कलेक्टर के अधिकार और पावर ने ऐसा डाला प्रभाव, आर्थिक तंगी के बावजूद देश का सबसे युवा IPS बन रचा इतिहास
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कलेक्टर के अधिकार और पावर ने ऐसा डाला प्रभाव, आर्थिक तंगी के बावजूद देश का सबसे युवा IPS बन रचा इतिहास

Youngest IPS officer Safin Hasan: सफीन बताते हैं कि इतनी तंगहाली और दिक्कतों के बावजूद उनके परिवार ने उनके आईपीएस बनने के सपने को हमेशा सपोर्ट किया. उनकी पढ़ाई में कभी कोई कमी नहीं होने दी.  

कलेक्टर के अधिकार और पावर ने ऐसा डाला प्रभाव, आर्थिक तंगी के बावजूद देश का सबसे युवा IPS बन रचा इतिहास

IPS Safin Hasan Success Story: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है, जिसके लिए हर साल लाखों एस्पिरेंट्स जी तोड़ मेहनत करते हैं, लेकिन सफलता सैकड़ों को ही मिलती है. इन्हीं में से एक हैं हसन सफीन, जिन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2018 में देश के सबसे युवा आईपीएस ऑफिसर बनकर इतिहास रच दिया. आइए जानते हैं कि आर्थिक तंगी और सुविधाओं की कमी के बावजूद कैसे हसन ने हर परेशानी को पार करके अपनी मंजिल हासिल की. 

सफीन की आईपीएस बनने तक का सफर बहुत ज्यादा मुश्किलों से भरा हुआ रहा.  10वीं में 92 प्रतिशत लाने वाले सफीन ने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में बीटेक किया. यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2018 में 570 रैंक हासिल करने वाले हसन सफीन की पहली पोस्टिंग 2019  सहायक पुलिस अधीक्षक (ASP) के तौर पर जिला जामनगर में मिली.  

काफी संघर्ष भरा था हसन सफीन का बचपन 
जानकारी के मुताबिक देश के सबसे युवा आईपीएस अधिकारी के पिता एक डायमंड यूनिट में हीरा तराशने का काम करते थे, लेकिन नौकरी छूट जाने के कारण परिवार का भरष-पोषण मुश्किल हो गया था. हसन के मुताबिक उनक मां सुबह शादियों में रोटियां बनाने का काम करती थीं. सर्दियों ठंड के मौसम में उनके माता-पिता दोनों चाय और अंडे का ठेला लगाया करते थे.

आईपीएस बनने की प्रेरणा कैसे मिली? 
एक इंटरव्यू के दौरान इस सवाल के जबाव में हसन सफीन ने बताया था कि एक दिन उनके गांव में दौरे पर डीएम आए थे, जो गांव के लोगों से उनकी परेशानियों के बारे में पूछ रहे थे और लोगों को जल्दी ही उन्हें सुलझाने का आश्वासन दे रहे थे. डीएम के साथ उनके बॉडीगार्ड्स और पीए भी थे.

हसन डीएम के प्रशासनिक अधिकार और पावर से काफी प्रभावित हुए. हसन ने जब अपने एक रिश्तेदार से जाना कि डीएम क्या होता है, उसके बाद निश्चय किया की वह भी एक आईएएस अफसर बनकर देश की सेवा करेंगे और उस दिन से इसकी तैयारी में लग गए थे. 

सफलता का श्रेय
उनके इस सफर में उनका साथ देने वाले लोगों को हसन अपनी सफलता श्रेय देते हैं. जानकारी के मुताबिक उनकी हाईस्कूल प्रिंसिपल ने स्कूल की 80,000 रुपये फीस माफ कर उनकी मदद की थी.  वहीं, गुजरात के प्रसिद्ध पोलरा परिवार ने यूपीएससी की तैयारी के दौरान 2 साल तक कोचिंग फीस समेत उनका सारा खर्चा उठाया. 

हसन ने किया कई मुश्किलों का सामना किया
जानकारी के मुताबिक साल 2017 में अपना पहले UPSC प्रिलिम्स दिया था, लेकिन उनका मेन्स के समय एक बड़ा एक्सीडेंट हो गया था, लेकिन वह फिर भी एग्जाम देने गए, जिसके तुरंत बाद उन्हें घुटनों की सर्जरी करवानी पड़ी थी.

वहीं, 20 फरवरी 2018 में बॉडी में इन्फेक्शन के चलते उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट होना पड़ा था, जिसके बाद वह 23 मार्च 2018 को इंटरव्यू  देने गए थे. उनका इंटरव्यू बढ़िया रहा और इतने संघर्ष के बाद उन्होंने 2018 में 570 रैंक के साथ भारत के सबसे कम उम्र के IPS अधिकारी होने का रिकॉर्ड दर्ज किया था.  

हसन सफीन 22 साल की उम्र में IPS अधिकारी बने थे. हालांकि, वह आईएएस ऑफिसर बनना चाहते थे, जिससे लिए उन्होंने फिर प्रयास भी किया. अब अपनी इस सफलता से संतुष्ट हैं और एक जिम्मेदार अधिकारी के तौर पर राष्ट्र सेवा में समर्पित हैं. 

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