिता... खबर, पड़ताल, असर’’ मेंकॉन्स्टिट्यूशन क्लब आफ इंडिया के बारे में यह बात सामने आई थी.

अगस्त 2014 में कॉन्स्टिट्यूशन क्लब को मिला मावलंकर ऑडिटोरियम का भी कंट्रोल

किताब के मुताबिक अगस्त 2014 में तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने मावलंकर ऑडिटोरियम का प्रशासनिक नियंत्रण कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी. हालांकि, यूपीए के शासनकाल में कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के इस तरह के अनुरोध पर तत्कालीन शहरी विकास मंत्री कमलनाथ ने ‘अनापत्ति (NOC)’ दिया था. इसके बावजूद तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने इसे खारिज कर दिया था. आरटीआई के तहत मिली जानकारी के मुताबिक इन परिसम्पत्तियों का प्रशासनिक नियंत्रण पहले लोकसभा सचिवालय से शहरी विकास मंत्रालय के पास ट्रांसफर किया गया और फिर यह सीसीआई को सौंपा गया. इसी तरह विठ्ठल भाई पटेल हाऊस (वीपी हाऊस) के 41 सुइट्स पर भी ध्यान दिया गया और ठीक इसी तरीके से 32 सुइट्स का नियंत्रण भी सीसीआई को ट्रांसफर कर दिया गया था.

कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के निर्वाचित मौजूदा गवर्निंग काउंसिल में कौन-कौन हैं

कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक इसके निर्वाचित गवर्निंग काउंसिल के मौजूदा अध्यक्ष लोक सभा अध्यक्ष या स्पीकर ओम बिड़ला, उपाध्यक्ष  शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी और महासचिव राज्य सभा के उप सभापति हरिवंश सिंह हैं. प्रशासनिक सचिव राजीव प्रताप रूडी, खेल सचिव राजीव शुक्ला और संस्कृति सचिव और कोषाध्यक्ष मधु यशखी हैं. इनके साथ ही कार्यकारी सदस्यों के रूप में सुरेंद्र सिंह नागर, के सी त्यागी, संदीप दीक्षित, के.आर. मोहन राव, डी राजा, एपी जितेंदर रेड्डी, केएन सिंह देव, अजय संचेती, सुप्रिया सुले, तारिक अनवर और सतीश चंद्र मिश्रा शामिल हैं. 

जयपुर में भी बना कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ राजस्थान, दिल्ली जैसी सुविधाएं

कॉन्स्टिट्यूशन क्लब दिल्ली की तरह देश में एक और राज्य राजस्थान ने जयपुर में कॉन्स्टीट्यूशन क्लब बनाया है. राजस्थान हाउसिंग बोर्ड के माध्यम से पक्ष और विपक्ष के विधायकों में विधायी सद्भाव की भावना बनाए रखने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री असोक गहलोत ने बजट 2021-22 में क्लब निर्माण के लिए रकम जारी की. सीएम गहलोत ने 9 फरवरी, 2022 को परियोजना के निर्माण कार्य का शिलान्यास और विधानसभा चुनाव से पहले 22 सितंबर, 2023 को  फीता काटकर कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ राजस्थान का लोकार्पण किया. 

हालांकि, राजस्थान विधानसभा के अधीन संपूर्ण संचालन अधिकार वाले क्लब का प्रस्तावित और अतिरिक्त निर्माण कार्य 30 नवंबर, 2023 तक पूरा होने की बात कही गई थी. दिल्ली की तरह ही इस प्रोजेक्ट में भी बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर और पांच तलों का 1 लाख 95 हजार फीट का निर्माण किया गया है. क्लब में रेस्टोरेन्ट, कॉफी हाउस, स्विमिंग पूल, ऑडिटोरियम, मीटिंग हॉल, कान्फ्रेन्स हॉल, जिम, सैलून, बैडमिंटन और टेनिस कोर्ट सहित अतिथियों के ठहरने के लिए सुसज्जित कमरों का निर्माण किया गया है.

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