BJP के मेयर का दावा कितना सही, क्या है वो दल-बदल कानून जो डाल सकता है AAP को परेशानी में
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BJP के मेयर का दावा कितना सही, क्या है वो दल-बदल कानून जो डाल सकता है AAP को परेशानी में

Delhi MCD Chunav में जीत के बाद जहां AAP गदगद है, वहीं एक ओर उसकी टेंशन बीजेपी ने बढ़ा दी है. बीजेपी का दावा है कि वह ही मेयर बनाएगी. जबकि केजरीवाल की आम आदमी पार्टी बहुमत से 8 सीटें ज्यादा जीत चुकी है.

BJP के मेयर का दावा कितना सही, क्या है वो दल-बदल कानून जो डाल सकता है AAP को परेशानी में

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (Delhi MCD) में आम आदमी पार्टी ने बंपर जीत हासिल की है. परिसीमन के बाद बने 250 वार्डों में से केजरीवाल की AAP ने 134 वार्डों में प्रचंड जीत हासिल की है. जबकि बीजेपी ने 104 वार्डों पर ही अपनी साख बचा पाई. वहीं कांग्रेस के 9 उम्मीदवार जीतने में कामयाब रहे. जबकि अन्य के खाते में तीन वार्ड गए. इसके बाद भी बीजेपी अपना मेयर बनाने का दावा कर रही है. जबकि 126 सीट जीतने वाली पार्टी का मेयर बनेगा.

इन इलाकों में हारे AAP के मंत्री
हालांकि केजरीवाल के जादू के बीच भी आम आदमी पार्टी के तीन मंत्री अपनी विधानसभा के वार्डों में जीत नहीं पाए. मनीष सिसोदिया वाले पटपड़गंज में भाजपा ने तीन वार्डों में जीत दर्ज की, यहां से AAP ने सिर्फ एक मयूर विहार -2 में जीत दर्ज की है. स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के शकूरबस्ती इलाके में भी बीजेपी ने तीनों वार्डों पर जीत दर्ज की. जबकि गोपाल राय के बाबरपुर इलाके में सिर्फ में एक में AAP और बाकी दो वार्डों में भाजपा और एक में कांग्रेस ने जीत हासिल की. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के नजफगढ़ विधानसभा इलाके में चार वार्डों में तीन पर भाजपा और एक वार्ड में निर्दलीय ने जीत दर्ज की है. आतिशी के विधानसभा क्षेत्र में आप की हार हुई है. यहां तीन वार्ड थे. तीनों में बीजेपी के कैंडिडेट जीते हैं.

बीजेपी का मेयर बनाने का दावा
दिल्ली नगर निगम के नतीजे आने के बाद दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता और बीजेपी नेता तजिंदर पाल बग्गा ने अपने बयानों से दिल्ली के सियासी गलियारों में हलचल मचा दी. दोनों बीजेपी नेताओं ने दावा किया कि भले ही चुनाव में आम आदमी पार्टी जीत गई हो, लेकिन मेयर भाजपा का ही बनेगा. 

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पार्षदों पर लागू नहीं होता दल-बदल कानून
भाजपा के इस दावे पर राजनीतिक विश्लेषक भी हामी भरते हैं. उनका कहना है कि भाजपा दावा कुछ हद ठीक है, क्योंकि नगर निगम में दल-बदल कानून लागू नहीं होता है. पार्षद अपने विवेक से किसी भी पार्टी में जा सकते हैं. ऐसा करने से न तो उनकी निगम सदस्यता खारिज होगी और न ही किसी तरह की कोई कार्यवाही होगी. इसी नियम का फायदा उठाकर भाजपा यूनिफाइड निगम में अपना मेयर बनाने का दावा कर रही है. 

कार्यकर्ता नहीं बिकेंगे- सिसोदिया
चुनाव रिजल्ट आने के बाद बीजेपी किस तरह का खेल करती है, यह राजनीतिक गलियारों में सबको पता है. मनीष सिसोदिया ने भी इस ओर इशारा किया था कि नतीजे आने के बाद बीजेपी नेताओं के फोन AAP के जीते उम्मीदवारों के पास आने लगे हैं. हालांकि सिसोदिया ने कहा था कि हमारे कार्यकर्ता नहीं बिकेंगे.

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केजरीवाल बोले- आई लव यू टू
पार्टी की जीत पर दिल्ली के सीएम और AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आई लव यू टू. उन्होंने दिल्ली की जनता को धन्यवाद दिया. कहा कि आप सबका शुक्रिया कि आपने अपने बेटे और भाई को दिल्ली की सफाई की जिम्मेदारी दी. हमने मुद्दों पर चुनाव लड़ा और आपका प्यार मिला.

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