Bollywood Villains: बिग बी को कहा गया सदी का महानायक, लेकिन क्या आप जानते हैं कौन है सदी का खलनायक?
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Bollywood Villains: बिग बी को कहा गया सदी का महानायक, लेकिन क्या आप जानते हैं कौन है सदी का खलनायक?

Famous Villains: बॉलीवुड इतिहास में अमरीश पुरी, अमजद खान, डैनी, रंजीत, कादर खान से लेकर प्रेम चोपड़ा, शक्ति कपूर, सदाशिव अमरापुरकर, गुलशन ग्रोवर जैसे चर्चित खलनायक हुए. मगर क्या आप जानते हैं कि विलेन ऑफ द मिलेनियम यानी सदी का खलनायक किसे कहा गया...ॽ

 

Bollywood Villains: बिग बी को कहा गया सदी का महानायक, लेकिन क्या आप जानते हैं कौन है सदी का खलनायक?

Bollywood Famous Villains: यह बात तो सब जानते हैं कि अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) को सदी का महानायक कहा जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हिंदी फिल्मों का कौन का एक्टर सदी का खलनायक रहा हैॽ यूं तो हिंदी फिल्मों के सौ साल के इतिहास में दर्जनों चर्चित खलनायक (Bollywood Villains) हुए हैं, लेकिन जो असर प्राण ने अपनी भूमिकाओं  पैदा किया, वह कोई नहीं कर सका है. प्राण भारतीय सिनेमा के इतिहास में अब तक के सबसे महान खलनायक हैं. जिन्होंने कई हिंदी फिल्मों में काम किया. उन्हें भारत सरकार ने सर्वोच्च फिल्म सम्मान दादासाहब फाल्के पुरस्कार (Dadasaheb Phalke) से भी सम्मानित किया. 1942 से 1991 के बीच प्राण खलनायक किरदारों में नजर आए. इसके साथ उन्होंने चरित्र भूमिकाएं भी खूब निभाई.

सबसे बड़ा खलनायक
रोचक तथ्य यह है कि सदी के महानायक अमिताभ को जिस फिल्म ने स्टारडम की पहली सीढ़ी दी, उस जंजीर (Film Zanjeer) में प्राण उनके दोस्त बने थे. उनका पूरा नाम प्राण कृष्ण सिकंदर अहलूवालिया था. वह अपने समय के सबसे ज्यादा महंगे एक्टरों में थे. वैसे 1940-1947 के बीच वह कुछ फिल्मों में हीरो की भूमिकाओं में भी आए. जबकि 1967 के बाद उन्होंने चरित्र भूमिकाएं निभानी शुरू कर दी थीं. खानदान (1942) उनकी पहली हिंदी फिल्म थी, जिसमें वह नूरजहां (Noorjahan) के साथ रोमांटिक मुख्य भूमिका में थे. प्राण उस दौर में सबसे प्रमुख खलनायक थे, जब दिलीप कुमार (Dilip Kumar), देव आनंद (Dev Anand) और राज कपूर (Raj Kajpoor) सिनेमा के सबसे बड़े हीरो थे. 1940 से 1970 तक प्राण पर्दे पर सबड़े खलनायक थे, खासकर 1950 और 60 के दशक में.

एक से एक फिल्में
खलनायक के रूप में प्राण का असर दर्शकों पर इतना था कि पर्दे पर उनके आते ही महिलाएं उन्हें गालियां देने लगती थीं. पुरुष उनसे नफरत करते थे. वह किरदार में इतनी गहराई से उतरते थे कि वह बिल्कुल सच्चा मालूम होता था. प्राण ने 350 से ज्यादा फिल्मों में काम किया. मधुमती (1958), जिस देश में गंगा बहती है (1960), उपकार (1967), पूरब और पश्चिम (1970), राम और श्याम (1967), जंजीर (1973), डॉन (1978), अमर अकबर एंथोनी (1977) और दुनिया (1984) उनकी प्रमुख फिल्मो में हैं. फिल्म उपकार में वह एक पूर्व सैनिक के रोल में थे और कसमें वादे प्यार वफा जैसा प्रसिद्ध गाना उन पर फिल्माया गया था. इस फिल्म ने उन्हें एक अलग पहचान दी और सहायक अभिनेता के रूप में उन्होंने अपना पहला फिल्मफेयर पुरस्कार (Filmfare Award) जीता.

घर जाकर अवार्ड
प्राण और अशोक कुमार (Ashok Kumar) पक्के दोस्त थे और दोनों ने 27 फिल्मों में साथ काम किया. बिग बी के साथ प्राण ने जंजीर, डॉन, दोस्ताना, नसीब, शराबी समेत कोई 14 फिल्मों में काम किया. जंजीर में शेर खान के रूप में प्राण की भूमिका आज भी बहुत लोकप्रिय है और उन पर फिल्माया गाना, यारी है ईमान आज भी खूब सुना जाता है. 1998 में 78 साल की उम्र में उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उन्होंने उम्र तथा स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण फिल्मों से दूरी बना ली. हालांकि बहुत ही आग्रह पर जरूर उन्होंने कुछ फिल्मों में कैमरे का सामना किया. उन्हें कई पुरस्कारों और अवार्डों से सम्मानित किया गया. 2001 में उन्हें पद्म भूषण प्राप्त हुआ, तो 2013 में दादा साहब फाल्के. वह पुरस्कार समारोह में शामिल नहीं हो सके थे. तब मंत्री मनीष तिवारी (Manish Tiwari) ने मुंबई (Mumbai) में उनके घर पर पुरस्कार प्रदान किया था. सीएनएन के उन्हें सर्वकालिक शीर्ष 25 एशियाई एक्टरों की सूची में शामिल किया. जबकि साल 2000 में स्टारडस्ट (Stardust) ने उन्हें मिलेनियम के खलनायक के रूप में सम्मानित किया. 2013 में 93 साल की प्राण में मुंबई में निधन हो गया.

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