Railway Rules: रेलवे परिसर में किसी यात्री की मौत या एक्सीडेंट के मामलों में कब देता है रेल प्रशासन मुआवजा?
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Railway Rules: रेलवे परिसर में किसी यात्री की मौत या एक्सीडेंट के मामलों में कब देता है रेल प्रशासन मुआवजा?

Indian Railway: रेल से लाखों लोग रोज सफर करते हैं. ट्रेन का सफर बेहद सुविधाजनक होता है. अब लोग ऑनलाइन माध्यमों से ही टिकट बुक करते हैं. टिकट बुकिंग कराते समय आप अपने ट्रैवल इंश्योरेंस जरूर करा लें. इसके लिए आपको 35 केवल रुपये का भुगतान करना पड़ता है.

Railway Rules: रेलवे परिसर में किसी यात्री की मौत या एक्सीडेंट के मामलों में कब देता है रेल प्रशासन मुआवजा?

Railway Rules: इन दिनों उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में नीलांचल एक्सप्रेस में हुआ हादसा सभी तरफ गर्माया है, जिस तरह से पटरी पर पड़ा सब्बल ट्रेन की खिड़की तोड़ते हुए यात्री के गर्दन में जा घुसा और सिर चीरते हुए आरपार निकल गया, वह बेहद खौफनाक मंजर था. मौके पर ही पैसेंजर की जान चली गई. बताया जा रहा है कि घटना के दौरान ट्रेन की स्पीड 110 किलोमीटर प्रति घंटा थी.  डाबर-सोमना स्टेशन के बीच घटी इस घटना से हर कोई सहमा हुआ है, क्योंकि ऐसा हादसा कभी-भी किसी के भी साथ हो सकता है. किसी को कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि आखिरी ये कैसे हुआ. आज हम आपको रेल यात्रा से जुड़े कुछ ऐसी महत्वपूर्ण जानकारी दे रहे हैं, जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए.

सामान की सेफ्टी के लिए यात्री खुद ही जिम्मेदार

जैसे ही यात्री रेलवे स्टेशन के अंदर कदम रखते हैं, वैसे ही रेलवे की जिम्मेदारी यात्रियों को लेकर शुरू हो जाती है,  लेकिन अपने सामान को संभालने की जिम्मेदारी आपकी  है. 

हालांकि, रेलवे परिसर या ट्रेन में सफर करते समय यात्रियों को किसी तरह का नुकसान होने जैसे कि एक्सीडेंट या अचानक मृत्यु होने पर रेलवे एक्ट 1989 की धारा 124 के तहत उन्हें मुआवजा दिया जाता है. 

एक्सीडेंट/मौत होने पर इन सिचुएशन में मिलता है मुआवजा 

ट्रेन में सफर करने के दौरान
सफर पूरा होने पर ट्रेन से उतरते समय कोई हादसा होने पर
स्टेशन परिसर में हादसा होने पर 

इन सिचुएशन में नहीं मिलेगा मुआवजा

आत्महत्या करने के लिए रेलवे का सहारा लेना जैसे कि चलती ट्रेन के सामने खड़े होने या ट्रेन से कूदने पर रेलवे कोई मुआवजा देगा. ऐसी सिचुएशन की जिम्मेदारी रेलवे प्रशासन की नहीं होती.
इसके अलावा अगर कोई यात्री आत्महत्या करने के दौरान बच जाता है या  चोटिल होने पर भी उसे कोई मुआवजा रेलवे की तरफ से नहीं दिया जाएगा. उल्टा यात्री बच जाता है, तो उस पर केस दर्ज होगा. 

अगर बिना टिकट यात्रा करने वाले के साथ हादसा हो जाए

बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्री के साथ कोई हादसा होने पर उसकी जिम्मेदारी भी रेलवे की होगी, क्योंकि केवल टिकट न होने पर यात्री या उसकी फैमिली के दावे को खारिज नहीं किया जा सकता, लेकिन इस स्थिति में यात्रा से संबंधित दूसरे डॉक्यूमेंट्स जरूर मांगे जाते हैं. मुआवजा सभी तरह की दुर्घटनाओं पर लागू होगा. 
दुर्घटना के लिए यात्री को जिम्मेदार ठहराते हुए रेलवे मुआवजा देने से इनकार नहीं सकता. 

नेचुरल डेथ 

रेलवे परिसर या ट्रेन में किसी की नेचुरल डेथ होती है तो ऐसी सिचुएशन में उसके परिवार को मुआवजा मिलेगा, क्योंकि नेचुरल डेथ में रेलवे की गलती नहीं होती.

जानें कितना मिलेगा मुआवजा 

एक्सीडेंट या मौत होने पर उस व्यक्ति की कमाई के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा. बता दें कि यात्री और उसका परिवार मुआवजे की राशि तय कर सकते हैं, लेकिन मुआवजा कितना देना है और कितना नहीं, इसका फैसला ट्रिब्यूनल ही करता है. 

सामान चोरी होने पर क्या है रेलवे का नियम

रेलवे परिसर में अगर सामान आपके हाथ में है और वो चोरी हो जाता है, तो उसका मुआवजा नहीं मिलेगा. वहीं,  ट्रेन, वेटिंग हॉल या लिफ्ट में से सामान चोरी होता है, तो आपको रेलवे की ओर से मुआवजा दिया जाएगा.
वहीं, अगर आप प्लेटफॉर्म पर सामान छोड़कर चले जाएं और चोरी हो जाए तो मुआवजा नहीं मिलेगा.
अगर ट्रेन में सामान चोरी होता है, तो रेलवे को मुआवजा देना पड़ेगा. 
चलती ट्रेन में सामान चोरी हो जाए, तो पैसेंजर टीटी, कंडक्टर, कोच अटेनडेंट, गार्ड को इसकी जानकारी दें.

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