बचपन में ही छूटा पिता का साथ, मां ने मजदूरी कर पढ़ाया, तो बेटी 21 की उम्र में ही बन गई IPS
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बचपन में ही छूटा पिता का साथ, मां ने मजदूरी कर पढ़ाया, तो बेटी 21 की उम्र में ही बन गई IPS

IPS Divya Tanwar Success Story: आईपीएस ऑफिसर दिव्या तंवर ने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा बिना किसी कोचिंग के, केवल सेल्फ स्टडी के जरिए ही क्रैक कर डाली थी. 

बचपन में ही छूटा पिता का साथ, मां ने मजदूरी कर पढ़ाया, तो बेटी 21 की उम्र में ही बन गई IPS

IPS Divya Tanwar Success Story: यूपीएससी सिविल सेवा प्रीलिम्स परीक्षा 2023 में करीब एक महीने का समय ही बच गया है. इस परीक्षा में शामिल होने के इच्छुक उम्मीदवार प्रीलिम्स परीक्षा की तैयारी में जुट गए हैं. ऐसे में परीक्षा की तैयारी के दौरान अपने आप को मोटिवेट रखने के लिए उम्मीदवार पूर्व आईएएस और आईपीएस ऑफिसर्स की सक्सेस स्टोरी पढ़ते हैं, जिससे उन्हें काफी प्रेरणा मिलती है. इसी कड़ी में आज हम आपके लिए एक ऐसी ही आईपीएस ऑफिसर दिव्या तंवर की सक्सेस स्टोरी लेकर आए हैं, जिनके सिर से बचपन में ही पिता का साया उठ गया था, लेकिन उनकी मां ने उन्हें जैसे-तैसे मजदूरी करके उन्हें पढ़ाया, जिसके परिणामस्वरूप बेटी दिव्या ने भी महज 21 साल की उम्र में ही यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास कर डाली और आईपीएस ऑफिसर बन गईं.     

बता दें कि आईपीएस दिव्या तंवर ने तमाम मुश्किलों को पार करने के बाद अपने इस लक्ष्य को हासिल किया था. जब दिव्या B.Sc की पढ़ाई कर रही थी, तभी उन्होंने यह तय कर लिया था कि वह यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा देगी और परीक्षा क्रैक कर ऑफिसर बनेंगी.

बचपन में ही सिर से उठा पिता का साया
आईपीएस दिव्या तंवर का जन्म हरियाणा के महेंद्रगढ़ में हुआ था. वह एक मिडिल क्लास परिवार से ताल्लुक रखती हैं. लेकिन जब दिव्या अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त कर रही थीं, उसी दौरान दिव्या और उनके परिवार पर मुश्किलों का पहाड़ तब टूट पड़ा, क्योंकि दिव्या के पिता की मृत्यु हो गई और वह उन्हें काफी छोटी उम्र में ही अकेला छोड़ गए. इसके चलते पहले से ही घर के खराब आर्थिक हालात और भी खस्ताहाल हो गए. हालांकि, दिव्या की मां ने बबीता तंवर ने कभी भी अपने बच्चों की पढ़ाई में कोई रुकावट नहीं आने दी.

मां ने बच्चों को अपने पैरों पर खड़ा होने लायक बनाया
बता दें कि दिव्या की स्कूलिंग नवोदय विद्यालय महेंद्रगढ़ से हुई है. वह कुल तीन भाई बहन हैं. उनकी मां ने अपने तीनों बच्चों को सिलाई-कढ़ाई का काम करके सभी को अपने पैरों पर खड़ा होने लायक बनाया. दिव्या तंवर ने भी अपनी ग्रेजुएशन खत्म होते ही यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी.

बिना कोचिंग महज 21 साल की उम्र में क्रैक की UPSC परीक्षा
दिव्या की तैयारी कुछ ऐसी थी कि उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में और वो भी महज 21 साल की उम्र में ही यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा क्रैक कर डाली और ऑल इंडिया में 438वीं रैंक हासिल कर आईपीएस ऑफिसर बन गईं. इसके अलावा एक खास बात बता दें कि दिव्या ने इस परीक्षा के लिए कोई कोचिंग नहीं ली थी, उन्होंने महज सेल्फ स्टडी के जरिए ही यह परीक्षा क्रैक कर डाली थी.

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