Kalki Dham: कौन हैं कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम, कहां से और कितनी की है पढ़ाई?
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Kalki Dham: कौन हैं कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम, कहां से और कितनी की है पढ़ाई?

Who is Acharya Pramod Krishnam: आचार्य प्रमोद कृष्‍णम ने अपने गांव में कल्कि धाम की स्‍थापना की है. आचार्य प्रमोद कृष्णम कल्कि पीठाधीश्वर हैं.

Kalki Dham: कौन हैं कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम, कहां से और कितनी की है पढ़ाई?

Peethadheeshwar Kalki Dham: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज उत्तर प्रदेश के संभल जिले में भगवान कल्कि मंदिर का शिलान्यास किया. इस मंदिर के पीठाधीश्वर के बारे में आपको हम बताने जा रहे है आचार्य प्रमोद कृष्णम कौन हैं, उन्होंने कहां से और कितनी पढ़ाई की है?

कौन हैं आचार्य प्रमोद कृष्णम

आचार्य प्रमोद कृष्‍णम ने अपने गांव में कल्कि धाम की स्‍थापना की है. आचार्य प्रमोद कृष्णम कल्कि पीठाधीश्वर हैं. उन्होंने  संभल में भव्य कल्कि मंदिर बनवाने का संकल्प लिया था. जो कल्कि धाम के मुख्य पुजारी हैं, 15 साल से अधिक समय से कल्कि धाम से जुड़े हुए हैं.आचार्य प्रमोद कृष्णम का जन्म 4 जनवरी 1965 को उत्तर प्रदेश के संभल के गांव एंचोड़ा कम्बोह में ब्राह्मण परिवार में हुआ था. आचार्य प्रमोद कृष्णम कांग्रेस नेता रहे है. वह कांग्रेस के टिकट पर 2 बार लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. इन्हें  2014 में संभल और दूसरी बार 2019 में लखनऊ से प्रत्याशी बनाया था. 

पढ़ाई की बात करें तो आचार्य कृष्णम ने किसान इंटर कॉलेज ताहरपुर मुरादाबाद से साल 1979 में हाईस्कूल किया था. वहीं इंटरमीडिएट की पढ़ाई एमएमएचवी इंटर कॉलजे गाजियाबाद से साल 1981 में की थी. इसके बाद ग्रेजुएशन करने के लिए पिलखुआ के आरएसएस कॉलेज में एडमिशन लिया और वहां से ग्रेजुएशन में साल 2000 में बीए किया. इसके बाद चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से ही एफिलेटेड आरएसएस कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस में साल 2002 में एमए की पढ़ाई पूरी कर ली. 

कैसा होगा कल्कि धाम

ये मंदिर विष्णु जी के 10वें अवतार भगवान कल्कि को समर्पित होगा. कल्कि धाम मंदिर में भगवान विष्णु के 10 अवतारों के लिए अलग-अलग 10 गर्भगृह होंगे. मंदिर में 68 तीर्थों की स्थापना होगी. 5 एकड़ में बनने जा रहा ये मंदिर 5 साल में तैयार होगा. खास बात ये है कि इस मंदिर में भी स्टील और लोहे का उपयोग नहीं किया जाएगा. मंदिर 11 फीट ऊंचे चबूतरे पर होगा, शिखर की ऊंचाई 108 फीट होगी.

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