Congress Leadership: यूपी कांग्रेस के एआईसीसी प्रभारी महासचिव पद से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को मुक्त कर दिया गया है. कांग्रेस की ओर से जारी लिस्ट में उनके नाम के आगे 'विदाउट एनी असाइंड पोर्टफोलियो' लिखा है.
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Loksabha Elections 2024: चार राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में करारी हार के तुरंत बाद और लोकसभा चुनाव 2024 से चार महीने पहले कांग्रेस ने अपने संगठन में बड़ा फेरबदल किया है. इसमें उत्तर प्रदेश में प्रभारी पद संभाल रही महासचिव प्रियंका गांधी से चार्ज वापस लिए जाने ने सबसे ज्यादा ध्यान खींचा है. प्रियंका गांधी की जगह उत्तर प्रदेश का प्रभार अब महासचिव अविनाश पांडे को सौंपा गया है. कांग्रेस ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर संगठन में हुए बदलावों को सार्वजनिक किया है. जारी लिस्ट में बताया गया है कि किन नेताओं को क्या-क्या सांगठनिक जिम्मेदारी सौंपी गई है.
21 दिसंबर को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में लिया गया फैसला
नई दिल्ली में 19 दिसंबर को विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन की बैठक के बाद 21 दिसंबर को हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक में यह फैसला किए जाने की बात कही जा रही है. पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम में हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में हारने को लेकर बैठक विस्तार से चर्चा हुई थी. बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी सहित अन्य लोगों ने करारी हार के कारणों की समीक्षा भी की. इसी बैठक में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर रणनीति के तहत महासचिवों के प्रभार बदले जाने का फैसला भी किया गया था. इसके बाद ही कांग्रेस संगठन में अहम रणनीतिक बदलाव देखा गया है.
सोनिया गांधी ने कहा था- हार से आगे बढ़ें, लोकसभा चुनाव को देखें
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में शामिल संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विधानसभा चुनाव के नतीजों को बेहद निराशाजनक बताया था. उन्होंने कहा था, "यह कहना कि छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में विधानसभा चुनाव परिणाम हमारी पार्टी के लिए बहुत निराशाजनक रहे हैं, इसे हमारे संगठन के लिए कम ही कहना होगा. हमारे खराब प्रदर्शन के कारणों को समझने और आवश्यक सबक लेने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष पहले ही समीक्षा कर चुके हैं. आगे लोकसभा चुनाव भी होने हैं.' इसके बाद ही लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर तैयारियों को तेज कर दिया गया है.
प्रभारी महासचिव रहते हुए यूपी जोड़ो यात्रा की शुरुआती कार्यक्रम में नहीं दिखी प्रियंका गांधी
कांग्रेस की लिस्ट के मुताबिक, 12 महासचिवों के साथ-साथ 11 राज्य प्रभारियों की भी नियुक्ति की गई है. राज्यों के प्रभारी महासचिवों के साथ ही अन्य सांगठनिक प्रमुख पदों पर बदलाव को कांग्रेस की ओर से आधार मजबूत करने की कवायद बताया गया है. सूत्रों के मुताबिक, आम लोगों में फिर से पकड़ बनाने के लिए कांग्रेस जमीनी स्तर पर कई पहल भी शुरू करने वाली है. इनमें कांग्रेस के जन संपर्क कार्यक्रम और राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का दूसरा दौर भी शामिल है. कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा जनवरी 2024 के पहले सप्ताह के बाद कभी भी शुरू हो सकती है. इस बार यात्रा का विशेष ध्यान उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र पर होगा. इसके साथ ही सवाल उठना शुरू हो गया है कि दिल्ली की सत्ता के रास्ते यानी उत्तर प्रदेश से प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी को क्यों मुक्त कर दिया गया है. इस पद पर रहते हुए प्रियंका गांधी हाल ही में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की फ्लैगशिप पहल यूपी जोड़ो यात्रा की शुरुआती कार्यक्रम से भी दूर रहीं. आइए, जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर क्या सोचकर कांग्रेस लोकसभा चुनाव 2024 से पहले प्रियंका गांधी को यूपी से दूर रख रही है.
