Swami Chinmayanand: पूर्व मंत्री स्वामी चिन्मयानंद 13 साल बाद रेप केस में हुए बरी, कोर्ट ने इन सबूतों के आधार पर सुनाया फैसला
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Swami Chinmayanand: पूर्व मंत्री स्वामी चिन्मयानंद 13 साल बाद रेप केस में हुए बरी, कोर्ट ने इन सबूतों के आधार पर सुनाया फैसला

Swami Chinmayanand News: बीजेपी की अटल सरकार में मंत्री रहे स्वामी चिन्मयानंद 13 साल बाद रेप केस में बरी हो गए हैं. शाहजहांपुर कोर्ट ने गुरुवार को इस मामले में फैसला सुनाया. 

 

Swami Chinmayanand: पूर्व मंत्री स्वामी चिन्मयानंद 13 साल बाद रेप केस में हुए बरी, कोर्ट ने इन सबूतों के आधार पर सुनाया फैसला

Swami Chinmayanand Rape Case Verdict: वर्ष 2011 में अपनी शिष्या से दुष्कर्म करने के मामले में शाजहांपुर कोर्ट ने गुरुवार को पूर्व मंत्री स्‍वामी चिन्‍मयानंद पर बड़ा फैसला सुनाया. कोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद को रेप केस में दोषमुक्त करते हुए बरी कर दिया. स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ रेप और धमकी का मुकदमा दर्ज कराने वाली शिष्या अपने बयान से मुकर गई थी. उसने कोर्ट में दी अपनी गवाही में कहा था कि चिन्मयानंद ने उसके साथ कभी कोई अपराध नहीं किया.

स्वामी चिन्मयानंद कोर्ट से हुए बरी

पूर्व मंत्री स्‍वामी चिन्‍मयानंद को यौन शोषण मामले में कोर्ट ने किया दोषमुक्त शाहजहांपुर, एमपी एमएलए कोर्ट ने एक शिष्या का यौन शोषण करने के मामले में पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्‍वामी चिन्‍मयानंद सरस्वती को गुरुवार को दोषमुक्त कर दिया. स्वामी चिन्मयानंद के वकील फिरोज हसन खान ने बताया कि एमपी एमएलए कोर्ट ने कोई सबूत न होने कारण उन्हें बरी कर दिया है. उन्होंने बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से चिकित्सक व पीड़िता के अलावा रिपोर्ट दर्ज कराने वाले लेखक खुर्शीद, रेडियोलाजिस्ट एम.पी. गंगवार और बी.पी. गौतम ने गवाही दी है.

सुनवाई के दौरान मुकर गई थी पीड़िता

वकील खान ने बताया कि अदालत ने स्वामी चिन्मयानंद को इस मामले में दोषी न पाते हुए उन्हें बाइज्जत बरी कर दिया है. यौन शोषण मामले में स्वामी चिन्मयानंद को इलाहाबाद हाईकोर्ट से 19 दिसंबर, 2022 को अग्रिम जमानत मिल गई थी. तबसे यह मामला अदालत में विचाराधीन था. यह मामला तब शुरू हुआ था, जब 30 नवम्बर 2011 को स्वामी चिन्मयानंद की शिष्या ने शाहजहांपुर के थाना कोतवाली में केस दर्ज करवाया था. 

बंधक बनाकर आश्रम में रेप का लगाया था आरोप

एफआईआर के मुताबिक शिष्या ने आरोप लगाया था कि स्वामी चिन्मयानंद ने अपने कर्मचारियों आदि की मदद से शाहजहांपुर के आश्राम में उसे बंधक बनाकर कई बार रेप किया था. उस वक्त यह मामला काफी उछला था और बाद में चिन्मयानंद की गिरफ्तारी भी हुई थी. इस मामले में दोनों पक्षों के वकीलों की ओर से कई सालों तक चली बहस सुनने के बाद जज एहसान हुसैन ने स्वामी चिनमयानन्द को सभी आरोपों से दोषमुक्त कर दिया. 

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