Success Story: सपने को जिंदा रखने के लिए पति ने संभाला घर तो रिंकी ने जीता जहान, सास का रोल भी हैरान करने वाला
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Success Story: सपने को जिंदा रखने के लिए पति ने संभाला घर तो रिंकी ने जीता जहान, सास का रोल भी हैरान करने वाला

Success Story: आए दिन जब इस तरह की खबरें सामने आती है कि देश के किसी हिस्से में कोई बेटी ससुरालवालों के कारण मारी गई तो मन दुखी हो जाता है. इन सबके बीच रिंकी सैनी की ये कहानी आपका दिन बना देगी. जहां एक सास और पति की हौसला अफजाई के कारण रिंकी ने अपने सपने को हकीकत बनाया...

Success Story: सपने को जिंदा रखने के लिए पति ने संभाला घर तो रिंकी ने जीता जहान, सास का रोल भी हैरान करने वाला

Positive News: ये तो पूरी दुनिया कहती और सुनती आ रही है कि हर कामयाब इंसान के पीछे एक महिला का हाथ होता है, इस बात को झुठलाया भी नहीं जा सकता. हालांकि, कुछ मामलों में इस कहावत के बिल्कुल विपरीत होता है. आज महिलाएं किसी क्षेत्र में पीछे नहीं रहतीं. प्रतिभा हो तो उन्हें बस थोड़े से सपोर्ट की जरूरत होती है. ऐसे ही पति के सपोर्ट के जरिये देश की एक और बेटी ने अपनी पहचान बनाने में कामयाबी हासिल की है.

हम बात कर रहे हैं वेटलिफ्टर रिंकी सैनी की. बता दें कि रिंकी सैनी ने हाल ही में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर अपने राज्य और शहर का नाम रोशन किया है. आइए जानते हैं एक पत्नी, बहू और मां रिंकी की सफलता की कहानी, जिसने पारिवारिक जिम्मेदारी को निभाकर भी अपने सपनों पर धूल नहीं पड़ने दी...

मुरादाबाद की निवासी हैं रिंकी

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के रहने वाले भूप सिंह की दो बेटियां और एक बेटा रिंकी सैनी, कंचन और अमन है. रिंकी उनकी सबसे बड़ी बेटी है. रिंकी ने बलदेव आर्यन्स कन्या इंटर कॉलेज से अपनी स्कूली की पढ़ाई की है. जब वह 10वीं में थीं, तब उन्होंने वेट लिफ्टिंग करना शुरू कर दिया, लेकिन तब उन्हें खेलने का कोई बड़ा अवसर न मिल सका. 

वेटलिफ्टिंग में करियर बनाने का मन 

रिंकी ने बीए की पढ़ाई के लिए रामेश्वर डिग्री कॉलेज में एडमिशन लिया. इसके बाद उन्होंने वेटलिफ्टिंग में करियर बनाने के लिए कोच सर्वेश सिंह से ट्रेनिंग लेनी शुरू की. इस तरह वेटलिफ्टिंग में यूनिवर्सिटी लेवल से उनकी बेहतरीन पारी की शुरुआत हुई और उन्होंने गोल्ड मेडल जीता, लेकिन बीए की पढ़ाई खत्म होते ही उनकी पारी भी यहीं थम गई. साल 2019 में रिंकी की शादी हो गई और उन पर पारिवारिक जिम्मेदारी आ गई. इस तरह उनके रास्ते बदल गए और वह खेल से दूर हो गईं. 

पति और सास ने किया प्रेरित   

शादी के साल भर बाद उनकी बेटी का जन्म हुआ और इस तरह धीरे-धीरे एक ओर साल बीत गया, लेकिन रिंकी का खेल के प्रति लगाव देख उनके पति सनी और सास उमा ने रिंकी को दोबारा खेलने के लिए प्रेरित किया. दादी और पिता ने बच्ची की जिम्मेदारी ली और रिंकी ने फिर कोच सर्वेश सिंह से ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया. ससुराल वालों को भरोसा और रिंकी की अथक मेहनत रंग लाई. हाल ही में रिंकी ने राज्य स्तरीय वेटलिफ्टिंग संघ की ओर से आयोजित राज्य स्तर वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लिया.  उन्होंने 64 किलो वर्ग में कांस्य पदक जीता है. 

किसी भी हालात में सपने को मरने न दें: रिंकी सैनी

ऐसी शादीशुदा महिलाएं जो कुछ करना चाहती हैं, उन्हें संदेश देते हुए रिंकी ने कहा कि शादी के बाद की जिम्मेदारी के बाद भी महिलाएं अपना सपना पूरा कर सकती हैं. बस इसके लिए कड़ी मेहनत और हौसले की जरूरत है. 

अपने सपने पूरे करने का सबको अधिकार है: सनी 

रिंकी के पति सनी का कहना है कि ‘मेरी पत्नी का सपना था वेटलिफ्टिंग खिलाड़ी बनने का, जो शादी होने के बाद छूट गया था, लेकिन मैंने सब कुछ संभाल कर रिंकी को आगे बढ़ाया, ताकि और लोगों को भी इनसे प्रेरणा मिल सके. उन्होंने कहा कि शादी के बाद लड़की की इच्छा को खत्म नहीं करना चाहिए, बल्कि उसे आगे बढ़ने में मदद करनी चाहिए, ताकि वह अपना सपना पूरा कर सके. 

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