Purnia Lok Sabha Election 2024: पूर्णिया में जीत से तय होगी सीमांचल की दिशा, हैट्रिक की कोशिश में जदयू, कांग्रेस से पप्पू यादव की दावेदारी
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Purnia Lok Sabha Election 2024: पूर्णिया में जीत से तय होगी सीमांचल की दिशा, हैट्रिक की कोशिश में जदयू, कांग्रेस से पप्पू यादव की दावेदारी

Purnia Lok Sabha Chunav 2024 News: पूर्वी बिहार का सबसे बड़ा शहर, प्रमंडल और जिला मुख्यालय पूर्णिया छह विधानसभा सीटों को मिलाकर बना एक अहम लोकसभा क्षेत्र भी है. सीमांचल की इस प्रमुख लोकसभा सीट से आसपास के कई इलाकों की राजनीति तय होती है.

Purnia Lok Sabha Election 2024: पूर्णिया में जीत से तय होगी सीमांचल की दिशा, हैट्रिक की कोशिश में जदयू, कांग्रेस से पप्पू यादव की दावेदारी

Purnia Lok Sabha Election 2024: बिहार की 40 लोकसभा सीटों में एक पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र का गठन छह विधानसभा सीटों को मिलाकर किया गया है. प्रमंडल और जिला मुख्यालय पूर्णिया नॉर्थ इस्ट बिहार का सबसे बड़ा शहर है. इस जिले में पवित्र गंगा के अलावा कोसी, महानंदा और पनार नदियां बहती हैं. तंबाकू के खूब उत्पादन के लिए मशहूर पूर्णिया में मोटे रंगीन कपड़े, चटाइयां तथा जूट के सामान बनाए जाते हैं. 

सीमांचल और आसपास के इलाके की सियासी दिशा तय करता है पूर्णिया

नेपाल और बंगाल से सटे पूर्णिया शहर के बीच से होकर एनएच 31 गुजरता है. यह ईस्ट-वेस्ट कोरीडोर का हिस्सा है. यह उत्तर भारत को असम, सिक्किम, मेघालय, अरुणाचल, त्रिपुरा, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और भूटान से जोड़ता है. वहीं, एनएच 107 और 57 पूर्णिया को कोसी और मिथिलांचल से जोड़ता है. एनएच 131 (1) बिहार और झारखंड की दूरी कम करने वाला राजमार्ग है. 

बिहार की राजधानी पटना से करीब 303 किलोमीटर और राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली से 1369 किलोमीटर दूरी पर स्थित पूर्णिया से सीमांचल के कई जिले और लोकसभा सीटों की सियासी दिशा तय होती है.

पूर्णिया लोकसभा में छह विधानसभा सीट, तीन पर भाजपा के विधायक

पूर्णिया जिला में कुल सात विधानसभा क्षेत्र हैं, लेकिन पूर्णिया लोकसभा में छह विधानसभा ही शामिल हैं. पूर्णिया जिला का अमौर और बायसी विधानसभा क्षेत्र किशनगंज लोकसभा सीट में आता है. वहीं, कटिहार जिला का कोढ़ा विधानसभा क्षेत्र पूर्णिया लोकसभा में आता है. पूर्णिया लोकसभा सीट में बनमनखी, धमदाहा, रुपौली, कसबा, पूर्णिया और कोढ़ा विधानसभा क्षेत्र है. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में भाजपा ने तीन, जदयू ने दो और कांग्रेस ने एक सीट पर जीत दर्ज की थी.

पूर्णिया लोकसभा सीट पर इस बार कैसा होगा राजनीतिक समीकरण

लोकसभा चुनाव 2019 में एनडीए में शामिल जदयू के संतोष कुशवाहा लगातार दूसरी बार जीतने में कामयाब रहे थे. इससे पहले 2014 में जदयू और भाजपा अलग-अलग लड़े थे. तब जदयू की टिकट पर चुनाव जीतकर संतोष कुशवाहा लोकसभा पहुंचे थे. लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पूर्णिया में दूसरे चरण में 26 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. एनडीए के सीटों के बंटवारे में पूर्णिया इस बार भी जदयू के खाते में है. कांग्रेस के उदय सिंह यहां दूसरे नंबर पर रहे थे. इस बार इंडिया गठबंधन में कांग्रेस पप्पू यादव के लिए यह सीट चाह रहा है. हालांकि, राजद भी अपना दावा छोड़ता नहीं दिख रहा है. फिलहाल एनडीए या इंडी गठबंधन ने अपने उम्मीदवारों का एलान नहीं किया है. 

