Blurr Review: बांधे रखता है इस फिल्म का थ्रिल और हॉरर, तापसी के फैन्स को मिलेगी राहत
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Blurr Review: बांधे रखता है इस फिल्म का थ्रिल और हॉरर, तापसी के फैन्स को मिलेगी राहत

Taapsee Pannu Film:अगर आपको थ्रिलर और हॉरर फिल्में पसंद हैं तो ब्लर इस वीकेंड में मजा देगी. तापसी पन्नू के फैन्स के लिए भी यह फिल्म अच्छी खबर है. बीते साल-डेढ़ साल में तापसी को बॉक्स ऑफिस पर कुछ झटके लगे और ओटीटी पर भी उन्हें उम्मीद के मुताबिक रेस्पॉन्स नहीं मिला. मगर ब्लर में अलग बात है.

 

Blurr Review: बांधे रखता है इस फिल्म का थ्रिल और हॉरर, तापसी के फैन्स को मिलेगी राहत

Weekend Film: नजरों को धोखा तो कभी-कभार हो जाता है, परंतु अगर चीजें लगातार धुंधली दिखने लगें तो बड़ी मुश्किल हो सकती है. निर्देशक अजय बहल की फिल्म ब्लर में कहानी कुछ इस अंदाज में बढ़ती हैं कि तमाम घटनाएं यहां धुंधली नजर आती हैं, देर तक साफ-साफ पता नहीं लगता कि आखिर हो क्या रहा है. यही ब्लर का मजा है. इसमें थ्रिल है और हॉरर भी. यह 2010 की स्पेनिश साइकोलॉजिकल थ्रिलर जूलियाज आइज का हिंदी रूपांतरण है. अगर वह फिल्म आपकी नजरों से नहीं गुजरी तो ब्लर आपको देखनी चाहिए. निराश नहीं होंगे. फिल्म में कसावट है और यह एक थ्रिलर के रूप में आपको सोचने का अधिक मौका नहीं देती. बीच-बीच में आने वाली घटनाएं बांधे रहती हैं और आप असमंजस में रहते हैं कि अंत में जब रहस्य खुलेगा तो क्या होगाॽ ब्लर आज ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर रिलीज हुई है.

अनसुलझे सवालों से शुरुआत
ब्लर की कहानी रोचक है. यहां जुड़वां बहनें हैं. गौतमी और गायत्री. तापसी पन्नू ने दोनों रोल निभाए हैं. शुरुआती सीन में ही गौतमी आत्महत्या कर लेती है. आपको सिर्फ इतना पता चलता है कि गौतमी नेत्रहीन है और मानसिक रूप से बहुत परेशान है, कोई उसे परेशान कर रहा है. आखिरकार वह उस व्यक्ति के देखते-देखते खुद को फांसी लगा देती है. कौन है यह व्यक्ति, स्क्रीन पर नहीं दिखता. दूसरी तरफ एक अन्य शहर में है गायत्री. उसे तीव्र अहसास होता है कि गौतमी के साथ कुछ गड़बड़ हुआ है. गौतमी फोन भी नहीं उठा रही. गायत्री अपने पति (गुलशन देवैया) के साथ गौतमी के घर जाती है और तब सब कुछ उसके सामने आता है. अब गायत्री की खोज यह है कि आखिर गौतमी के साथ क्या हुआॽ उसे विश्वास है कि गौतमी आत्महत्या तो नहीं कर सकती क्योंकि वह बहुत मजबूत इंसान थी। तब क्या उसकी हत्या हुई और किसने कीॽ मगर यह पता लगाना आसान नहीं है क्योंकि पुलिस ही मान रही है गौतमी ने खुदकुशी की! सबूत भी ऐसा ही कह रहे हैं।

ताने-बाने में रोमांच
फिल्म को खूबसूरती और चालाकी से शूट किया गया है. लंबे समय तक एक रहस्यमय किरदार आपके सामने होता है और आपको उसका चेहरा नहीं दिखता. किरदारों के सच-झूठ कहानी में समानांतर सामने चलते हैं और आपको मालूम नहीं पड़ता कि आखिर सच क्या है और झूठ क्या. इन सबके बीच रहस्य तब और गहरा होता है, जब गायत्री अपनी बहन का सच जानने के लिए भागदौड़ करती है और जब-जब लगता है कि उसे कुछ पता चलने वाला है, वहीं कोई हत्या हो जाती है! एक और समस्या यह है कि गायत्री भी अपनी बहन की तरह आंखों की बीमारी की शिकार है और उसकी आंखों की रोशनी जाने वाली है. अजय बहल ने पूरी कहानी का ताना-बाना बढ़िया बुना है और वह कहानी में थ्रिल के साथ हॉरर बनाए रखने में भी शुरू से आखिर तक सफल रहे हैं.

एक रफ्तार, एक टोन
अजय बहल के नाम इससे पहले बी.ए. पास और सेक्शन 375 जैसी फिल्में हैं. वह ब्लर से भी न्याय करते हैं. यह फिल्म पूरी तरह से तापसी के कंधों पर है और उन्होंने अपनी भूमिका को बढ़िया ढंग से निभाया है. वह मेहनत करती हैं, जो नजर भी आती है. तापसी के लिए तो यह फिल्म ओटीटी पर दर्शक जुटाएगी, उनके फैन्स भी इससे बहुत राहत महसूस करेंगे. तापसी की पिछली कुछ फिल्मों को बॉक्स ऑफिस और ओटीटी पर अच्छा रेस्पॉन्स नहीं मिला था मगर ब्लर उस शिकायत को दूर कर सकती है. फिल्म शुरू से आखिर तक एक रफ्तार और एक टोन को बनाकर चलती है. अतः कहीं भी देखने वाले का ध्यान नहीं भटकता. ऐसे दर्शक, जिन्हें थ्रिलर और हॉरर फिल्मों में मजा आता है, ब्लर उनकी आंखों में चमक पैदा करेगी.

निर्देशकः अजय बहल
सितारेः तापसी पन्नू, गुलशन देवैया, अभिलाष थपलियाल, कृतिका देसाई 
रेटिंग ***

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