Ghulam Nabi Azad: आजाद ने ग्रुप 23 का भी जिक्र किया और कहा कि पहले कांग्रेस में व्यवस्था परिवर्तन के लिए 23 नेता लड़ रहे थे, लेकिन नेतृत्व कुछ नहीं सुन रहा था. जब मुद्दे उठाए गए तो उनको कहा गया कि कहा कि वे बीजेपी जैसी बातें कर रहे हैं.
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Loksabha Chunav 2024: पूर्व कांग्रेसी दिग्गज, जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी डीपीएपी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने बीजेपी और कांग्रेस को लेकर चौंकाने वाला तर्क रख दिया है. लोकसभा चुनावों के संबंध में उन्होंने कहा कि कि कभी-कभी उन्हें लगता है कि कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन किया है, और वह बीजेपी को ही जिताना चाहती है. उन्होंने आगे यह भी कहा कि कांग्रेस खुद को मजबूत करने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है. इसलिए मुझे संदेह होता है कि कांग्रेस ने बीजेपी के साथ गठबंधन किया है.
असल में सोमवार को डोडा में जनसभा को संबोधित करते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि चुनाव धर्म पर नहीं बल्कि विकास पर लड़ा जाता है. जो भी पार्टी सत्ता में आती है उनके लिए सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी और महंगाई कम करना है. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस कमजोर हो रही है और वह अपनी वजह से ही ऐसी हो रही है.
'370 पर कांग्रेस पार्टी मौन है'
वहीं इसके अलावा आजाद ने ग्रुप 23 का भी जिक्र किया और कहा कि पहले कांग्रेस में व्यवस्था परिवर्तन के लिए 23 नेता लड़ रहे थे, लेकिन नेतृत्व कुछ नहीं सुन रहा था. जब मुद्दे उठाए गए तो उनको कहा गया कि कहा कि वे बीजेपी जैसी बातें कर रहे हैं. आजाद ने कहा कि अनुच्छेद 370 पर कांग्रेस पार्टी मौन है, लेकिन उन्होंने हमेशा अनुच्छेद 370 और 35ए के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की वकालत की है.
अब्दुल्ला पर भी हमला बोला..
उन्होंने कांग्रेस के अलावा उमर अब्दुल्ला पर भी हमला बोला. आजाद ने कहा कि उमर अब्दुल्ला घाटी में केवल ‘पर्यटक’ के रूप में आते हैं, जबकि वह गर्मी के दिन लंदन में तो जाड़े के दिन किसी गर्म देश में बिताते हैं. उमर अब्दुल्ला पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि उमर साहब आप गर्मियों के दौरान लंदन में अपने नाना के घर जाते हैं और सर्दियों के दौरान किसी गर्म देश में और आप यहां एक पर्यटक के रूप में आते हैं.
अब्दुल्ला ने यूं किया पलटवार..
खास बात यह रही कि उमर अब्दुल्ला ने भी गुलाम नबी आजाद पर पलटवार किया. डोडा में ही एक रैली के दौरान उमर अब्दुल्ला ने आजाद को चुनौती दी कि वह ‘‘कैमरे के पीछे छिपने’’ और उनकी पार्टी को निशाना बनाकर बयान देने के बजाय उनके खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ें. उन्होंने कहा कि वह अपनी ताकत आजमाने के लिए मेरे खिलाफ (चुनाव) लड़ें. कैमरे के पीछे छिपना और बयान देना बहुत आसान है. अगर वह मर्द हैं तो वह मेरे खिलाफ लड़ें. मैं देखूंगा कि उन्हें कितने वोट मिलते हैं.