Gulshan Kumar: गुलशन कुमार ने खाई थी कसम इस गायिका को दूसरी लता मंगेशकर बनाने की, फिर लंबी चली लड़ाई
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Gulshan Kumar: गुलशन कुमार ने खाई थी कसम इस गायिका को दूसरी लता मंगेशकर बनाने की, फिर लंबी चली लड़ाई

Gulshan Kumar T Series: गुलशन कुमार पर बायोपिक अगर बन पाती तो उनकी कहानी सबके सामने आती. एक दौर में जबकि फिल्म उद्योग में संगीत कुछ चुनिंदा कंपनी के हाथों में था और ऑडियो कैसेट बहुत महंगे होते थे, तब गुलशन कुमार ने सबको चुनौती देते हुए टी-सीरीज की स्थापना की. जिसने संगीत को आम आदमी की पहुंच में ला दिया.

 

Gulshan Kumar: गुलशन कुमार ने खाई थी कसम इस गायिका को दूसरी लता मंगेशकर बनाने की, फिर लंबी चली लड़ाई

Anuradha Paudwal: हिंदी फिल्म संगीत को 1990 के दशक में घर-घर पहुंचाने का श्रेय गुलशन कुमार को दिया जाता है. उन्होंने टी-सीरीज कंपनी बना कर ऑडियो कैसेटों की दुनिया में क्रांति कर दी थी. उन्होंने संगीत की दुनिया में अपना साम्राज्य स्थापित किया और बाद में फिल्म प्रोड्यूसर भी बने. उन्होंने फिल्म संगीत के साथ भक्ति संगीत की लहर देश भर में पैदा की और कई नए गायकों को मौका दिया. इन्हीं में एक थीं, अनुराधा पौडवाल. गुलशन कुमार और अनुराध पौडवाल की नजदीकियों की भी बातें होती हैं. संगीत की दुनिया में नई क्रांति करने वाले गुलशन कुमार को इस गायिका पर इतना विश्वास था कि वह कहते थे कि अनुराधा पौडवाल को वह फिल्म इंडस्ट्री की दूसरी लता मंगेशकर बना देंगे.

एकाधिकार को चुनौती
ऐसा भी दौर आया जब टी-सीरीज के ऑडियो कैसेटों ने अनुराधा पौडवाल की लोकप्रियता को आसमान तक पहुंचा दिया. फिल्मी गानों के साथ भक्ति संगीत में उनकी आवाज सुबह से रात तक लोगों के कानों में गूंजती थी. नतीजा यह हुआ कि उन्होंने अपनी प्रतिभा से मंगेशकर बहनों (लता और आशा) के एकछत्र साम्राज्य को चुनौती दी. यह भी कहा जाता है कि अनुराधा ने लता मंगेशकर के एक दिन में सबसे अधिक गाने रिकॉर्ड करने के दावे को भी चुनौती दी थी. अनुराधा पौडवाल मुखर स्वभाव की थीं और उन्होंने मंगेशकर बहनों पर म्यूजिक इंडस्ट्री पर एकाधिकार करने का आरोप लगाया था. हालांकि यह चीजें लंबी नहीं चल सकीं. अनुराधा पौडवाल को इस बात से नुकसान हुआ कि जब उन्हें दूसरी कंपनियों के लिए गीत गाने के ऑफर मिले तो उन्होंने इंकार कर दिया.

एक के बाद एक हादसे
अनुराधा पौडवाल ने घोषणा की कि वह सिर्फ टी-सीरीज के लिए गाएंगी. जबकि उस दौर के तमाम संगीतकार उन्हें गवाना चाहते थे. टी-सीरीज से बाहर न गाने के फैसले ने गुलशन कुमार के साथ उनके अफेयर की चर्चाओं को खूब हवा दी. 1997 में गुलशन की हत्या ने अनुराधा पौडवाल को झकझोर कर रख दिया. इससे पहले 1991 में अनुराधा पौडवाल के संगीतकार पति अरुण पौडवाल की मौत हो चुकी थी. इन घटनाओं ने उनके संगीत करियर को काफी पीछे धकेल दिया. उधर, टी-सीरीज कंपनी की कमान गुलशन कुमार के बेटे के हाथों में आ गई और अनुराधा पौडवाल के लिए दरवाजे बंद हो गए. फिल्मों में भी उन्हें गाने नहीं मिल रहे थे. हालांकि इसके बावजूद अनुराधा पौडवाल आज भी बड़ा नाम हैं. वह बरसों से लाइव शो या भक्ति संगीत के शो कर रही हैं.

 

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