Mohammad Rafi Unknown Facts: हिंदी सिनेमा में 60 के दशक में जिस गायक की आवाज का जादू चला वो थे मोहम्मद रफी. जब उन्होंने गाया तो क्या हिंदुस्तान, क्या पाकिस्तान दोनों ही देशों की आवांम मानो उनकी दीवानी हो गई.
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Mohammad Rafi Interesting Facts: हिंदी सिनेमा के दिग्गज गायकों की बात हो तो मोहम्मद रफी का नाम हर किसी की जुबां पर सबसे पहले आ जाएगा. एक से बढ़कर एक नगीने, आवाज ऐसी मानो कानों से घुसकर रूह को सुकून पहुंचा रही हो. 60 के दशक में अगर भारत में कोई आवाज गूंजी तो वो मोहम्मद रफी की ही थी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि रफी साहब को गाने का ये शौक कैसे लगा.
फकीर के गाने से हुए थे प्रभावित
कहते हैं कि जब रफी साहब काफी छोटे थे तब उनकी गलियों में एक फकीर आया करता था और गाना गाता था. उसका गाना उन्हें बहुत भाता था लिहाजा वो हर रोज उसका इंतजार किया करते थे. यही से उनकी रुचि गाने में हुई लेकिन 9 साल की उम्र में मोहम्मद रफी का पूरा परिवार लाहौर चला गया. कहा जाता है कि उस वक्त उनके पिता ने उन्हें नाई की दुकान में बाल काटने के लिए लगवा दिया. एक दिन जब वो बाल काट रहे थे तो एक नगमा पूरे सुर में गुनगुना रहे थे. तब पंडित जीवनलाल जो बाल कटवाने गए थे वो उनके गाने से काफी प्रभावित हुए और उन्हें संगीत की तालीम दी.
13 की उम्र में दी पहली परफॉर्मेंस
1937 में लाहौर में ऑल इंडिया एक्जीबिशन हुआ था जिसमें बिजली चली गई तो मशहूर सिंगर कुंदनलाल सहगल ने गाने से मना कर दिया. तब रफी साहब को संयोग से स्टेज पर जाने का मौका मिला और तब उन्होंने बेहद ही शानदार गाना गाया था. तब उनकी उम्र महज 13 साल ही थी.
100 रुपए और एक टिकट ने बदल दी जिंदगी
प्रोड्यूसर नजीर ही थे जिन्होंने मोहम्मद रफी को पहला मौका दिया हिंदी सिनेमा में गाने का. 1944 की बात है जब नजीर ने रफी को 100 रुपए भेजे और साथ ही एक टिकट भी और उन्हें मुंबई बुला लिया. बस फिर क्या था मोहम्मद रफी एक से बढ़कर एक नगमे गाते गए और लोग उनके जादू में खोते चले गए.