कैसे अमेरिका के कंधे पर बंदूक रखकर पन्नू बन रहा बेचारा? भारत को फंसाने के लिए बुना जाल
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कैसे अमेरिका के कंधे पर बंदूक रखकर पन्नू बन रहा बेचारा? भारत को फंसाने के लिए बुना जाल

India America Relation: देखते ही देखते पन्नू का मामला अमेरिकी-भारत रिश्तों की तरफ भी बढ़ने लगा है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिका की भारत को चेतावनी कोई सामान्य घटना नहीं है. अब देखना यह होगा कि जो पन्नू अब अमेरिका के कंधों पर बंदूक रख चुका है, भारत उससे कैसे निपटेगा.

कैसे अमेरिका के कंधे पर बंदूक रखकर पन्नू बन रहा बेचारा? भारत को फंसाने के लिए बुना जाल

Gurpatwant Singh Pannun: कनाडा में निज्जर की हत्या वाला मामला अभी ठंडा नहीं पड़ा कि पन्नू ने अमेरिका में मामला गरम कर दिया. यहां तक कि अमेरिकी अधिकारियों ने भारत की तरफ उंगली भी उठा दी. असल में भारत में आतंकी घोषित हो चुका खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू अब बेचारा बनकर भारत पर निशाना साध रहा है. यहां तक कि देखते ही देखते उसने अमेरिका के कंधों पर अपनी बंदूक रख दी है. उसके बयान तो सुनिए. उसका कहना है कि उसकी जान लेने की नाकाम कोशिश 'अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद' और अमेरिकी संप्रभुता के लिए खतरा है. उसने कहा कि वह अमेरिकी सरकार को इसका जवाब देने देंगे.

अमेरिकी चेतावनी के बाद क्या बोल रहा पन्नू?
असल में पन्नू न्यूयॉर्क में रह रहा है. वहीं के एक अखबार फाइनेंशियल टाइम्स की मानें तो अमेरिका में अधिकारियों ने एक सिख अलगाववादी की हत्या की साजिश को विफल कर दिया और इस साजिश में शामिल होने की चिंताओं पर भारत को चेतावनी जारी की है. अखबार का इशारा पन्नू पर ही था. इसके बाद तो फिर पन्नू को मौका ही मिल गया. अमेरिकी और कनाडाई नागरिक पन्नू ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि अमेरिकी धरती पर भारतीय एजेंटों द्वारा मेरे जीवन पर किया गया असफल प्रयास अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद है, जो अमेरिकी संप्रभुता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतंत्र के लिए खतरा है. मैं अमेरिकी सरकार को इस खतरे का जवाब देने दूंगा.

भारत पर लगाए फर्जी आरोप
उस रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जून में सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद अमेरिका ने अपने कुछ सहयोगियों को साजिश के बारे में सूचित किया था. वहीं सितंबर में, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि नई दिल्ली को निज्जर की मौत से जोड़ने वाले "विश्वसनीय आरोप" थे. प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के कानूनी वकील पन्नू ने कहा कि समूह 'पंजाब को आजाद कराने के लिए रेफरेंडम का इस्तेमाल कर रहा है. जबकि, भारत खालिस्तान जनमत संग्रह को रोकने के लिए गोलियों का इस्तेमाल कर रहा है.'

एयर इंडिया को भी धमकी दे रखी
पन्नू ने यह भी कहा कि फिलहाल उनका ध्यान अपने जीवन के खतरों पर नहीं बल्कि 28 जनवरी को सैन फ्रांसिस्को से शुरू होने वाले खालिस्तान जनमत संग्रह के अमेरिकी चरण को आयोजित करने पर है. पन्नू को मारने की कथित साजिश की रिपोर्ट चर्चा में है. यह वही पन्नू है जिसने एयर इंडिया को भी धमकी दे रखी है. फिलहाल अमेरिका की चेतावनी के बाद भारत का बयान भी आ गया है. 

भारत ने अपना रुख साफ किया
भारतीय विदेश मंत्रालय ने साफ किया है कि हाल ही में भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग पर हुई वार्ता के दौरान अमेरिकी पक्ष ने संगठित अपराधियों, अवैध बंदूकों के कारोबारियों, आतंकवादियों और अन्य को लेकर हमारे साथ कुछ जानकारियां साझा की थीं. ये जानकारियां दोनों देशों के लिए चिंता का विषय हैं और उन्होंने फ़ैसला लिया है कि इस पर कदम उठाए जाएंगे.

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