Karakat Lok Sabha Election 2024: काराकाट में एनडीए का सियासी वर्चस्व, यादव और कुर्मी-कोयरी वोटों से जीत का रास्ता
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Karakat Lok Sabha Election 2024: काराकाट में एनडीए का सियासी वर्चस्व, यादव और कुर्मी-कोयरी वोटों से जीत का रास्ता

Karakat Lok Sabha Chunav 2024 News: दक्षिण बिहार की काराकाट लोकसभा सीट का नाम पहले बिक्रमगंज हुआ करता था. साल 2008 के परिसीमन के बाद इसका नाम बदलकर काराकाट हो गया. उसके बाद से अब तक हुए तीन लोकसभा चुनाव में एनडीए ने लगातार कब्जा बनाए रखा है. भाजपा ने यहां कभी अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है. 

Karakat Lok Sabha Election 2024: काराकाट में एनडीए का सियासी वर्चस्व, यादव और कुर्मी-कोयरी वोटों से जीत का रास्ता

Karakat Lok Sabha Election 2024: बिहार के काराकाट लोकसभा क्षेत्र का नाम पहले बिक्रमगंज हुआ करता था. साल 2008 में नए परिसीमन के बाद यह काराकाट हो गया. उसके बाद 2009 में यहां पहली बार लोकसभा चुनाव हुआ था. तब जदयू उम्मीदवार महाबली सिंह ने जीत हासिल की थी. 2014 में रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा काराकाट से सांसद चुने गए और केंद्र में मंत्री बने. उसके बाद 2019 के चुनाव में महाबली सिंह ने फिर से यह सीट जीत ली. यानी काराकाट लोकसभा सीट पर अब तक एनडीए का कब्जा बना हुआ है. 

लोकसभा चुनाव 2024 में क्या होगा सियासी समीकरण

लोकसभा चुनाव 2024 में महाबली सिंह और उपेंद्र कुशवाहा दोनों ही एनडीए गठबंधन में हैं. इसलिए उम्मीदवार का चयन पेचीदा हो गया है. काराकाट लोकसभा सीट पर भाजपा ने कभी अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है. हर बार एनडीए के सहयोगी दल का ही भाजपा ने समर्थन किया है. इस बार रालोजद प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा इस सीट को अपने खाते में लेने के लिए अड़े हैं. क्योंकि मुख्य मुकाबला एनडीए और इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार के बीच ही होने वाला है. राजद की ओर से पुरानी उम्मीदवार कांति सिंह रिपीट की जा सकती हैं. वहीं, तेजस्वी यादव किसी नए चेहरे पर भी दांव लगा सकते हैं.

काराकाट लोकसभा सीट पर जातीय समीकरण

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक काराकाट लोकसभा क्षेत्र में यादव, कुशवाहा, राजपूत, ब्राह्मण, भूमिहार, दलित, महादलित, कुर्मी, वैश्य और मुस्लिम मतदाताओं की ठीकठाक संख्या है. सबसे ज्यादा यादव मतदाता हैं. उनकी आबादी तीन लाख से भी ज्यादा बताई जाती है. इसके अलावा सवर्ण मतदाता भी निर्णायक भूमिका में रहते हैं. इस सीट पर राजपूत और वैश्य मतदाताओं की संख्या भी दो-दो लाख है. वहीं, ब्राह्मण 75 हजार और भूमिहार समाज के 50 हजार वोटर हैं.

इसके अलावा, कुशवाहा (कोइरी) और कुर्मी मतदाताओं की संख्या मिलाने पर करीब ढाई लाख होता है. मुस्लिम वोटर्स भी काराकाट सीट पर खासा असर रखते हैं. उनकी आबादी करीब डेढ़ लाख है. कहा जाता है कि यादव और कुर्मी-कोयरी वोट बैंक को साध लेने से काराकाट में जीत हासिल की जा सकती है. 

काराकाट लोकसभा की सभी 6 विधानसभा सीटों पर इंडिया गठबंधन का कब्जा

काराकाट लोकसभा सीट में छह विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के नतीजे के मुताबिक इनमें रोहतास जिले के नोखा, डेहरी, काराकाट और औरंगाबाद जिले के गोह, ओबरा, नबीनगर में सभी सीटों पर महागठबंधन या इंडिया गठबंधन का कब्जा है. काराकाट विधानसभा पर भाकपा माले ने जीत हासिल की थी. उसके अलावा पांचों सीटों पर राजद हावी रही थी. वहीं, काराकाट लोकसभा सीट से जदयू के महाबली सिंह सांसद हैं.

काराकाट लोकसभा क्षेत्र में स्थानीय या राष्ट्रीय मुद्दों पर जातीय समीकरण हावी
 
लगभग 400 राइस मिल से भरे और चावल उत्पादन के लिए मशहूर काराकाट लोकसभा क्षेत्र में कुल आबादी 24,89,118 है. वहीं, मतदाताओं की संख्‍या 18,16,644 हैं. यहां की साक्षरता दर 73.33 प्रतिशत है. राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली से इस लोकसभा क्षेत्र की दूरी 980 किलोमीटर और बिहार की राजधानी पटना से करीब 126 किलोमीटर है. भोजपुरी और हिंदी भाषी काराकाट लोकसभा क्षेत्र में स्थानीय या राष्ट्रीय मुद्दों पर जातीय समीकरण ही हावी रहते हैं.

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