पूर्णिया लोकसभा सीट पर सामाजिक और जातीय हिसाब-किताब

पूर्णिया लोकसभा सीट में 60 फीसदी मतदाता हिंदू और 40 फीसदी मतदाता मुस्लिम हैं. पूर्णिया लोकसभा में कुल वोटरों की संख्या 13 लाख 5 हजार 396 है. इनमें से 6 लाख 88 हजार 182 पुरुष वोटर और 6 लाख 17 हजार 214 महिला मतदाता हैं. हिंदुओं में जाति के हिसाब से देखें तो मतदाताओं में पांच लाख एससी-एसटी, ईबीसी और ओबीसी हैं.

पूर्णिया में यादव डेढ़ लाख, ब्राह्मण सवा लाख और राजपूत मतदाताओं की संख्या सवा लाख से अधिक हैं. इसके अलावा एक लाख से थोड़ा ज्यादा दूसरी जातियों के मतदाता हैं. यहां लगभग सात लाख मुस्लिम वोटर्स हैं. कसबा, कोढ़ा और बनमनखी में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अधिक है. बनमनखी में यादव मतदाता सबसे ज्यादा हैं. धमदाहा, रुपौली और पूर्णिया में ब्राह्मण और राजपूत वोटर अधिक हैं. कोढ़ा में एससी-एसटी, ईबीसी और ओबीसी मतदाताओं की बहुलता है. 

पूर्णिया लोकसभा सीट पर अब तक चुनावी हार-जीत का इतिहास

देश की आजादी के बाद से 1977 तक पूर्णिया लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रहा. फणि गोपाल सेन यहां के पहले सांसद बने. 1967 तक इस लोकसभा सीट से वह सांसद रहे. 1971 में कांग्रेस के टिकट पर ही मोहम्मद ताहिर जीतकर सांसद बने. आपातकाल के बाद 1977 में जेपी लहर में यह सीट कांग्रेस की झोली से छिन गयी. लखनलाल कपूर यहां के पहले गैर कांग्रेसी सांसद बने. 1980 में माधुरी सिंह की जीत के साथ यह सीट फिर कांग्रेस के पास चली गई. 1980 से 1989 तक माधुरी सिंह पूर्णिया की सांसद रहीं.

लोकसभा चुनाव 1989 में जनता दल के टिकट पर मो तस्लीमुद्दीन सांसद बने. 1991 में निर्दलीय और फिर 1996 में सपा की टिकट पर राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव पूर्णिया के के एमपी बने. 1998 में भाजपा के जयकृष्ण मंडल सांसद चुने गए. 1999 में पप्पू यादव यहां से निर्दलीय चुनाव लड़कर सांसद बने. 2004 और 2009 में भाजपा से उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह सांसद बने थे. लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में जदयू के संतोष कुशवाहा सांसद बने.

पूर्णिया लोकसभा सीट में अब तक चुने गए सांसदों की सूची

1952: फणी गोपाल सेन गुप्ता, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (पूर्णिया सेंटरल सीट के रूप में)

1952: मानेकलाल मदनलाल गांधी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (पूर्णिया-संथाल सीट के रूप में)

1952: बेंजमन हांसदा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (पूर्णिया-संथाल सीट के रूप में)
1952: मुहम्मद इस्लामुद्दीन, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (पूर्णिया-उत्तर क्षेत्र के रूप में)
1957: फणी गोपाल सेन गुप्ता, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1962: फणी गोपाल सेन गुप्ता, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1967: फनी गोपाल सेन गुप्ता, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1971: मोहम्मद ताहिर, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1977: लखन लाल कपूर, भारतीय लोक दल
1980: माधुरी सिंह, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (इंदिरा)
1984: माधुरी सिंह, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1989: मोहम्मद तस्लीमुद्दीन, जनता दल
1991: राजेश रंजन, स्वतंत्र
1996: राजेश रंजन, समाजवादी पार्टी
1998: जय कृष्ण मंडल, भारतीय जनता पार्टी
1999: राजेश रंजन, स्वतंत्र
2004: उदय सिंह, भारतीय जनता पार्टी
2009: उदय सिंह, भारतीय जनता पार्टी
2014: संतोष कुमार कुशवाहा, जनता दल (यूनाइटेड)
2019: संतोष कुमार कुशवाहा, जनता दल (यूनाइटेड)

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