Knowledge: आखिर क्यों प्रधानमंत्री के बॉडीगार्ड दिन हो या रात Black Goggles ही पहने रहते हैं? जानिए
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Knowledge: आखिर क्यों प्रधानमंत्री के बॉडीगार्ड दिन हो या रात Black Goggles ही पहने रहते हैं? जानिए

General Knowledge: प्रधानमंत्री एसपीजी कमांडो के एक बहुत मजबूत सुरक्षा घेरे में रहते हैं. यह सवाल तो आपके भी मन में कई आया होगा कि पीएम के बॉडीगार्ड काला चश्मा क्यों पहनते हैं? जानना चाहेंगे वजह तो पढ़िए पूरी खबर 

Knowledge: आखिर क्यों प्रधानमंत्री के बॉडीगार्ड दिन हो या रात Black Goggles ही पहने रहते हैं? जानिए

Why PM Bodyguards Wear Black Goggles: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला जब भी कहीं निकलता है, उनके साथ कई सारे बॉडीगार्ड (PM Bodyguards Black Goggles) चलते हैं. जब भी हमारे पीएम कहीं भाषण देते है या फिर रैली में जाते है तो उनके पीछे सिक्योरिटी गार्ड होते हैं, जो उन्हें कभी अकेला नहीं छोड़ते. पीएम की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) के कमांडो की होती हैं. SPG की सुरक्षा पीएम, पूर्व प्रधानमंत्री समेत विशेष विदेशी मेहमानों को दी जाती है.

पीएम के बॉडीगार्ड हमेशा हाई अलर्ट मोड में ही नजर आते हैं, उन्हें देखकर लोग उनके बारे में बहुत कुछ जानना चाहते हैं, लेकिन क्या आपकी नजर बॉडीगार्ड्स के चश्मों पर गई हैं, जो दिन हो या रात काला चश्मा पहने रहते हैं? आपके भी जेहन में यह आता होगा कि ऐसा करने के पीछे जरूर कोई न कोई अहम वजह होगी, तो आइए जानते हैं क्या कारण हैं जो ये बॉडीगार्ड हर वक्त अपनी आंखों पर काला चश्मा चढ़ाए रहते हैं.

ये कमांडो आधुनिक हथियारों से लैस होते हैं. गौरतलब है कि एसपीजी का गठन 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी कि हत्या के बाद किया गया था. एसपीजी का गठन इसी मकसद से किया गया है कि प्रधानमंत्री या देश के किसी भी विशेष व्यक्ति की सुरक्षा में कोई भी सेंध न लगा सके. एसपीजी कंमाडो के रहते ऐसा करना नामुमकिन होता है.

बॉडीगार्ड्स की आंखों को न देख सके कोई
जब ये बॉडीगार्ड पीएम के साथ होते है तो उनकी निगाह हर तरफ दौड़ रही होती है. इस बात का किसी व्यक्ति को पता न चले की वह कब किसे और कहां देख रहे है, इसलिए बॉडीगार्ड काले चश्मे पहनते हैं. 

हर खतरे से बचना और बचाना
अगर अचानक कोई विस्फोट हो जाए या गोलाबारी होने लगे तो स्वाभाविक है कि किसी की भी आंखें कुछ देर के लिए बंद हो ही जाती है, लेकिन ये बॉडीगार्डस के लिए ऐसा करना मतलब सुरक्षा में चूक होना. किसी भी अप्रिय घटना में उनकी आंखें बंद नहीं होनी चाहिए. इस तरह ये काले चश्मे की मदद से मुस्तैदी के साथ सुरक्षा प्रदान करते हैं. 

कोई न पढ़ सके दिमाग
हमलावरों को इस तरह कि ट्रेनिंग दी जाती है कि वो किसी की आंखों और बॉडी लैंग्वेज के जरिए दिमाग को पढ़ लेते हैं. ऐसे में दुश्मन को इससे रोकने का एकमात्र तरीका काले चश्मे का इस्तेमाल करना है. 

धूप और रोशनी से बचना है जरूरी
जब भी कभी हम बाहर धूप से अंदर कमरे में आते है तो कुछ सेकंड के लिए स्पष्ट तौर से देख नहीं पाते. वहीं, अलग–अलग रोशनियों या लाइटों से भी प्रभाव पड़ता है, बस दुश्मन के लिए तो इतना ही काफी है. ऐसी परिस्थिति से बचने के लिए सुरक्षाकर्मी काले चश्मे को पहनते हैं. 

बाहरी हमलों से आंख को बचाना
परिस्थिति चाहे कोई भी भगदड़ मच जाए या आंधी आ आए बॉडीगार्ड्स को अपनी आंखों को हर हाल में स्वस्थ और साफ रखना बहुत जरूरी होता है. क्योंकि उनकी आंखें उनके लिए सबसे बड़ा हथियार होती हैं. अपने हथियारों को हमलावरों की नजरों से संभालकर और छिपाकर रखना जरूरी होता है. 

अपनी भावनाओं को छिपाने के लिए 
अगर कभी कोई दूसरा व्यक्ति सुरक्षाकर्मियों को किसी प्रकार का आश्चर्य या सदमा देने में कामयाब रहा, तो हमलावर उस सदमे को नहीं देख पाएगा,  क्योंकि चश्मे से आंखें छुपी रहती हैं. इसे पहनने से जल्दी से ठीक होने में मदद मिलती है, वहीं हमलावर को जवाब देने के लिए तुरंत काउंटर अटैक के लिए तैयार हो जाते हैं. 

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