Bollywood Legend: इस फिल्म के बाद राकेश रोशन ने नहीं छोड़ा K का साथ, खाई भगवान की सौगंध और...
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Bollywood Legend: इस फिल्म के बाद राकेश रोशन ने नहीं छोड़ा K का साथ, खाई भगवान की सौगंध और...

Rakesh Roshan Films: यह बात किसी से छुपी नहीं कि ऋतिक रोशन के पिता राकेश रोशन अपनी फिल्मों का टाइटल अंग्रेजी अक्षर K से ही रखते हैं. लेकिन ऐसा नहीं कि उन्होंने शुरू से इस अक्षर पर अपनी फिल्मों के नाम रखे. कब से और कैसे शुरू हुआ इस अंग्रेजी अक्षर के साथ उनका प्यार, जानिए.

 

Bollywood Legend: इस फिल्म के बाद राकेश रोशन ने नहीं छोड़ा K का साथ, खाई भगवान की सौगंध और...

Hrithik Roshan Films: राकेश रोशन के पिता फिल्मों में बड़े संगीतकार थे और सिनेमा की दुनिया उनके लिए जानी-पहचानी थी. लेकिन उन्होंने पिता के काम से आगे बढ़ते हुए न केवल फिल्मों में एक्टिंग की, बल्कि फिल्म का निर्माण और निर्देशन भी किया. यूं तो उनकी गिनती बॉलीवुड के कामयाब निर्माता-निर्देशकों में होती है, मगर उनकी पहचान अपनी फिल्मों के टाइटलों के लिए भी है. बतौर निर्माता-निर्देशक वह अंग्रेजी अल्फाबेट के (K) को अपने लिए इतना लकी मानते हैं कि उनकी फिल्मों का नाम इस अक्षर से शुरू होता है. कहो ना... प्यार है, कोई... मिल गया और कृष तथा कृष 3 उनकी बीते दो दशकों के वे फिल्में हैं, जिनसे उनकी छप्पर फाड़ कमाई हुई.

बन गए प्रोड्यूसर
ऐसा नहीं है कि निर्माता के रूप में उन्होंने अपनी सारी फिल्मों का नाम के अक्षर पर रखा. असल में राकेश रोशन ने फिल्म निर्माण में 1980 में कदम रखा और फिल्म बनाई, आपके दीवाने. फिल्म में राकेश रोशन, ऋषि कपूर और टीना मुनीम थीं. निर्देशक थे, सुरेंद्र मोहन. इसके बाद कामचोर (निर्देशकः के.विश्वनाथ, 1982), जाग उठा इंसान (निर्देशकः के.विश्वनाथ, 1984) और भगवान दादा (जे. ओमप्रकाश, 1986) जैसी फिल्में प्रोड्यूस की. तीनों फिल्मों में राकेश रोशन निर्माता होने के साथ लीड हीरो थे. इन फिल्मों में राकेश रोशन को वैसी सफलता नहीं मिली, जैसी उन्होंने उम्मीद की थी. केवल कामचोर ही वह फिल्म थी, जिसमें रेखा का साथ उन्हें पसंद किया गया और फिल्म सफल रही. इसका संगीत भी खूब चला. इसके बाद राकेश रोशन ने खुद निर्देशन की दुनिया में उतरने का फैसला किया.

चला K का जादू
बतौर निर्देशक राकेश रोशन ने जब फिल्म बनाई, तो कामचोर की सफलता को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने इस फिल्म का टाइटल K से रखा खुदगर्ज. फिल्म में उन्होंने एक्टिंग नहीं की. बल्कि जितेंद्र, शत्रुघ्न सिन्हा और भानुप्रिया को लेकर फिल्म बनाई. इसी फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्होंने ईश्वर के आगे यह कसम खाई कि अगर खुदगर्ज हिट हो गई तो वह जीवन भर के लिए गंजे रहेंगे. फिल्म न केवल बॉक्स ऑफिस पर सफल रही, बल्कि ब्लॉकबस्टर हो गई. राकेश रोशन ने कसम निभाई और आज भी वह गंजे ही रहते हैं. खुदगर्ज के बाद राकेश रोशन का के (K) अक्षर में भरोसा इतना जम गया कि भविष्य में उन्होंने अपनी हर फिल्म का टाइटल इसी अक्षर से शुरू होने वाला रखा. निर्माता के रूप में वह अभी तक 18 फिल्में बना चुके हैं और उनमें से 15 का नाम के से है. जबकि निर्देशक के रूप में उनकी सभी 13 फिल्मों का टाइटल के से है. ये हैं: खुदगर्ज, खून भरी मांग, काला बाजार, किशन कन्हैया, खेल, किंग अंकल, करण अर्जुन, कोयला, कहो ना... प्यार है, कारोबारः द बिजनेस ऑफ लव, कोई... मिल गया, कृष और कृष 3.

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