IAS Vacancy: आखिर हर साल केवल 180 IAS का ही क्यों होता है सेलेक्शन, जानें अहम वजह
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IAS Vacancy: आखिर हर साल केवल 180 IAS का ही क्यों होता है सेलेक्शन, जानें अहम वजह

IAS Vacancy: अगर एक बार में 180 से अधिक आईएएस ऑफिसर्स की भर्ती की जाती है, तो यह प्रशासनिक सेवा की गुणवत्ता के साथ समझौता करने जैसे होगा.

IAS Vacancy: आखिर हर साल केवल 180 IAS का ही क्यों होता है सेलेक्शन, जानें अहम वजह

IAS Vacancy: पिछले कुछ महीनों पहले कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा को बताया था कि देश भर में सिविस सर्विसेस ऑफिसर्स के कुल 3,393 पद खाली पड़े हैं. इसमें भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के 1472 पद, भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के 864 पद और भारतीय वन सेवा (IFS) के 1057 पद शामिल हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि इस समय आईएएस ऑफिसर्स के 6,789, आईपीएस ऑफिसर्स के 4,984 और आईएफएस ऑफिसर्स के 3,191 पदों को स्वीकृति दी जा चुकी है. जबकि, इस वक्त देश भर में मौजूदा IAS अधिकारियों की संख्या 5,317, IPS अधिकारियों की संख्या 4,120 और IFS अधिकारियों की संख्या 2,134 है. 

सिर्फ 180 आईएएस ही क्यों?
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने यह भी बताया था कि काबिल और योग्य आईएएस ऑफिसर्स (IAS Officers) को एक बेहतर संख्या में लेने के लिए सरकार ने बासवान समिति की सिफारिशों को मानते हुए सीएसई-2012 के बाद से सिविल सर्विसेस एग्जाम के जरिए आईएएस ऑफिसर्स के एनुअल इनटेक को बढ़ाकर 180 कर दिया है. हालांकि, कमिटी द्वारा यह भी सिफारिश की गई थी कि 180 से अधिक आईएएस ऑफिसर्स को एक बार में लेना प्रशासनिक सेवा की गुणवत्ता से समझौता करने जैसे होगा. 

LBSNAA के लिए बन सकती है मुसीबत
इसके अतिरिक्त 180 से अधिक आईएएस ऑफिसर्स के सिलेक्शन लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी (LBSNAA) की क्षमता से भी अधिक होगा. केंद्रीय मंत्री बताया था कि अगर 180 से अधिक आईएएस ऑफिसर्स का सिलेक्शन होता है, तो इससे आईएएस ऑफिसर्स का करियर पिरामिड भी काफी हद तक बिगड़ जाएगा और इसका सबसे ज्यादा असर भारत सरकार में वरिष्ठ पदों पर बैठे अधिकारियों पर होगा.     

तीन चरणों की परीक्षा पास कर मिलता है ऑफिसर पद
यूपीएससी (UPSC) की तरफ से आईएएस (IAS), आईपीएस (IPS), आईएफएस (IFS) और आईआरएस (IRS) पदों पर भर्ती के लिए सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन किया जाता है. यह परीक्षा तीन चरणों में आयोजित की जाती है, जिसमें प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू की प्रक्रिया शामिल होती है. हर साल करीब 9 से 10 लाख अभ्यर्थी इस परीक्षा में बैठते हैं, लेकिन उनमें से चुनिंदा अभ्यर्थी ही इस परीक्षा को पास कर अधिकारी का पद हासिल कर पाते हैं.

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