Sharad Kelkar on Adipurush:'आदिपुरुष' फिल्म पर मचे बवाल पर ये क्या कह गए शरद केलकर, जवाब सुन नहीं होगा यकीन
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Sharad Kelkar on Adipurush:'आदिपुरुष' फिल्म पर मचे बवाल पर ये क्या कह गए शरद केलकर, जवाब सुन नहीं होगा यकीन

Sharad Kelkar: प्रभास को 'आदिपुरुष' फिल्म में अपनी आवाज देने वाले एक्टर शरद केलकर ने हाल ही में जी न्यूज से खास बातचीत की. इस दौरान शरद ने आदिपुरुष फिल्म पर मचे बवाल पर भी चुप्पी तोड़ी.

शरद केलकर और आदिपुरुष पोस्टर

Sharad Kelkar on Adipurush Film Controversy: 'आदिपुरुष' (Adipurush) फिल्म का जब से ट्रेलर रिलीज हुआ है तब से इल फिल्म को लेकर बवाल मचा हुआ है. इस फिल्म में प्रभास जहां आदिपुरुष का रोल निभा रहे हैं तो वहीं सैफ अली खान रावण का रोल. ऐसे में ये फिल्म लगातार एक्टर्स के लुक की वजह से ट्रोल्स के निशाने पर आ गई है. इन सबके बावजूद लोगों को इस फिल्म के ट्रेलर में एक आवाज लोगों को काफी पसंद आ रही है. ये आवाज मशहूर एक्टर शरद केलकर (Sharad Kelkar) ही है जिन्होंने प्रभास को अपनी आवाज दी है. हाल ही में शरद केलकर ने जी न्यूज से एक्सक्लूसिव बातचीत की. इस दौरान शरद ने आदिपुरुष फिल्म पर मचे बवाल पर चुप्पी तोड़ी.

किसी ने नहीं देखा पुराना जमाना
जी न्यूज रिपोर्टर ने शरद केलकर (Sharad Kelkar) से सवाल पूछा कि हाल में पीरियड फिल्म को जिस तरह से दिखाया जा रहा है उसे लेकर काफी कॉन्ट्रोवर्सी चल रही है. लोगों का कहना है कि आप इस तरह से इतिहास से छेड़छाड़ कर रहे हैं. इस पर आपको क्या लगता है कि फिल्म मेकर्स को इतनी लिबर्टी मिलनी चाहिए? इस सवाल का जवाब देते हुए शरद केलकर ने कहा- 'पुराना जमाना तो किसी ने देखा ही नहीं है. ये सभी कथाएं है..इमेजिनेशन है या फिर किसी ने इसका वर्णन किया उसके ऊपर लिखा गया इतिहास है. उसमें भी लूप होल्स हो सकते हैं. फिर भी हम लोग तथ्यों को मानते हैं. देखिए फिल्म मीडिया थोड़ा एंटरटेनिंग भी है वरना हम लोग डॉक्यूमेंट्री बनाएंगे.'

 

 

 

 
 
 
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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थोड़ी लिबर्टी होना जरूरी
इसके साथ ही शरद केलकर ने कहा- 'फिल्म बनती है ताकि लोग थोड़ा एंटरटेन भी हो और फैक्ट्स भी रहे एक हद तक. लेकिन बात रही थोड़ा ड्रामाटाइजेशन की तो वो फिल्म में रहेगा ही. वो यहां नहीं..हर जगह होता है. फिल्में रियल नहीं है. वो फिल्म इसलिए हैं क्योंकि वो सपने हैं जो आप खुली आंखों से देखते हैं. थोड़ा बहुत रूपांतरण करना पड़ता है लेकिन इतना भी मत छेड़ दो कि वो बिल्कुल ही उल्टा हो जाए, तो कुछ लोग लेते हैं लिबर्टी. कहीं ना कहीं ग्रैंडनेस या फिर पिक्चराइजेशन अच्छा दिखाने के लिए करना पड़ता है ताकि वाओ फैक्टर आ जाए. मुझे ऐसा लगता है कि थोड़ा लिबर्टी होना चाहिए और फैक्ट्स भी, ताकि बैलेंस बना रहे.'

 

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