Valmiki Nagar Lok Sabha Election 2024: वाल्‍मीकि नगर में ब्राह्मण वोटों का दबदबा, क्या है चुनावी इतिहास और सियासी समीकरण?
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Valmiki Nagar Lok Sabha Election 2024: वाल्‍मीकि नगर में ब्राह्मण वोटों का दबदबा, क्या है चुनावी इतिहास और सियासी समीकरण?

Valmiki Nagar Lok Sabha Chunav 2024 News: बिहार में वाल्मीकि नगर ऐसा लोकसभा क्षेत्र है जहां ब्राह्मण वोटरों की संख्या सबसे अधिक है. लोकसभा चुनाव 2024 के लिए वाल्मीकि नगर में छठे चरण में 25 मई को मतदान किया जाएगा.

Valmiki Nagar Lok Sabha Election 2024: वाल्‍मीकि नगर में ब्राह्मण वोटों का दबदबा, क्या है चुनावी इतिहास और सियासी समीकरण?

Valmiki Nagar Lok Sabha Election 2024: नेपाल की सीमा के पास बेतिया से लगभग 100 किमी की दूरी पर स्थित वाल्‍मीकि नगर बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के सबसे उत्तरी भाग में एक कस्‍बा है. यहां आबादी कम है. वाल्मीकि नगर संसदीय क्षेत्र 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आया था. इसके अंतर्गत 6 विधानसभा क्षेत्र हैं. इनमें वाल्मीकि नगर, रामनगर, नरकटियागंज, बगहा, लौरिया और सिकटा शामिल है.

वाल्‍मीकि नगर में लगातार एनडीए का दबदबा

2009 के आम चुनाव में बीजेपी-जेडीयू गठबंधन को पूरे बिहार में मिली सफलता का असर इस सीट पर भी दिखाई दिया था. जेडीयू के बैद्यनाथ प्रसाद महतो इस सीट से सांसद चुने गए थे. साल 2014 में यहां पर भगवा रंग फहराया और यहां से सतीशचंद्र दुबे जीतकर संसद पहुंचे. 2019 में फिर से जेडीयू के बैद्यनाथ प्रसाद महतो यहां से सांसद चुने गये. लोकसभा चुनाव 2024 के लिए वाल्मीकि नगर में छठे चरण में 25 मई को मतदान किया जाएगा.
 
रामायण के रचयिता महर्षि वाल्‍मीकि का आश्रम 

वाल्‍मीकि नगर का उल्लेख रामायण में भी मिलता है. इस जगह को वाल्मीकि आश्रम के लिए भी जाना जाता है. माना जाता है कि रामायण के रचयिता महर्षि वाल्‍मीकि का आश्रम यहीं था. उनके नाम पर ही इस जगह का नाम भी वाल्‍मीकि नगर पड़ा था. यहां पर बिजली उत्‍पादन के लिए गंडक नदी के ऊपर एक बांध का भी निर्माण हुआ है. इसका उदघाटन देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने किया था.  

वाल्मीकि नगर में ब्राह्मण वोटर सबसे अधिक

बिहार में वाल्मीकि नगर ऐसा लोकसभा क्षेत्र है जहां ब्राह्मण वोटरों की संख्या सबसे अधिक है. इस क्षेत्र में ब्राह्मण वोटर करीब 2 लाख 15 हजार हैं. इसके बाद थारू जनजाति और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब दो-दो लाख है. कुशवाहा वोट करीब एक लाख 26 हजार हैं. यहां यादव वोटरों की संख्या करीब एक लाख 10 हजार है. यानी यह ब्राह्मण बहुल क्षेत्र है. कांग्रेस ने जातीय समीकरण को ध्यान में रख ही शाश्वत केदार को उम्मीदवार बनाया है.

कांग्रेस ने विरासत की राजनीति पर लगाया दांव  

पिछले चुनाव में भाजपा के टिकट पर जीतने वाले सतीश चन्द्र दूबे ब्राह्मण जाति से ही हैं. केदार पांडेय बिहार के चर्चित मुख्यमंत्री रहे हैं. उनके चुस्त शासन को आज भी लोग फक्र से याद करते हैं. वे केन्द्र सरकार में रेल मंत्री भी रहे थे. उनकी गिनती कांग्रेस के प्रतिष्ठित नेताओं में होती है. केदार पांडेय के पुत्र मनोज पांडेय 1984 में बेतिया से सांसद चुने गये थे. करीब 15 साल पहले मनोज पांडेय का असामयिक निधन हो गया था. शास्वत केदार, मनोज पांडेय के पुत्र हैं. शाश्वत अपनी मां के साथ दिल्ली में रहते हैं. उनकी मां केन्द्र सरकार में सेवारत हैं. शाश्वत दिल्ली में युवा कांग्रेस में सक्रिय रहे हैं. शाश्वत के समृद्ध राजनीतिक विरासत को देख कर कांग्रेस ने उन पर दांव लगाया है.

वन क्षेत्र और प्राकृतिक संसाधन भरपूर वाल्मीकि नगर 

वाल्मीकि नगर बिहार का एक छोटा लोकसभा क्षेत्र हैं. यहां पर बुनियादी सुविधाओं के अलावा रोजगार, सड़क और पेयजल बड़ा मुद्दा है. इसके अलावा शिक्षा को लेकर भी काफी असंतोष है. बड़े विश्वविद्यालय और कॉलेज नहीं होने से यहां पर उच्च शिक्षा की बड़ी समस्या है. इसको लेकर कई बार आंदोलन भी हो चुके हैं. हालांकि वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र है और प्राकृतिक संसाधन भरपूर हैं.

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