Waheeda Rehman Films: वहीदा रहमान को गुरु दत्त की खोज माना जाता है. मगर गुरु दत्त मुंबई में फिल्में बना रहे थे और वहीदा चेन्नई में रहती थीं. दोनों की पहली मुलाकात हैदराबाद में हुई. किस्मत ने किन रास्तों से दोनों को मिलाया, जानिए...
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Waheeda Rehman Dadasaheb Phalke Award: अगर दिग्गज फिल्म मेकर गुरु दत्त (Guru Dutt) की कार से एक भैंस न टकराई होती, तो हिंदी सिनेमा को शायद वहीदा रहमान जैसी एक्ट्रेस नहीं मिलती. वहीदा को गुरु दत्त की खोज माना जाता है. उन्होंने गुरु दत्त के प्रोडक्शन हाउस से अपना करियर शुरू किया था. गुरु दत्त ने उन्हें फिल्म सीआईडी (Film CID) में देव आनंद के अपोजिट (Dev Anand) मौका देते हुए उनके साथ तीन साल का अनुबंध किया था. इस दौर में वहीदा रहमान ने गुरु दत्त के कैंप के लिए कई शानदार फिल्में कीं. लेकिन उनकी और गुरु दत्त की पहली मुलाकात संयोग से हुई क्योंकि वहीदा रहमान हैदराबाद (Hyderabad) में थीं. वह डांसर थीं और साउथ की फिल्मों (South Films) में अपने लिए काम तलाश रही थीं.
फिल्म देखने निकले
बताया जाता है कि साउथ के एक डिस्ट्रीब्यूटर ने गुरु दत्त को तमिल फिल्म मिस अम्मा देखने के लिए बुलाया था. उनका कहना था कि इस फिल्म को हिंदी में बनाया जा सकता है. गुरु दत्त अपनी टीम के राइटर अबरार अल्वी के साथ मुंबई (Mumbai) से कार में हैदराबाद जा रहे थे. उन्हें फिल्म देखकर लौटना था. लेकिन हैदराबाद के नजदीक पहुंचते ही एक कच्च रास्ते पर इस कार को एक भैंस ने टक्कर मार दी. गैराज वाले ने कहा कि कार को इतना नुकसान हुआ है कि इसे ठीक होने में दो-तीन दिन लगेंगे. नतीजा यह कि गुरु दत्त को फिल्म देखकर लौटने के बजाय हैदराबाद में दो-तीन दिन रुकना पड़ गया.
कार आकर रुकी
हैदराबाद में वह फिल्म को गुरु दत्त को जमी नहीं. इसके बाद उनके पास यही था कि किसी तरह खाली वक्त बिताया जाए. वे लोग डिस्ट्रीब्यूटर के दफ्तर में बैठे तो एक कार आकर रुकी और उसमें से एक लड़की उतर कर सामने की बिल्डिंग में चली गई. डिस्ट्रीब्यूटर ने बताया कि जो सामने लड़की गई है, वह एक डांसर है और कुछ दिन पहले ही उसने तेलुगु फिल्म रोजुलु मरायी में एक डांस किया. जो सबने खूब पसंद किया और फिल्म की सफलता में उस डांस ने बड़ा योगदान दिया है. गुरु दत्त ने पूछा कि क्या उस लड़की हिंदी-उर्दू आती है तो डिस्ट्रीब्यूटर ने हां कहते हुए उस लड़की को बुलवा दिया. यह वहीदा रहमान थी.
बुलावा बंबई का
करीब आधे घंटे की मुलाकात में गुरु दत्त वहीदा से इंप्रेस नहीं हुए. वह चली गई. तब डिस्ट्रीब्यूटर ने पास के हॉल में वहीदा की फिल्म का डांस गुरु दत्त को दिखाने के इंतजाम किए. गुरु दत्त और अबरार अल्वी ने जब पर्दे पर देखा, तो गुरु दत्त इंप्रेस हुए. हालांकि दो-तीन दिन बाद लौट आए. मगर जब तीन महीने बाद उन्होंने अपने बैनर तले फिल्म सीआईडी की प्लानिंग की तब उन्हें हैदराबाद वाली वह लड़की याद आई. उन्होंने अपने एक सहायक को हैदराबाद भेजकर वहीदा रहमान को स्क्रीन टेस्ट के लिए बंबई बुलवाया. सीआईडी से वहीदा रहमान ने हिंदी फिल्मों में डेब्यू किया और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. लेकिन अगर गुरु दत्त की कार से भैंस नहीं टकराई होती और गुरु दत्त सिर्फ फिल्म देखकर लौट आए होते, तो इतिहास शायद कुछ और होत