Rajendra Kumar Movies: 1960 के दशक के दौरान, उनकी फिल्मों को जमकर सफलता मिली, जो सिनेमाघरों में लगातार 25 हफ्ते तक चलीं इसलिए उनका नाम जुबली कुमार पड़ गया.
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Rajendra Kumar Life Facts: राजेंद्र कुमार (Rajendra Kumar) जिन्हें प्यार से जुबली कुमार के नाम से जाना जाता है. वह हिंदी सिनेमा के गोल्डन पीरियड के बेस्ट एक्टर्स में से एक थे. 20 जुलाई, 1929 को सियालकोट में जन्मे, राजेंद्र कुमार एक ऐसे परिवार से थे जो विभाजन के दौरान भारत आ गया. उनके पिता कपड़ों के बहुत बिजनेसमैन हुआ करते थे लेकिन राजेंद्र कुमार का सपना हमेशा से फिल्मों में जाने का रहा.
पुलिस की नौकरी के लिए चुने जाने के बावजूद, राजेंद्र कुमार ने फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाने का फैसला किया और मुंबई पहुंचे. उनके करियर के शुरुआती दौर में कई चुनौतियाँ आईं, लेकिन राजेंद्र कुमार डटे रहे. उन्हें पहली सक्सेस 1957 में फिल्म मदर इंडिया से मिली, जिसमें उन्होंने नरगिस के बेटे की भूमिका निभाई. इस भूमिका ने उन्हें काफी पहचान दिलाई. 1959 में राजेंद्र कुमार को रोमांटिक हीरो के रूप में पहली बड़ी सफलता फिल्म गूंज उठी शहनाई से मिली. 1960 के दशक के दौरान, उनकी फिल्मों को जमकर सफलता मिली, जो सिनेमाघरों में लगातार 25 हफ्ते तक चलीं इसलिए उनका नाम जुबली कुमार पड़ गया.
अपने शानदार करियर के साथ-साथ राजेंद्र कुमार की लव लाइफ ने भी उन दिनों खूब सुर्खियां बटोरीं. उन्हें नूतन से गहरा लगाव हो गया, लेकिन उनके परिवारों ने उनके रिश्ते को नकार दिया,जिसके कारण यह जोड़ी काफी समय तक किसी फिल्म में भी नजर नहीं आई. लेकिन वे फिल्म साजन बिना सुहागन में फिर से साथ आए जहां उन्होंने एक पिता और एक मां की भूमिका निभाई थी.
राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) के एंट्री के बाद राजेंद्र कुमार की लोकप्रियता घट गई. उन्होंने अपने पूरे करियर में 85 से ज्यादा फिल्मों में काम किया, जिनमें धूल का फूल, पतंग, धर्मपुत्र और हमराही सहित कई फिल्में कीं जो सुपरहिट साबित हुईं. राजेंद्र कुमार को प्रॉपर्टी में इन्वेस्टमेंट का बहुत शौक था.यही वजह है कि जब उन्होंने अपना मुंबई स्थित एक लकी बंगला बेचा तो उसे राजेश खन्ना ने तुरंत 3 लाख रुपए में खरीद लिया था. बाद में राजेश खन्ना ने इसे आशीर्वाद बंगले का नाम दिया जो कि उनके लिए बेहद लकी साबित हुआ था.