यूपी जोड़ो यात्रा से प्रियंका गांधी की दूरी पर जवाब नहीं दे पाए कांग्रेस नेता
यूपी कांग्रेस की यूपी जोड़ो यात्रा पश्चिम यूपी के राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सहारनपुर से शुरू होकर कई इलाकों से गुजरते हुए लखनऊ में खत्म होगी. इसमें 11 जिलों की 16 संसदीय सीटों को कवर करने की योजना बनाई गई है. यात्रा के दौरान रूट भी इस हिसाब से तय किया गया है कि खासकर मुस्लिम और दलित वोटरों से संपर्क साधा जा सके. यूपी के सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, अमरोहा, बिजनौर, बरेली, मुरादाबाद और रामपुर जैसे 7 जिलों में कई जगह आधी आबादी मुस्लिम वोटर की है. वहीं, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और बिजनौर जैसे इलाकों में अच्छी संख्या में दलित वोटर हैं. उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी से जुड़ी इस यात्रा के शुरू होने के मौके पर राहुल गांधी और यूपी की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी दोनों नहीं दिखे. यूपी कांग्रेस के कोई नेता इसका संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए.
यूपी कांग्रेस में तेलंगाना की तरह सेल्फ मोटिवेशन की कमी पर निशाना
कांग्रेस मुख्यालय में 18 दिसंबर को यूपी कांग्रेस के नेताओं के साथ आलाकमान की मीटिंग में यूपी के नेताओं ने चुनावी तैयारियों का अपडेट देते हुए गांधी परिवार के साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भी यूपी से लोकसभा चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया है. हालांकि, राहुल गांधी ने मीटिंग में यूपी में कांग्रेस संगठन की तुलना तेलंगाना से करते हुए सेल्फ मोटिवेशन की जरूरत बताई. राहुल गांधी ने मीटिंग में कहा कि यूपी कांग्रेस में दिक्कत है कि वहां तीन ऐसे नेता नहीं हैं, जो मुख्यमंत्री बनना चाहते हों. इसके बाद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के उत्तर प्रदेश से परहेज को उत्तर भारत की राजनीति से मोहभंग की तरह देखा जाने की शुरुआत होने लगी.
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में हार के बाद प्रियंका गांधी ने बरती दूरी
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में काफी एक्टिव रहीं प्रियंका गांधी हार के बाद से दूर नजर आ रही हैं. विपक्ष को साथ लेकर लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी कर रही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को प्रियंका गांधी का भरोसेमंद नेता माना जाता है. पहले सोनभद्र, हाथरस और लखीमपुर खीरी जाने के लिए धरने पर बैठ जाने वाली प्रियंका गांधी के बारे में कहा जा रहा है कि उनका राजनीतिक दायरा बढ़ाने के लिए शायद उन्हें यूपी से दूर किया जा रहा है. दूसरी ओर, अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण को लेकर बनते राजनीतिक माहौल को लेकर भी प्रियंका गांधी यूपी में सक्रिय होने से बच रही हैं. एक तर्क यह भी सामने आ रहा है कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान कमलनाथ के साथ सपा प्रमुख अखिलेश यादव की तनातनी को दूर करने के लिए भी प्रियंका गांधी को यूपी से दूर रखा जा रहा है. जिससे कि किसी भी सीधी बहस से वह बची रहें. क्योंकि केरल में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से सीताराम येचुरी चिढ़ गए थे.
प्रियंका को ममता दीदी की सलाह- पीएम मोदी से वाराणसी में मुकाबला करें
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में भी राहुल गांधी की कोई सक्रियता देखने को नहीं मिली थी. अब लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी में प्रियंका गांधी की सक्रियता नहीं या बेहद कम देखने को मिलेगी. इसको गांधी परिवार की आपसी अंडरस्टैंडिंग की तरह भी बताया जा रहा है. एक और कारण के तौर पर यह भी तर्क सामने आता है कि कर्नाटक और तेलंगाना में सरकार बनने के बाद कांग्रेस अपना ज्यादा फोकस दक्षिण के राज्यों की ओर बढ़ाने वाली है. इसलिए प्रियंका गांधी को फिलहाल हिंदी पट्टी के राज्यों से दूर किया जा रहा है. हालांकि, इंडिया गठबंधन की दिल्ली बैठक में टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने प्रियंका गांधी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी सीट से चुनाव मैदान में उतारने की सलाह दी. लोकसभा चुनाव 2019 में प्रियंका गांधी के बयानों के बाद प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ उनके चुनाव लड़ने की काफी चर्चा रही थी. कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर से फिर से ऐसी अपील से बचने के लिए भी प्रियंका गांधी की यूपी से दूरी की वजह हो सकती है.