Pankah Udhas Death: जाने माने गजल गायक पंकज उधास का 26 फरवरी को निधन हो गया. पिछले कुछ समय से वे स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे. इनकी मौत की खबर म्यूजिक इंडस्ट्री समेत देशभर के लिए शॉकिंग है. पंकज लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे. इनकी निधन की खबर की पुष्टि परिवार वालों ने की है.
वैसे तो पंकज उधास की कई गजलें फेमस है लेकिन 'चिट्ठी आई है' गीत से उन्हें पॉपुलैरिटी मिली थी. महज 6 साल की उम्र से गजल गाने वाले पंकज देखते ही देखते सुरों के ऐसे सरताज बन गए कि आज उनकी आवाज और उनकी गीत को हर कोई पसंद करता है.
पंकज उधास के कुछ और फेमस गीतों की बात की जाए तो "ना कजरे की धार" "चांदी जैसा रंग", "एक तरफ उसका घर", "पैमाने टूट गए", "घुंघरू टूट गए", "ओ साहिबा" जैसे गानों ने उन्हें अमर बना दिया.
2006 में उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया था. साल 1972 में इन्होंने पहली बार बॉलीवुड के लिए गाया. पंकज उधास का सबसे पहला एल्बम 1980 में आया था जो काफी कामयाब रहा था.
पंकज उधास ने 25 से अधिक एल्बम रिकॉर्ड किए. इन्होंने अपनी गजल गायकी से लोगों के दिलों में ऐसी जगह बनाई कि लोग हमेशा इनकी गजल को गुनगुनाते रहते थे.
पंकज उधास के बारे में एक कहानी बहुत फेमस है. रंगमंच पर जब उनका पहला परर्फामेंस हुआ था तो उन्हें 51 रुपये का इनाम मिला था. ये वाक्या उस समय का है जब भारत-चीन युद्ध चल रहा था और उन्होंने "ऐ मेरे वतन के लोगों" गाया था.
गुजरात के जेतपुर में 17 मई 1951 को जन्मे पंकज उधास अपने तीन भाइयों में सबसे छोटे थे. पिता का नाम केशुभाई और माता का नाम जितुबेन उधास था. उनके दो बड़े भाई निर्मल और मनहर उधास भी गायक रहे हैं. लेकिन जो मुकाम 72 वर्ष के पंकज ने हासिल किया, उसका कोई तोड़ नहीं था.
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