गलत भर्तियां करने के आरोप में CBI ने दायर की NDA के पूर्व प्रिंसिपल के खिलाफ चार्जशीट
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गलत भर्तियां करने के आरोप में CBI ने दायर की NDA के पूर्व प्रिंसिपल के खिलाफ चार्जशीट

CBI ने NDA (National Defence Academy) के प्रिंसिपल डॉ ओम प्रकाश शुक्ला के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है.आरोप था कि साल 2007-08 और 2012-13 में डॉ ओम प्रकाश शुक्ला, डॉ जगमोहन मेहर, डॉ वनिता पुरी, डॉ राजीव बंसल, डॉ महेश्वर रॉय और दूसरे अज्ञात आरोपियों ने UPSC और रक्षा मंत्रालय के हेडक्वार्टर इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (HeadQuarter Integrated Defence Staff) के अधिकारियों के साथ मिलकर NDA में नौकरियां हासिल कीं.

गलत भर्तियां करने के आरोप में CBI ने दायर की NDA के पूर्व प्रिंसिपल के खिलाफ चार्जशीट

नई दिल्लीः CBI ने NDA (National Defence Academy) के प्रिंसिपल डॉ ओम प्रकाश शुक्ला के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. ये चार्जशीट पुणे की CBI कोर्ट में दाखिल हुई है. बता दें कि CBI ने मई 2018 में डॉ ओम प्रकाश शुक्ला समेत 8 आरोपियों के खिलाफ 13 गलत भर्तियां करने के आरोप में मामला दर्ज किया था, इसमें UPSC और सेना के अज्ञात अधिकारी भी शामिल थे. 

बिना अनुभव के हासिल की NDA में नौकरी
आरोप था कि साल 2007-08 और 2012-13 में डॉ ओम प्रकाश शुक्ला, डॉ जगमोहन मेहर, डॉ वनिता पुरी, डॉ राजीव बंसल, डॉ महेश्वर रॉय और दूसरे अज्ञात आरोपियों ने UPSC और रक्षा मंत्रालय के हेडक्वार्टर इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (HeadQuarter Integrated Defence Staff) के अधिकारियों के साथ मिलकर NDA में नौकरियां हासिल की. जबकि इन सब के पास UPSC और रक्षा मंत्रालय की तरफ से इन नौकरियों के लिए जारी जरूरी अनुभव और जानकारी भी नहीं थी. इन सब आरोपियों ने फर्जी सर्टीफिकेट और जरूरी API (Academic Performence Score) भी दिखाए.

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इस तरह से होती है NDA में भर्तियां
इसमें खास बात ये है कि NDA में भर्तियां UPSC की दस्तावेजों की जांच परख और API स्कोर के बाद रक्षा मंत्रालय करता है लेकिन प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, रीडर के पदों पर भर्ती से पहले HQ IDS के पास दस्तावेजों को वेरिफिकेशन के लिए भेजा जाता है. बिना UPSC और HQ IDS की मंजूरी के इन पदों पर भर्तियां नहीं होती. साल 2011 से पहले इन पदों पर भर्तियों के लिये सिर्फ डिग्री और अनुभव देखा जाता था लेकिन 2011 के बाद रक्षा मंत्रालय ने API को भी जरूरी कर दिया था. API स्कोर को जांचने के लिए अप्लाई करने वाले के रिसर्च पेपर, सेमिनार और ट्रेनिंग को देखा जाता है.

ओम प्रकाश शुक्ला ने किया था फर्जी स्कोर के साथ UPSC में आवेदन 
CBI के मुताबिक डॉ ओम प्रकाश शुक्ला ने साल 2007 में इकोनोमिक्स के प्रोफेसर के पद के लिए फर्जी स्कोर और दस्तावेजों के साथ UPSC में आवेदन किया और अधिकारियों की मिलिभगत से NDA में इकोनोमिक्स के प्रोफेसर के पद पर नियुक्त भी हो गया. इसके बाद साल 2011 में इन्ही फर्जी दस्तावेजों की मदद से NDA में प्रिंसिपल के पद पर भी नियुक्त हो गया. इसमें खास बात ये है कि डॉ ओम प्रकाश शुक्ला के दस्तावेजों की जांच HQ IDS ने भी नहीं की, यानी इन अधिाकरियों की भी मिलीभगत रही.

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भ्रष्ट अधिकारियों से मिलकर जगमोहन मेहर को भी दिलवाई जॉब
इसके बाद डॉ ओम प्रकाश शुक्ला ने साल 2012 में डॉ जगमोहन मेहर को भी इन्हीं भ्रष्ट अधिकारियों से मिल कर राजनितिक विज्ञान के प्रोफेसर के पद पर तैनात करवा दिया. इसी तरह डॉ ओम प्रकाश शुक्ला ने प्रिंसिपल के पद पर तैनात होने के बाद केमेस्ट्री के प्रोफेसर महेश्वर रॉय के साथ मिल कर वनिता पुरी को एसोसिएट प्रोफेसर, केमेस्ट्री, और डॉ राजीव बंसल को गणित के एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर 2012 में नियुक्त किया. मामला दर्ज करने के बाद CBI ने इन सभी आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी भी की थी और अहम सबूत जुटाये थे.

 

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