Fingerprint: पुलिस भी पड़ सकती है गफलत में, दो लोगों के फिंगर प्रिंट एक जैसा होने का दावा
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Fingerprint: पुलिस भी पड़ सकती है गफलत में, दो लोगों के फिंगर प्रिंट एक जैसा होने का दावा

What is Fingerprint: अभी तक आपने सुना है कि किसी भी दो शख्स के फिंगरप्रिंट एक जैसे नहीं हो सकते. अपराधशास्त्र में इसके जरिए पुलिस अपराधियों के बारे में खुलासा करती है. लेकिन शोध में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का हवाला देकर दावा किया गया है कि दो लोगों के फिंगर प्रिंट मैच कर सकते हैं.

Fingerprint: पुलिस भी पड़ सकती है गफलत में, दो लोगों के फिंगर प्रिंट एक जैसा होने का दावा

Finger Print Science: यह तो हैरान और परेशान करने वाली बात है. यह हो सकता है कि किसी अपराध में आपकी कोई भूमिका ना हो. फिर भी आपको पुलिस संदिग्ध मान ले. अब हम ऐसा क्यों कह रहे हैं. दरअसल जब किसी वारदात के बारे में पुख्ता साक्ष्य नहीं मिलते तो पुलिस, फॉरेंसिक टीम की मदद लेती है. फोरेंसिक टीम वारदात वाली जगह से साक्ष्य इकट्ठा करती है जिसमें फिंगर प्रिंट लिया जाता है. इसकी मदद से अपराधियों तक पुलिस पहुंचती है. लेकिन  यह संभव है कि आपका किसी अपराध से नाता ना हो. लेकिन आपका फिंगर प्रिंट वारदात वाली जगह से मैच कर जाए. दरअसल एक शोध में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए दावा किया गया है एक या उससे अधिक लोगों के फिंगर प्रिंट एक जैसे हो सकते हैं.

क्या फिंगर प्रिंट यूनीक नहीं होता ? 

अपराध शास्त्र की दुनिया में फिंगर प्रिंट की भूमिका अहम है. आपने फिल्मों और रीयल लाइफ में देखा होगा कि वारदात वाली जगह पर पुलिस के अधिकारी जाते हैं और साक्ष्यों को जुटाते हैं. उन साक्ष्यों में फिंगर प्रिंट की भूमिका अहम होती है. अहम इसलिए कि ऐसा माना जाता है कि हर एक शख्स का फिंगर प्रिंट यूनीक होता है. इसका अर्थ यह है कि किसी भी शख्स का फिंगर प्रिंट यूनीक होता है और वो दूसरे से मैच नहीं करता. यानी कि किसी संदिग्ध या आरोपी को न्याय के चौखट तक पहुंचाने में जब कोई और रास्ता नजर नहीं आता तो फिंगर प्रिंट ही अंतिम और भरोसेमंद विकल्प बन जाता है.

फिंगर प्रिंट विशेषज्ञ भी होते धोखे के शिकार

उंगलियों के निशान की यूनिकनेस ही जांच को एक निश्चित निष्कर्ष पर पहुंचाती है. एक ही व्यक्ति की अलग अलग उंगलियों के निशानों का मिलान करने में आने वाली परेशानी को इंट्रा पर्सन फिंगरप्रिंट कहते हैं और इसकी वजह से फोरेंसिक साक्ष्य जुटाने में मुश्किल आ सकती है. कोलंबिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ता एक एआई मॉडल बनाने का दावा कर रहे हैं जो 99.99 प्रतिशत इंट्रा-पर्सन फिंगरप्रिंट्स का मिलान करने में सक्षम है. इसके पीछे यह तर्क दिया गया है कि एक ही व्यक्ति के फिंगरप्रिंट यूनीक नहीं है. हम बस उनकी तुलना गलत तरीके से कर रहे हैं.

क्या होता है माइनुटिया

फिंगरप्रिंट पैटर्न उंगली उभरी हुई लकीरों और धंसी हुई खांचों से बने होते है. मौजूदा समय में उंगलियों के निशान का विश्लेषण रिज पैटर्न की तुलना करके किया जाता है. इसमें तीन खास कैटिगरी है जिसे लूप, व्होरल और मेहराब कहते हैं. फिंगर प्रिंट की विशेषताओं की पहचान करने और तुलना करने के लिए रिज का इस्तेमाल करते हैं जिसे माइनुटिया कहते हैं. निर्णय लेने की दिशा में अब एआई का इस्तेमाल बाइनरी पैटर्न, रिज ओरिएंटेशन, रिज घनत्व और बारीकियों को समझने में किया जा रहा है. इस विश्लेषण में अधिकांश इंट्रा-पर्सन फिंगरप्रिंट समानताएं रिज ओरिएंटेशन द्वारा समझाई गईं, और यह पाया गया कि पहले के तरीके पर भरोसा कम कर सकते हैं. इसके पीछे तर्क दिया गया है कि माइक्रो एनालिसिस ही फिंगर प्रिंट के लिए सटीक मानी जा सकती है. 

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