Diljit Dosanjh JLN Stadium: दिलजीत दोसांझ, बॉलीवुड जगत का वो नाम जिसके सिंगिंग टैलेंट को देखने के लिए कभी भी हजारों फैंस की भीड़ जमा हो जाती है. 26 और 27 अक्टूबर को ऐसा ही मंजर दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में देखने को मिला, जहां दिलजीत के गानों पर हजारों लोग झूमते नजर आए. लेकिन कंसर्ट खत्म होने के बाद JLN स्टेडियम की दुर्गति का मुद्दा तूल पकड़ता नजर आ रहा है.
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Diljit Dosanjh JLN Stadium: दिलजीत दोसांझ, बॉलीवुड जगत का वो नाम जिसके सिंगिंग टैलेंट को देखने के लिए कभी भी हजारों फैंस की भीड़ जमा हो जाती है. 26 और 27 अक्टूबर को ऐसा ही मंजर दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में देखने को मिला, जहां दिलजीत के गानों पर हजारों लोग झूमते नजर आए. लेकिन कंसर्ट खत्म होने के बाद JLN स्टेडियम की दुर्गति का मुद्दा तूल पकड़ता नजर आ रहा है. एक एथलीट ने स्टेडियम की वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर की और इसका विरोध किया है.
खिलाड़ियों का प्रैक्टिस करना हुआ दूभर
JLN स्टेडियम में जहां रोजाना एड़ी-चोटी का पसीना एक कर प्लेयर्स अपने साकार भविष्य के सपने देखते हैं. उस स्टेडियम में उन्हीं खिलाड़ियों का प्रैक्टिस करना दूभर हो गया है. दिलजीत के शो के बाद जब स्टेडियम की तरफ एक खिलाड़ी ने कैमरा घुमाया तो कहीं शराब की बोतलें तो कहीं कचरे का ढेर नजर आया. यह देख एथलीट का गुस्सा फूटा और उसने वीडियो के जरिए शो के विरोध में सभी की पोल खोलकर रख दी.
रनिंग ट्रैक हो गया ब्लॉक
स्टेडियम का रनिंग ट्रैक वीडियो में साफतौर पर ब्लॉक नजर आ रहा है. सड़ा हुआ खाना दिख रहा है, कुर्सियां टूटी पड़ी हैं. प्लेयर्स के प्रैक्टिस का सामान भी एक तरफ ढेर में टूटा दिख रहा है. गंदगी की वजह से खिलाड़ियों को प्रैक्टिस भी छोड़नी पड़ गई. सोशल मीडिया पर जारी किया गया वीडियो धावक बेअंत सिंह काहै, जिन्होंने वीडियो के जरिए अपनी भड़ास निकाली.
1 नवंबर तक किराए पर था स्टेडियम
दिलजीत के कंसर्ट के लिए स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) और सारेगामा के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट साइन हुआ था. दिलजीत के शो के लिए यह स्टेडियम 1 नवंबर तक किराए पर लिया गया. स्टेडियम को पूरी तरह से तब तक साफ कर दिया जाएगा. वीडियो में बेअंत सिंह ने कहा, 'ये औकात है इंडिया में स्पोर्ट्स की और स्पोर्ट्स पर्सन की, जहां पर बच्चे प्रैक्टिस करते हैं और यहां पर दारू पीकर लोग नाच गाना करते हैं. 10-10 दिन के लिए स्टेडियम बंद रहता है. जो बच्चों का सामान होता है प्रैक्टिस करने का उसको तोड़कर फेंक दिया जाता है. 4 साल बाद सोशल मीडिया पर सभी को याद आएगा कि ओलंपिक्स भी कुछ होता है. इंडिया के मेडल क्यों नहीं आते, इसलिए मेडल नहीं आते स्पोर्स्ट पर्सन को जो इज्जत मिलनी चाहिए सपोर्ट मिलना चाहिए वो नहीं मिलता है. किसी का किस्मत से मेडल आ भी जाता है फिर उसी को आगे सोशल मीडिया पर उसके साथ फोटो डालना, उससे मिलना और सारा फेम उसके नाम पर लूट लिया जाता है. जो सपोर्ट करना चाहिए वो नहीं किया जाता है.'