GK: यहां अगर कोई मर जाए तो परिवार में महिलाओं को मिलती है मौत से भी दर्दनाक सजा, इतनी बार निभाते हैं ये परंपरा!
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GK: यहां अगर कोई मर जाए तो परिवार में महिलाओं को मिलती है मौत से भी दर्दनाक सजा, इतनी बार निभाते हैं ये परंपरा!

पूरी दुनिया में पुराने समय से अजीबोगरीब परंपराएं चली आ रही हैं. आज भी विश्व के ज्यातर हिस्सों में इन रीति-रिवाजों को पूरी शिद्दत से निभाया जाता है.

GK: यहां अगर कोई मर जाए तो परिवार में महिलाओं को मिलती है मौत से भी दर्दनाक सजा, इतनी बार निभाते हैं ये परंपरा!

Weird Tradition Of Indonesia Tribe: पूरी दुनिया में पुराने समय से अजीबोगरीब परंपराएं चली आ रही हैं. आज भी विश्व के ज्यातर हिस्सों में इन रीति-रिवाजों को पूरी शिद्दत से निभाया जाता है. कहीं लोगों के मरने पर उनकी राख से घर वालों को सूप बनाकर पीना पड़ता है तो कहीं शादी के बाद दूल्हा-दुल्हन को कमरे में बंद करने की परंपरा है, जिसमें उन्हें वॉशरूम तक नहीं जाने दिया जाता. ऐसी ही एक अजीबोगरीब परंपरा है, जिसमें किसी व्यक्ति के मरने पर उसके परिवार की महिलाओं की अंगुली का एक हिस्सा काट दिया जाता है. 

आइए जानते हैं कि आखिर कहां निभाई जाती है ऐसी दर्दनाक परंपरा और ऐसा करने के पीछे क्या वजह होती है. इसके साथ ही जानते हैं कि आखिर इस अजीबोगरीब परंपरा में किस तरह के नियमों का पालन करना होता है. 

जानिए इस दर्दनाक परंपरा के बारे में
इसे परंपरा कहना गलत ही होगा, क्योंकि यह मौत की सजा से भी बदतर है. यह रिवाज इंडोनेशिया की एक जनजाति में निभाया जाता है. लंबे समय से फॉलो की जा रही इस परंपरा पर जानकारी खोजने पर कई रिपोर्ट्स सामने आईं, जिनके अनुसार इस जनजाति में जब भी कोई मर जाता है तो उस परिवार की महिलाओं को इस दर्दनाक सजा का सामना करना पड़ता है, जिसके तहत परिवारजन की मौत के बाद महिलाओं के हाथ की एक अंगुली को बेरहमी से आधा काट दिया जाता है. 

बार-बार करना पड़ता है इस रिवाज का सामना 
सबसे डरावनी बात ये है कि यह परंपरा केवल एक बार नहीं होती. महिलाओं को कई बार इस दर्दनाक परंपरा से होकर गुजरना पड़ता है. बता दें कि इस अंगुली को काटने के बाद या तो कहीं दबा दिया जाता है या फिर जला दिया जाता है.

क्या होती है ये परंपरा?
इस जनजाति के लोगों का यह विश्वास है कि इस परंपरा को निभाने से उनके पैतृक की आत्मा को शांति मिलती है. हालांकि, महिलाओं पर किए जा रहे इसे अत्याचार को लेकर इसका कई बार विरोध भी किया जा चुका है और अब इसे बंद करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक यह परंपरा पहले की अपेक्षा अब कम हो गई है. 

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